रॉनित हर्षवर्धन को एयरपोर्ट से लेके निकल चुका था। कार उसकी नई पर्सनल असिस्टेंट राखी सुद चला रही थी। उसकी हाइट तकरीबन 5 ft. 3 in. होगी। दिखने सुंदर, लंबे बाल जो इसकी कोन्ही तक आते है। गोरा रंग और काली आंखे। उसने कुछ दिनों पहले ही ज्वाइन किया था, लेकिन यह पहली बार था की रॉनित को इतने कम टाइम में किसीने अच्छे से जान लिया हो। अब तक उसके सारे असिस्टेंट को वो फायर कर चुका था। यह पहली लड़की है जो इतना टीक पाई। रॉनित के असिस्टेंट में अब तक उसका पिछला असिस्टेंट ही उसे पसंद आया था।
"कुछ पता चला?" पैसेंजर सीट पर रॉनित के साथ पीछे बैठे मिस्टर सेहगल ने पूछा।
"FIR हो चुकी है, पुलिस जल्दी ही पकड़ लेगी। ऐसा लग रहा है।" रोनित ने धीरे से कहा
"आकाश कहा है?" अपनी आवाज को हल्का सा भरी करते हुए हर्षवर्धन ने पूछा।
"आज आंटी आ रहीं है। उसने मना किया था, पर... आंटी को कोई कैसे रोक सकता है।" रॉनित ने घबराते हुए कहा।
"क्या उन्हे कल जो हुआ उस के बारे में पता है?"
रॉनित ने गंभीर होते हुए ना में सिर हिलाया। उसके जवाब से हर्षवर्धन ने कहा, "डांट खाने का शोख तो है दोनो को..।"
हॉस्पिटल
हर्षवर्धन जय के केबिन में थे। वो उससे काव्या की कंडिशन के बारे में बात कर रहे थे।
आकाश की मॉम काव्या से मिलना चाहती थी, पर आकाश ने उन्हें कल रात हुए इंसिडेंट के बारे में बताया। आकाश की मॉम, रागिनी अहूजा इस वक्त बहुत गुस्से में थी। आकाश और रॉनित दोनो ही उन्हें शांत करने की कोशिश कर रहे थे। जिसमे दोनो को अब तक बहुत डांट पड़ चुकी थी।
"रागिनी जी मत डांटिए दोनो को। उनकी गलती नई है।" हर्षवर्धन ने उनकी ताफ आते हुए कहा।
"गलती तो मेरी है..। में उसे अकेले छोड़ के जो चला गया था।" रॉनित खुदको ही गिल्टी मन रहा था।
आकाश अपनी मॉम को एश्योर कर रह था की अटैकेर जल्द ही पकड़ा जाएगा। उन्हे चिंता करने की जरूरत नहीं है। तभी उन सबसे थोड़े दुर खड़ी राखी, रोनित के पास आई। उसके चेहरे पर बिलकुल भी कोई हावभाव नही थे। उसने अपने हाथ में पकड़े हुए फोन को रोनित के सामने लाते हुए एक लिंक पे क्लिक किया। तुरंत ही एक न्यूज चैनल की ऑनलाइन लाइव चालू हो गई।
रिपोर्टर: अभी अभी सूत्रों से पता चला है की गोरेगांव में पुलिस स्टेशन के बाहर एक आदमी को मार के फेंक दिया गया है। अभी तक पुलिस ने अपना कोई बयान नहीं दिया है। पर माना जा रहा है की इस शख्स को बहुत ही बेरहमी से मारा गया है।
रॉनित ने राखी को फोन वापिस दिया और आकाश की तरफ देखा। हर्षवर्धन को दोनो के मन में चल रहीं बात समझ आ गई थी। "क्या यह वही आदमी है?"
"यस, अंकल।" आकाश ने बिना किसी भाव को जताए कहा।
"और, यह कोनसा तरीका है?"
"मेने प्राइवेट इंवेस्टीगेटर हायर किया था, यह उसिका काम है।" आकाश ने शांति से जवाब दिया।
पीछे से आते हुए जय ने आकाश की बात सुनी पर उसे ज्यादा इंपॉर्टेंट ना लगते हुए किसीपे ध्यान दिए बिना ICU में जाना ठीक समझा।
जय के जाने के बाद आकाश ने कहा, "आप टेंशन मत लो, I'll handle it."
"आकाश, तू पुलिस स्टेशन निकल। थोड़ी देर में तुझे कॉल आ ही जायेगा। मिस सुद आंटी एंड अंकल को घर ड्रॉप कर देंगी। I'll stay." रॉनित ने कहा।
Continues in the next episode....
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