अब आगे,
मगर हमारे अर्जुन को क्या पता कि आराध्या तो कुछ और ही समझ बैठी थी कि कही अब उस को उस की लूस जींस न पहनी पड़ जाए..!
अराध्या के जवाब को सुन कर अब अर्जुन ने अपने हाथ में लिए अपनी फुल साइज टावल के साथ अपने किंग साइज सोफे पर बैठ गया पर आराध्या, अर्जुन को थोड़ी हैरानी से देख रही थी कि आखिर ये इंसान करना क्या चाहता है और ये नाश्ते के समय अपनी टॉवल क्यू लेकर आया है..!
वही जब अर्जुन ने अराध्या को देखा तो उस को आराध्या के चेहरे के भाव को समझते देर नहीं लगी और अब उस ने आराध्या से कहा, "आओ तुम भी मेरे साथ यहां आकर बैठ जाओ..!"
अर्जुन की बात सुन कर अब आराध्या कभी अर्जुन को देखे तो कभी अर्जुन की दी हुई व्हाइट शर्ट को जिस की लैंथ बस आराध्या के थाई तक ही आ रही थी..!
और इस ही वजह से वो अर्जुन के सामने बैठने मे अनकंफरटेबल फील कर रही थी और अब अर्जुन ने अराध्या से थोड़ा ऊंची आवाज में कहा, "क्या तुम्हे सुनाई नही दिया..?"
अर्जुन की बात सुन कर अब आराध्या को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर वो क्या कहे पर फिर कुछ सोचने के बाद उस ने अर्जुन से कहा, "आप खा लीजिए, मै बाद में खा लूंगी..!"
अराध्या का जबाव सुन कर अब अर्जुन ने उस से कहा, "नही, बिलकुल भी नही, तुम आज से नही बल्कि अभी से और हर समय सिर्फ और सिर्फ मेरे साथ ही खाना खाया करोगी..!"
अर्जुन की बात सुन कर अब आराध्या उस पर थोड़ा गुस्सा करते हुए उस से कहने लगी, "आप को समझ में क्यू नही आता है कि मै ऐसे बैठ कर नही खा सकती हु...!"
कहने के लिए अर्जुन को सारी बात पहले से ही पता थी पर आज वो बिलकुल अनजान बनते हुए या ये भी कह सकते है कि आज अर्जुन, आराध्या के मजे लेते हुए हल्की से मुस्कान के साथ आराध्या से कहने लगा, "मतलब, मुझे क्या समझ में नही आ रहा है और तुम ऐसे बैठ कर खाना क्यू नही खा सकती हो, जरा बताओ तो मुझे..!"
अर्जुन की बात को सुन कर और उस के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान को देख कर अब आराध्या ने थोड़ी चीड़ के साथ अर्जुन से कहा, "हां और हंस लो पहले तो मुझे फ्रेश होने के लिए बोल दिया और फिर अपनी ये व्हाइट शर्ट मुझे पकड़ा दी जो मेरे थाई तक ही आ रही है और जब आप को पता था कि आप के पास मेरे लिए कोई कपड़े ही नही है तो क्यू मुझे फ्रेश होने के लिए कहा और ऐसे में मै केसे किसी के भी साथ बैठ कर खा सकती हु जबकि मुझे तो खड़े होने मे भी शर्म आ रही है..!"
अराध्या की पूरी बात सुन कर अब अर्जुन खिलखिलाकर हसने लगा और वही पहले तो आराध्या ने अर्जुन को हंसता हुआ देख कर अपना मुंह दूसरी तरफ कर लिया..!
और फिर जब वो गौर से अर्जुन के चेहरे को देखने लगी तो वो अब अपने आप से अपने मन में कहने लगी, "सही मे ये डेविल (अर्जुन को अराध्या द्वारा दिया हुआ नाम) हंसते हुए कितना अच्छा लग रहा है नही तो ये पूरे टाइम बस वही रूड और गुस्से वाला बन कर घूमता फिरता है कि मुझे तो इस से बहुत ज्यादा डर लगने लग गया था पर आज ये सच में बहुत ही क्यूट लग रहे हैं..!"
अराध्या अपनी बात कह कर अब मुस्कराने लगी थी और वही अब तक अर्जुन का इकलौता दोस्त समीर भी अर्जुन के विला में वापस आ चुका था क्योंकि वो अपनी कोई इंपोर्टेंट फाइल ले जाना भूल गया था..!
To be Continued......❤️✍️
हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।