Pyar ek anokha rishta - 40 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ४०

Featured Books
Categories
Share

प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ४०

मैं क्या समझूं मुझे कुछ नहीं पता।
भगवान मुझे सिर्फ दर्द देने के लिए जिन्दा रखा है और क्या?
कुछ देर बाद ही राज अपने दोस्तों के साथ आया और फिर बोला कि यह लो कुछ सेंडविच और Black coffee ।।
जीनत ने जल्दी से बाक्स ले लिया और फिर बोली मुझे तो बहुत भूख लगी है।
राज ने कहा अपने दोस्त को भी खिला दो।
फिर पता चला कि खुद ही बेहोश हो जाएगी।
हिना ने कहा मुझे नहीं खाना है बस।
राज के दोस्त ने कहा इतना डांट दिया बेचारी को।
राज ने कहा अच्छा बाबा सारी गलती मेरी बस।
फिर सब खाने लगे।
हिना ने एक बार भी मुंह में कुछ नहीं रखा।
जीनत ने कहा अरे बाबा खा ले अब।।
हिना ने कहा ओह क्यों परेशान कर रही हो।
राज ने कहा ठंडा हो जाएगा फिर क्या फायदा।जरा सी बदली नहीं।
वहीं अकड़, वहीं रौब।।
हिना ने कहा बदले मेरे दुश्मन।
जीनत ने कहा वाह मजा आ गया।
मैं अभी आ रही हुं office call आ रहा है।
राज के दोस्तों को राज ने इशारे से उधर जाने को कहा।
फिर राज धीरे से हिना के बगल वाली सीट पर बैठ गए।
और फिर बाक्स को हिना के हाथ से ले लिया और बोला कि अब बिचारे इस की क्या ग़लती है हां।।
प्लीज़ मुंह खोलो।।
हिना ने अपनी आंखें बड़ी-बड़ी कर ली और फिर जैसे ही मुंह खोली तो राज ने सैंडवीच का आधा हिस्सा मुंह में डाल दिया।
याद है ना हम कैसे खाते थे।
फिर दोनों खुली आंखों से अतीत में चलें गए।
दोनों ही अक्सर पर्ल कैफ़े में जाकर सैंडवीच खाते थे।
उसी तरह राज आधा हिस्सा हिना के मुंह में और बाकी बाहर वाला हिस्सा राज का ही होता था।
दोनों ऐसे ही खाते थे।
प्यार करते थे एक दूसरे से।।
फिर दोनों वापस वर्तमान में।
हिना ने कहा ठीक है खा लेती हुं।
राज ने कहा हां,डरो नहीं मैं नहीं खाऊंगा।
फिर हिना खाने लगती है।
कुछ देर बाद ही डाक्टर आकर कहते हैं कि आपरेशन अच्छी तरह से हो गया है।
और फिर राज एक राहत की सांस ली और फिर बोला कि मैं आ रहा हूं।
कुछ देर बाद ही डाक्टर ने आभा को केविन में शिफ्ट कर दिया।
राज और उसके दोस्त सब अंदर पहुंचे।
आभा को अभी तक होश नहीं आया था।
कुछ देर बाद ही आभा ने आंख खोला।
राज ने कहा मां आप अभी अस्पताल में हो।
अब ठीक हो आप।
आभा ने पलकें झपकाईं।
फिर नर्स आकर बोली कि एक ही कोई रुक सकतें हो।

फिर सब बाहर आ गए थे।
हिना ने कहा आप लोग घर जाइए मैं रुक जाती हुं।
राज ने कहा नहीं कोई जरूरत नहीं है।
जीनत ने कहा आप लोग जाओ ना।
हम रुकते हैं।
फिर राज के दोस्त लोग जाने लगते हैं।
राज उनको छोड़ने चला जाता है।
हिना,तू रूकेगी क्या यह बात जीनत बोलती है।

हिना ने कहा हां,यार।
मम्मी जी मेरे लिए मेरी मां से बढ़ कर है।
कुछ देर बाद राज वापस आता है और फिर बोलता है कि तुम दोनों घर चले जाओ।
ड्राइवर को बोल दिया है और काफी रात भी हो गई है।
हिना ने कहा जिसे जाना हो जाएं मैं नहीं जाने वाली।
जीनत ने कहा हां, मै तो जाती हुं।
राज ने कहा हां, बहुत जिद्दी हो।
ठीक है रहो।
हिना ने कहा हां, मै हुं आप अंदर जाइए।

जीनत राज के घर चली गई।
दोनों एक-दूसरे को देखे बिना रह नहीं पाते।
राज अंदर चला गया।
हिना वहीं सीट पर बैठीं रही।
करीब तीन बजे हिना की आंख खुल गई और फिर वो उठी और अंदर जाकर देखी तो राज गहरी नींद में सो रहा था।
हिना ने जाकर एक कम्बल राज को ओढ़ दिया और जब जाने लगी तो देखा कि आभा की आंख खुली हुई थी।
हिना ने कहा अरे मम्मी जी कुछ चाहिए क्या?
आभा को सब कुछ दिख रहा था पर वो हिना से कुछ सुनना चाहती थी।
आभा ने कहा क्यों गई थी मुझे छोड़ कर।
हिना ने कहा मम्मी जी आप बात मत करो।
मैं हूं आपके पास। और फिर हिना वहीं सिरहाने बैठ गई।
और फिर सुबह हो गई।
राज की आंख खुली तो देखा हिना कुर्सी पर बैठ कर सो गई और मां के पास ही।
राज उठते ही बाहर निकल गया और फिर कुछ देर बाद चाय लेकर आ गया।
तब तक हिना भी उठ गई थी।
राज ने कहा ये लिजिए मैडम चाय।
हिना ने कहा ओह। थैंक्स।
चाय पीने के बाद ही नर्स और डॉ भी आ गए।
चेक करके बताया कि आज शाम को ही छुट्टी मिल जाएगी।
डाक्टर ने कहा आप खुशकिस्मत हो बेटा और बहू दोनों ही आपके पास है वरन् यहां तो हर रोज देखता हूं कि हाल पुछने भी नहीं आता।
आभा की आंख भर आई थी।
राज भी कुछ नहीं बोला।
कुछ देर बाद ही राज ने कहा मुझे भूख लगी है किसी को जाना है तो चल सकता है।
हिना ने कहा नहीं मुझे नहीं जाना है।
राज ने कहा ओह गुड।
क्रमशः