Devil Ceo Ki Mohabbat - 50 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 50

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 50

अब आगे,

अपने गोरे गालों की ऐसी हालत देख कर अब आराध्या मासूम सा चेहरा बनाते हुए अपने गालों को छूने लगी और अर्जुन पर थोड़ा गुस्सा करते हुए अपने ही आप में बड़बड़ाने लगी, "मेरे गोरे गोरे गालों का क्या हाल कर दिया है उस डेविल ने (अब आराध्या ने अर्जुन का अपनी तरफ से ही उस को बिना बताए उस का निक नेम रख दिया है) और जहा आज तक मेरे घर वालो ने भी मुझ पर हाथ उठाना तो दूर मुझ पर ऊंची आवाज में भी बात नही करी है और इस डेविल ने मुझ को कितनी जोर से थपड़ मारा था और मुझ पर कितना चिल्ला चिल्ला कर गुस्सा कर रहा था और पता नही खुद को क्या समझता है मुझे अपने इस विला में लाकर कैद कर लिया है और तो और मुझ पर चिल्लाता है, गुस्सा करता है, डाटता भी है और मारता भी..! " 

अराध्या अपनी बात कहते हुए शीशे में देख कर तरह तरह से मुंह बना रही थी और अर्जुन के बारे में कह रही थी मगर वो ऐसा करते हुए बहुत ही क्यूट भी लग रही थी..! 

अराध्या अपनी बात कह ही रही थी कि उस की नजर अपने शीशे की एक तरफ चली गई जहा दरवाजे पर अर्जुन और उस का एक सर्वेंट खड़ा हुआ था और साथ में उस सर्वेंट के हाथ में खाने की ट्रे भी थी..! 

जब आराध्या ने ये सब देखा तो अब वो पीछे की तरफ मुड़ गई और अर्जुन को देख कर अराध्या थोड़ा घबरा भी गई और अपनी गर्दन को नीचे कर लिया..! 

वही दरवाजे पर खड़ा अर्जुन और उस के साथ आया सर्वेंट अब दोनो ही आराध्या को अपनी हैरान नजरो से देख रहे थे क्योंकि उन दोनो ने ही आराध्या को शीशे में देख कर अपने आप से बाते करते हुए देख लिया था..! 

अब अर्जुन अपने कमरे में अंदर आकर अराध्या की तरफ बढ़ गया और वही उस के साथ आया सर्वेंट ने अपनी नजरो को नीचे कर लिया और वही टेबल पर खाने की ट्रे रख कर चला गया..! 

अब अर्जुन, अराध्या के पास पहुंच गया और उस को अपनी हैरान नजरो से देखते हुए उस से पूछने लगा, "क्या तुम बाथरूम में गिर गई थी..?" 

अर्जुन की बात को सुन कर अब आराध्या ने अपनी गर्दन को थोड़ा ऊपर कर के अर्जुन को देखते हुए उस की तरफ ना मे अपनी गर्दन को दो से तीन बार हिला दिया..! 

अराध्या के इशारे को देख कर अब अर्जुन ने अपनी कड़क आवाज में उस से कहा, "तो फिर ऐसी पागलों जैसी हरकते क्यू कर रही हो और ऐसे अकेले अकेले में अपने आप से बाते भी कोई नॉर्मल इंसान करता है क्या भला..!" 

अर्जुन की बात सुन कर अब आराध्या ने अपने ही ख्यालों में कही और खोते हुए उस से कहा, "जब इंसान के पास बाते करने के लिए कोई नही होता है तो उस को खुद को ही अपना दोस्त बना कर खुद से बाते करनी पड़ती हैं...!" 

अराध्या की बात को सुन कर, अब अर्जुन ने उस की तरफ देखते हुए उस से पूछा, "क्यू, तुम्हारी कोई दोस्त नहीं है क्या..?" 

अर्जुन की बात को सुन कर अब आराध्या को अपनी बेस्ट फ्रेंड जानवी की याद आने लगी और उस को ही याद करते हुए अब आराध्या ने अर्जुन से कहा, "है ना मेरी एक बेस्ट फ्रेंड है जिस का नाम जानवी है और वो मुझ पर अपनी जान छिड़कती है और मैं उस पर..!" 

और फिर अराध्या, अर्जुन की तरफ देखते हुए अपना मुंह बनाते हुए धीरे से कहने लगी, "जो आप की वजह से मुझ से दूर हो गई है..!" 

To be Continued......❤️✍️

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।