Devil Ceo Ki Mohabbat - 54 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 54

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 54

अब आगे,

अर्जुन को तो पता ही नही था कि उस का इकलौता दोस्त समीर उस को देख कर भी चला गया था..! 

वही अब अर्जुन ने हंसना बंद कर दिया था और अब अराध्या को देखते हुए उस से कहने लगा, "हां तो मैने कहा तो था कि बस तुम कुछ समय के लिए मेरी इस व्हाइट शर्ट से अपना काम चला लो फिर हम दोनो तुम्हारे लिए शॉपिंग करने चलेंगे...!" 

अर्जुन की बात सुन कर अब अराध्या ने अपना मुंह बनाते हुए उस से कहा, "हां तो कुछ तो बड़ी शर्ट होनी चाहिए थी और ये कितनी छोटी है जो मेरे थाई तक ही आ रही हैं..!" 

अराध्या की बचकानी बात सुन कर अर्जुन थोड़ा मुस्कराते हुए उस से कहने लगा, "सभी शर्ट की लेंथ इतनी ही होती है और मुझे क्या पता था कि तुम मेरी जिंदगी में इतनी जल्दी आने वाली हो और मुझे ये सब देखना पड़ेगा..!" 

अर्जुन की बात सुन कर अब अराध्या ने थोड़ी धीमी आवाज में अपने आप में बड़बड़ाने लगी, "और मुझे भी क्या पता था कि इस डेविल से मिलना लिखा है मेरी किस्मत वो भी मेरे महादेव ने..!" 

अराध्या की धीमी आवाज तो अर्जुन को सुनाई नही दी मगर उस को लगा कि आराध्या ने अभी कुछ बोला है तो अब अर्जुन ने उस से पूछा, "क्या तुम ने कुछ कहा अभी..?" 

अर्जुन का सवाल सुन कर अब आराध्या उस से कहने लगी, "नही तो, कुछ भी तो नही..!" 

और अपनी बात कह कर अब आराध्या साथ में अजीब सा मुंह बनाते हुए अपने मन में कहने लगी, "हां, मै कहां आप को कुछ कह सकती हूं..!" 

अराध्या के चेहरे को देखते हुए अब अर्जुन ने उस से कहा, "तो अब जल्दी से मेरी गोद में आकर बैठ जाओ..!" 

अर्जुन की बात सुन कर अब आराध्या उस को ऐसे देख रही थी जैसे उस के सामने कोई पागल बैठा हो और साथ में अपने मन में कहने लगी, "कही इस इंसान के दिमाग का कोई स्क्रू हिल तो नही गया है ना कहा मैं, इन के करीब ना जाना पड़े उस का सोच रही हु और एक ये है कि मुझे अपने करीब करने की कोशिश कर रहे हैं..!" 

अब अर्जुन ने अराध्या को देख कर उस से पूछा, "क्या तुम्हे मेरी कही हुई बात एक बार मे सुनाई नही देती हैं..?" 

अर्जुन का सवाल सुन कर अब आराध्या उस से कहा, "वो..वो मै यहां केसे बैठ सकती हु...!" 

अपनी बात कह कर अब आराध्या थोड़ा पीछे होने ही वाली थी कि हमारे अर्जुन ने झट से अपना हाथ आगे बढ़ा कर अराध्या के हाथ को पकड़ लिया और फिर उस को अपनी तरफ खीच लिया..! 

वही ये सब इतनी जल्दी हुआ कि आराध्या को कुछ सोचने समझने का समय ही नहीं मिला और अब वो अपनी छोटी छोटी आंखो से अर्जुन को ही देख रही थी..! 

और अब आराध्या ने अपना मासूम सा चेहरा बनाते हुए अर्जुन से कहा, "आप ने ये सब क्यू किया और अब हटिए मुझे उठना है..!" 

अराध्या का सवाल और उस की बात सुन कर अब अर्जुन ने उस से कहा, "तुम ने ही तो कहा तुम मेरे पास मेरी गोद में केसे बैठ सकती हो तो तुम्हे वही बताने के लिए मैने ऐसा किया और रही बात तुम्हारे उठने की तो अब जब तक तुम मेरे साथ नाश्ता खतम नही कर लेती हो तब तक के लिए मै तुम्हे कही जाने तक नही दूंगा, समझ में आया तुम को..!" 

अर्जुन की पूरी बात सुन कर अब आराध्या, अर्जुन की गोद से उठने के लिए झट पटाने लगी तो अर्जुन ने अब आराध्या को सबक सिखाने के लिए उस के थाई पर अपना हाथ रख दिया और उस की आंखो मे देख कर मुस्कुराने लगा ही था कि..!

अब आराध्या ने जब अर्जुन की तिरछी मुस्कान को देखा तो अपना सलायवा गटक लिया और अब अपना झट पटाना बंद कर दिया पर अर्जुन के चेहरे पर से उस की मुस्कान अभी तक नही गई थी..! 

वही अर्जुन ने अब आराध्या को अपनी गोद मे सही कर के बैठा दिया और साथ में अब आराध्या के पैर अर्जुन के सीधे हाथ की तरफ हो गए और उस का आधा चेहरा अर्जुन के सामने और आधा शीशे की टेबल की तरफ जहा उन दोनो के लिए नाश्ता रखा हुआ था..! 

To be Continued......❤️✍️

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।