Devil Ceo's Sweetheart - 64 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 64

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 64

अब आगे,

जब खुशी ने कहा था कि उस ने यानी इस बनारस शहर के पुलिस कमिश्नर के साथ अपनी फोटो अपने फोन के वॉलपेपर के रूप में लगा रखी है..!

तो उस दूसरी फीमेल एम्प्लॉय के तो पहले ही होश उड़ चुके थे मगर अब तो उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप में खड़ा हर एक इंसान शॉक हो गया शिवाए दो लोगो के और एक है हमारी रूही और दूसरे है उस एक्सपेंसिव शॉप के मैनेजर..! 

मगर रूही हैरान तो थी पर इस लिए नही कि उस की इकलौती दोस्त खुशी के पिता इस बनारस शहर के पुलिस कमिश्नर है बल्कि इस लिए कि आज पहली बार उस ने अपनी इकलौती दोस्त खुशी का ये बदला हुआ रूप देखा था..!

कि उस ने हाथ में अपनी लाइसेंसी गन पकड़ी हुई थी और उस का ये बदला हुआ रूप उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप में मौजूद सभी लोगो को डरा रही थी..!

और साथ में रूही को लग रहा था कि उस की इकलौती दोस्त खुशी उन दोनो फीमेल एम्प्लॉय को अपनी लाइसेंसी गन से डरा रही है मगर हमारी खुशी तो अपनी सब से अच्छी दोस्त रूही की बेज्जती और बातामीजी का बदला लेते हुए उन दोनो फीमेल एम्प्लॉय को अच्छे से सबक सीखा रही थी..! 

रूही की इकलौती दोस्त खुशी की इस हरकत पर अब उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप का मैनेजर भी थर थर कांप रहा था मगर वो ये किसी को न दिखाते हुए अब एक साइड में खड़ा हो गया था..! 

अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के मैनेजर को अपनी लाइसेंसी गन के इशारे से बुलाते हुए उस से कहा, "इधर आओ..!" 

खुशी के एक इशारे पर उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप का मैनेजर अब खुशी से कुछ दूरी पर आकर खड़ा हो गया और अब वो उस एक्सपेंसिव शॉप का मैनेजर उस से थोड़ा हकलाते हुए कहने लगा, "ज...जी मा..मैम कहिए..!" 

उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के मैनेजर को ऐसे हकलाता हुआ देख कर अब खुशी उस एक्सपेंसिव शॉप के मैनेजर को अपनी आंखो को छोटा करते हुए देखने लगी..!

तो अब उस एक्सपेंसिव शॉप के मैनेजर ने अपना सिर नीचे कर लिया जबकि वो अच्छे से रूही की इकलौती दोस्त खुशी को जानता था कि उस का व्यवहार कैसा है पर फिर भी वो उस को देख थर थर कांप रहा था और साथ में उस के सामने हकला भी रहा था..! 

अब खुशी ने उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप के मैनेजर से उन दोनो फीमेल एम्प्लॉय की तरफ इशारा करते हुए कहा, "आज के बाद इन दोनो फीमेल एम्प्लॉय को इस मॉल तो क्या पूरे बनारस में कही भी काम नही मिलना चाहिए और इन को पूरी जिंदगी ये बात याद रहेगी कि इन होने किस लड़की की बिना किसी वजह के बेज्जती करी थी और उस की वजह से ही इन दोनो को ये सजा मिली है जिस का खामियाजा इन दोनो के परिवार वाले भुक्तेंगे, समझ में आया तुम को..!" 

खुशी की पूरी बात सुन कर अब उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप का मैनेजर झट से अपना सिर दो से तीन बार हां मे हिला दिया..! 

अपनी इकलौती दोस्त खुशी की बात को सुन कर अब रूही कुछ बोलने को हुई ही थी कि रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने अपने सीधे हाथ में अपनी लाइसेंसी गन पकड़ी हुई थी उस को अपने दूसरे हाथ में लेते हुए अब रूही से कहा, "देख अगर तुझ को इन दोनो फीमेल एम्प्लॉय पर दया आ रही है ना तो वो अपने तक ही रख क्युकी कोई मेरे से जुड़े लोगों के साथ कोई भी बिना किसी बात के बातामीजी और गलत व्यवहार करे ये मुझे बिलकुल भी बर्दाश नही है..!" 

रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने ये सब थोड़े गुस्से में कहा था जिस को सुन कर अब रूही मे आगे कुछ भी बोलने की हिम्मत नही हो रही थी..! 

वही जब उन दोनो फीमेल एम्प्लॉय ने खुशी की बात सुनी कि उन दोनो को आज के बाद पूरे बनारस में कही भी जॉब नही मिलेगी तो अब उन दोनो फीमेल एम्प्लॉय के चेहरे पर हैरानी और परेशानी दोनो के भाव नजर आने लगे..! 

To be Continued......❤️✍️

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।