आखिर नागराज devika को वह नागमणि क्यों देना चाहते थे? इसकी वजह देविका की माँ, रानी थी। चलिए देखते हैं कि आखिर रानी कैसे इसकी वजह बनी। रानी कोई साधारण व्यक्ति नहीं थी, बल्कि वे नागलोक की शक्तिशाली महारानी थी।🙂😕
नागलोक में अनेक नाग-नागिन रहते हैं, जिनकी एक महारानी होती है जो सबको नियंत्रित करती है। जैसे कि भारत में हमारे प्रधानमंत्री की शक्ति होती है, उसी तरह वहाँ भी महारानी के हाथों में नागलोक को संभालने की पूरी जिम्मेदारी होती है।🙊😳
महारानी की शक्तियाँ और जिम्मेदारियाँ व्यापक थीं। वे नागलोक की सुरक्षा, समृद्धि और शांति के लिए पूरी तरह से उत्तरदायी थीं। और उस विशेष नागमणि की शक्ति केवल महारानी ( नागमाता) के हाथों में ही सुरक्षित थी।💫😶🌫💕
नागराज को पता था कि नागमणि की शक्ति देविका के हाथों में सुरक्षित होगी, क्योंकि वे महारानी की बेटी थी। इसलिए, उन्होंने नागमणि देविका को सौंपने का फैसला किया।नागराज के पीछे कुछ बुरी शक्तियाँ पड़ी हुई थी वे सब उस naagmani को पाना चाहती थी।। Chaliye जानते है की वह नागमणि नागराज तक कैसे पहुंची और नागराज को दक्ष के साथ पृथ्वी पर क्यों rehna पड़ रहा है।।
अब, देविका की कहानी में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी, जहां वह अपनी माँ की विरासत को आगे बढ़ाएगी और नागलोक की महारानी बनेगी ll क्या ऐसा हो पायेगा ?? Ya फिर से कहानी आगे चलकर कोई और मोड लेगी ।। 🗯🙃
देविका की माँ, रानी (उर्वशी) , नागलोक की शक्तिशाली महारानी यानि नागों की रानी नागरानी/नागमाता थीं। उनके राज्याभिषेक के साथ ही, कई शत्रु भी उनके खिलाफ खड़े हो गए। नाग mata के पास जो नागमणि थी, वह सबसे शक्तिशाली थी और उसकी वजह से कई लोग उसे पाना चाहते थे।
नागरानी की नागमणि में 100 और माणियों की शक्ति एक साथ थी। वह नागमणि 100 नागमणि कि शक्तियों से मिलकर बनी थी , जो उन्हें नागलोक में सबसे शक्तिशाली बनाती थी। लेकिन इस शक्ति के साथ ही, कई खतरे भी थे।
उर्वशी को पता था कि उनकी शक्ति के पीछे कई लोग लालची हैं और हर कीमत पर नागमाता की नागमणि प्राप्त करना चाहते हैं।
आखिर उर्वशी कैसे bani नागमाता?? चलिए देखते है...
देविका की माँ, उर्वशी, और उनकी दो बहनें, मेनका और रुद्रांगी, नागलोक की रानी (naagmata) की बेटियाँ थीं। उर्वशी, मेनका और रुद्रांगी तीनों बहनें बहुत ही सुंदर और शक्तिशाली नागिन थीं। तीनों में से कोई एक आगे आने वाले समय में नागलोक की रानी बनेगी, ऐसा तय था क्योंकि नाग माता (queen) का वंश ही आगे राजा/रानी बनता था।♥
तीनों में से रुद्रांगी सबसे सुंदर थी। नागलोक के सभी सापों में से एक थे नागराज (पंडितजी), वे भी बहुत शक्तिशाली थे। रुद्रांगी धीरे-धीरे नागराज को पसंद करने लगी थी और उनसे शादी करना चाहती थी। रुद्रांगी बचपन से ही बहुत गुस्से वाली थी। वह जिस चीज को पाना चाहती थी, अगर उसे न मिले तो वे पागल सी हो जाती थी।🥺🙂
एक दिन, रुद्रांगी ने नागराज से अपने प्यार का इज़हार किया, लेकिन नागराज ने उन्हें ठुकरा दिया। नागराज को रुद्रांगी की गुस्से वाली प्रवृत्ति पसंद नहीं थी। रुद्रांगी को यह बात बहुत बुरी लगी l Rudrangi ने जाकर सब बात अपनी मा यानी नागमाता को बताई की वह नागराज को बहुत पसंद करती है।
रुद्रांगी ने अपनी माँ, नागरानी को बताया कि वह नागराज से विवाह करना चाहती है। नागरानी ने वादा किया कि वह रुद्रांगी की शादी नागराज से करवा देगी, लेकिन एक शर्त पर - अगर नागराज को भी रुद्रांगी पसंद हो।नागमाता ने नागराज को बुलाने का आदेश भेजा... 😶🌫😶🌫💕थोड़ी देर बाद नागराज नागमाता से मिलने आये .. क्या अपने मुझे याद किया नागरानी मेरे लिए क्या आदेश है नागमाता मुझे बताये...
नागमाता ने नागराज से पूछा, "क्या तुम्हें रुद्रांगी पसंद है? मैं तुम्हारा विवाह अपनी बेटी से करना चाहती हूँ।"😒थोड़ी देर बाद नागराज ने हिचकिचाते हुए कहा, "नागमाता, मैं रुद्रांगी को पसंद नहीं करता। लेकिन मैं आपकी दूसरी पुत्री मेनका को बहुत पसंद करता हूँ। मेनका की शांति और सुंदरता मुझे आकर्षित करती है। हमने पहले ही अपने प्यार के बारे में चर्चा की है और वह भी मुझसे विवाह करना चाहती है।"😶
नागरानी को यह बात सुनकर आश्चर्य हुआ। उन्होंने सोचा था कि नागराज रुद्रांगी को पसंद करेगे, लेकिन अब उन्हें मेनका के लिए नागराज के प्यार के बारे में पता चला।
"रुद्रांगी का स्वभाव तुम्हें पता है?" नागरानी ने पूछा।
"हाँ, मैं जानता हूँ," नागराज ने कहा। "लेकिन मेनका की सुंदरता और शांति मुझे अधिक पसंद है।"
अब नागरानी को एक मुश्किल फैसला लेना था। क्या वे रुद्रांगी की खुशी के लिए नागराज को मजबूर करेंगी या मेनका और नागराज के प्यार को समर्थन देंगी?☹️🙂
नागरानी ने सोचा कि उन्हें अपनी दोनों बेटियों की खुशी का ध्यान रखना होगा। उन्होंने नागराज को बुलाया और कहा, "मैं तुम्हारी बात समझती हूँ। तुम मेनका से विवाह करना चाहते हो, लेकिन मैं तुम्हें एक शर्त देती हूँ।"💕😶🌫
"क्या शर्त है, नागमाता?" नागराज ने पूछा।♥
"तुम्हें रुद्रांगी को समझाना होगा कि तुम उन्हें पसंद नहीं करते। और तुम्हें मेनका से विवाह करने से पहले रुद्रांगी की खुशी का ध्यान रखना होगा।"😒😕♥
नागराज ने सोचा और कहा, "मैं समझ गया, नागमाता। मैं रुद्रांगी से बात करूँगा और उन्हें समझाऊँगा।"😇
नागराज ने रुद्रांगी से मिलकर उन्हें अपनी बात बताई की मैं मेनका को पसंद करता हु । रुद्रांगी को यह बात बहुत बुरी लगी, लेकिन उन्होंने अपने गुस्से को काबू में रखा।💕💕😶🌫
"मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूँगी, नागराज," रुद्रांगी ने कहा। "तुमने मुझे ठुकरा दिया, लेकिन मैं तुम्हें दिखाऊँगी कि मैं क्या कर सकती हूँ।"
रुद्रांगी की बात सुनकर नागराज को लगा कि उन्होंने कुछ गलत किया है। उन्होंने सोचा कि रुद्रांगी की खुशी का ध्यान रखना बहुत मुश्किल होगा। पर वह मेनका के साथ ही रहेंगे और उसी से विवाह करेंगे यह बात तय है।।💕😕
क्या रुद्रांगी नागराज को सबक सिखाएगी? क्या नागराज मेनका से विवाह कर पाएंगे?♥💭💭
Please Review this book agar novel achi lage to 🙃👍.