अब आगे,
रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने जैसे ही उस लड़के को देखा तो उस ने फिर से पूछा, "आप..आप यहां क्या कर रहे हो...?"
अब वो लड़का रूही के चेंजिंग रूम का दरवाजे पर से अपना हाथ हटा कर रूही की इकलौती दोस्त खुशी को ही देख रहा था और रूही ने जैसे ही देखा कि उस लड़के ने अपना हाथ चेंजिंग रूम के दरवाजे से हटा लिया तो उस ने झट से अपने चेंजिंग रूम का दरवाजा बंद कर दिया..!
चेंजिंग रूम के दरवाजा बंद होने से दोनो का ध्यान उधर गया मगर रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने फिर से उस लड़के से पूछा, "आप यहां क्या कर रहे हो...?"
रूही की इकलौती दोस्त खुशी का सवाल सुन कर उस लड़के ने खुशी से कहा, "वही जो तुम करने आई हो..!"
रूही की इकलौती दोस्त खुशी, उस लड़के का जवाब सुन कर कन्फ्यूजन से उस को देखने लगी तो उस लड़के ने खुशी के सिर पर मारते हुए उस से दुबारा से कहा, "अरे पागल लड़की, ये कपड़ो की शॉप है तो जाहिर सी बात ही कपड़े ही लेने आया हूंगा ना..!"
उस लड़के की बात सुन कर, रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उस से कहा, "अपना ये हाथ अपने पास रखिए इस से मेरे बालो का हेयर स्टाइल खराब हो रहा है और रही बात इस शॉप की तो ये तो मुझे भी पता है कि ये कपड़ो की शॉप है और आप यहां अपने लिए कपड़े लेने आए हो..!"
रूही की इकलौती दोस्त खुशी आगे बोल पाती उस से पहले ही वो लड़का बीच में बोल पड़ा, "वही तो पर तुझ पागल को कौन समझाए..!"
उस लड़के की बात सुन कर, रूही की इकलौती दोस्त खुशी उस को घूर के देखने लगी तो वो लड़के ने उस से कहा, "अच्छा..अच्छा अब घूर मत..!"
उस लड़के की बात सुन कर, अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उस लडके से कहा, "पर आप इस गर्ल्स सेक्शन में क्या कर रहे हैं..?"
रूही की इकलौती दोस्त खुशी की बात सुन कर, अब उस लड़के ने उस से कहा, "अरे वो बॉयज सेक्शन के चेंजिंग रूम फुल हो गए थे और मै काफी देर तक इंतजार करते करते थक गया और फिर मैंने देखा कि गर्ल्स सेक्शन मे ज्यादा भीड़ नजर नही आई तो मै यहां पर चेंज करने आ गया और तो मै यहां इतनी देर से उस लड़की (रूही) के आने का इंतजार कर रहा था और जब उस ने दरवाजा खोला तो मै उस को देखता ही रह गया और मुझे ऐसा लगा मानो आसमान से कोई अप्सरा उतर आई हो..!"
उस लड़के के मुंह से अपने सब से अच्छी दोस्त रूही के लिए तारीफ सुन कर रूही की इकलौती दोस्त खुशी के चेहरे पर मुस्कान आ गई और वही वो लड़का अपनी बात कह कर फिर से रूही के ख्याल मे खोता लगाने लगा..!
तो रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उस लड़के के चेहरे के सामने अपने हाथ से चुटकी बजाई तब जाकर वो लड़का अपने होश में वापस आ गया तो अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उस लड़के से कहा, "ओ हेलो, मेरी सब से अच्छी दोस्त से दूर ही रहना, समझ में आया आप को..!"
रूही की इकलौती दोस्त खुशी की बात सुन कर वो लड़का अब उस को ही देखने लगा और साथ में उस की आंखो में एक चमक सी आ गई थी पर रूही की इकलौती दोस्त खुशी को समझ में नही आ रहा था और उस ने अपने मन में कहा, "अब इन को क्या हो गया जो इतना खुश हो रहे है..!"
To be Continued......❤️✍️
हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।