Mrutyulok ki Kitaab - 1 in Hindi Horror Stories by Abhishek Chaturvedi books and stories PDF | मृत्युलोक की क़िताब - 1

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मृत्युलोक की क़िताब - 1

"मृत्युलोक की क़िताब"



        यह कहानी है एक छोटे से गाँव की, जहाँ सर्दियों की शामें जल्दी उतर आती थीं और घने कोहरे में गाँव खो सा जाता था। इस गाँव में अजीबो-गरीब घटनाएँ होती रहती थीं, जिनका कोई भी कारण नहीं जानता था। गाँव के लोग हमेशा एक पुरानी हवेली से दूर रहते थे, जो गाँव के बाहर एक घने जंगल के बीच स्थित थी। उस हवेली के बारे में कहा जाता था कि वहाँ एक "रहस्यमयी किताब" है, जिसे पढ़ने वाला न केवल अपने जीवन को खो देता है, बल्कि अपनी आत्मा को भी...

 हवेली का आकर्षण और रहस्य...

अमन एक 30 साल का युवक था, जो अपने शहर से गाँव अपने दादा-दादी के पास आया था। वह एक पुरातत्वविद् था और उसे रहस्यमयी चीज़ों में बहुत दिलचस्पी थी। गाँव के लोग उस हवेली के बारे में फुसफुसाते हुए बातें करते थे, लेकिन कोई भी उस हवेली के करीब जाने का साहस नहीं करता था। अमन को इस जगह के बारे में सुनकर अजीब सा आकर्षण हुआ। एक शाम, जब कोहरा पूरे गाँव में छा गया था, अमन ने हवेली की ओर जाने का फैसला किया।

हवेली बहुत पुरानी और जर्जर हो चुकी थी, उसकी दीवारों पर काई लगी हुई थी और दरवाजे टूटे-फूटे थे। हवेली के अंदर अंधेरा और सन्नाटा था। अमन ने टॉर्च की रोशनी में इधर-उधर देखा। अचानक उसकी नज़र एक कमरे पर पड़ी, जिसकी दीवारों पर अजीबोगरीब चित्र बने हुए थे। कमरे के बीचों-बीच एक लकड़ी की मेज़ पर एक पुरानी किताब रखी हुई थी। किताब की सजावट बहुत अजीब थी—उस पर कई प्रकार की रहस्यमयी चिह्न बने हुए थे।

क़िताब का अनावरण....
अमन ने उत्सुकता से उस किताब को उठाया। उसकी उपस्थिति में ही कुछ अजीब सा हुआ—कमरा ठंडा होने लगा, और अमन के शरीर में अजीब सी कंपकंपी दौड़ गई। किताब का कवर मोटे चमड़े से बना हुआ था, और जब उसने उसे खोला, तो उसके अंदर की भाषा को वह समझ नहीं पाया। लेकिन उसे ऐसा लगा जैसे किताब के शब्द उसकी आत्मा में समा रहे हों। उसे एक अजीब सी बेचैनी और घबराहट महसूस होने लगी। उसने किताब को बंद करने की कोशिश की, लेकिन उसके हाथ अनजाने में ही पन्नों को पलटते चले गए।

किताब के अंदर जैसे ही उसने एक विशेष पन्ना खोला, अमन को अपने परिवार के सदस्यों के चेहरे दिखाई देने लगे। वह दंग रह गया। हर एक पन्ने पर उसके परिवार के किसी सदस्य का चेहरा उभर आता, और हर चेहरे के साथ एक अजीब सा खौफनाक दृश्य जुड़ा होता।

भयानक सपने

उस रात अमन ने हवेली से लौटने के बाद अपने कमरे में खुद को बंद कर लिया। उसे डरावने सपने आने लगे—वह अपने परिवार को दर्दनाक तरीके से मरते हुए देख रहा था। सपनों में वह खुद भी उन घटनाओं का हिस्सा बन रहा था, जैसे वह खुद उन पर अत्याचार कर रहा हो। वह पसीने में तर-बतर जागता, लेकिन फिर से सोने पर वही सपना उसे सताने लगता।

धीरे-धीरे अमन की मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी। उसने खुद को बाकी दुनिया से काट लिया। गाँव के लोग उसे देखते थे, लेकिन उसके अजीबोगरीब व्यवहार से वे और भी डरने लगे। अमन के सपने अब उसकी जागती आँखों के सामने भी आने लगे। वह अपने परिवार के सदस्यों को देखकर घबराने लगा था। 

अगले भाग में जाने उसके क़िताब का प्रभाव कैसा था ? कैसा है ? और कैसा होगा क्या होगा?
क़िताब का प्रभाव.......................