Saat fere Hum tere - Secound - 22 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - २२

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सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - २२

नैना को इस युनिवर्सिटी में आएं हुए एक महीने बीत गए और फिर आज का दिन नैना के लिए बहुत खास भी है वो इसलिए कि उसे आज सैलरी मिलने वाली है।

नैना अपने सारे काम समय से पहले ही कर देती है जिस वजह से वो एक अच्छी टीचर की श्रेणी में आ गई और फिर साहिल जितना भी कोशिश कर ले उसे नीचा दिखाने की और सबके सामने डांटने की पर सब कुछ पानी फेंक कर आगे बढ़ने लगी थी नैना।सारे छात्र छात्राओं की चहेती टीचर बन गई थी नैना।

टीचर्स और नान टीचिंग स्टाफ भी नैना को बहुत मान देने लगें थे।

यहां तक कि प्रिंसिपल सर भी नैना पर भरोसा करने लगे थे।

अब तो नैना हर शनिवार को होस्टल के बच्चों को भी पढ़ाया करती थी।

जो बच्चे पहले कालेज बंक करके मुवी देखने जाते थे आज वो भी नैना के लेक्चर के लिए घंटों तक कालेज में ही रहना पसंद करते हैं।

नैना भी सब बच्चों पर जान छिड़कती हैं।

नैना कहा उन छोटे बच्चों के साथ अपनी खुशियां ढुंढ लेती थी और कहा आज इन बच्चों के लिए अपनी जान तक दे सकती है।।

आज कालेज में युवा पीढ़ी का एक वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित किया गया है।

जिसकी संचालिका कोई और नहीं नैना ही है।

सारी सजावट और सारी अरेंजमेंट्स नैना ने किया है।

साहिल तो अपने केविन सब कुछ देख रहा था और फिर बोला क्या चीज़ है ये नैना जो इतने कम समय में यह सब कर लिया और पता नहीं क्या समझती है।


फिर एक एक क्लास में जाकर लेक्चर देने के बाद बोली कि मनडे को टेस्ट होगा प्लीज़ आप सब अच्छे से तैयारी करना।

चित्रा सबसे पढ़ाकू थी और फिर बोली मैम आज मेरा जन्मदिन है तो आप भी आ जाना।

नैना ने कहा ओके मैं कोशिश करूंगी।।

फिर सबको नोट्स लिखने को कहा।।

सभी ने बहुत ही अच्छे से नोट्स लिखने लगें।

और फिर इस तरह सारे क्लास होने के बाद सब गोसिप करने लगे नैना ने सोचा कि आज जल्दी छुट्टी हो जाएगी।

पियोन ने कहा सभी को बोर्ड रूम में जाकर बैठने को कहा है।


नैना ने कहा अरे वाह जिंदगी में ऐसा कभी नहीं देखा।।

फिर सब अन्दर पहुंच गए और फिर बैठ गए।।


कुछ देर बाद ही साहिल आ गया और सब खड़े हो कर उनका सम्बोधन किया।

फिर सब बैठ गए।


कुछ देर बाद ही साहिल ने सबको एक, एक नोट बुक दिया।

साहिल ने कहा सब लोग ध्यान से सुनिए अगले महीने कालेज का पचास सालगिरह है उसके लिए कौन क्या कर सकता है वो नोट बुक में लिख दें।



फिर सब चुपचाप लिखने लगे और नैना भी सोचने के बाद कुछ लिखा और फिर नोट बुक बन्द कर दिया।


साहिल ने कहा सभी से एक निवेदन है कि फालतु की बात करके समय नहीं खराब होने देना चाहिए।

सब ने हामी भर दी और फिर नैना ने कहा मुझे कुछ कहना है।

साहिल देखने लगा और फिर बोला कि हां मिस नैना क्या बोलना है।

नैना ने कहा कि हर साल जैसा करते हैं ज़रूरी नहीं कि इस साल भी वही करें इस बार कुछ नया करना चाहिए कुछ खास।।

सब सोच कर बोलें कि नैना ने ठीक कहा है हमें जरूर सोचना चाहिए इस बारे में।


साहिल ने कहा ओके यहां पर किसी की राय नहीं मांगी गई थी।

मिस नैना को नौकरी नहीं करना है यहां पर।।

नैना ने गुस्से से देखा और फिर बोली अरे जब मेरी राय नहीं चाहिए तो बुलाया क्यों गया मुझे इंसल्ट करने के लिए।

साहिल ने कहा हां वही समझो।

नैना ने कहा ठीक है फिर मुझे यहां पर जाॅब करना ही नहीं है।

साहिल ने कहा प्लीज़ लीव।

सब बाहर निकल आए।

नैना सीधे प्रिंसिपल सर के पास जाकर सब कुछ बताया।

और फिर बोली मैं यहां से जाना चाहती हुं मैं जानती हूं साहिल सर आपके बेटे हैं और फिर।

प्रिंसिपल सर हंसने लगे और फिर बोलें देखो नैना मुझे तुम्हारे ऊपर पुरा विश्वास है जब से आई हो तुम्हारा सारे बच्चों के साथ बहुत ही अच्छा रिश्ता बन गया है और तुम्हारे जाने के बाद होस्टल के भी छात्र छात्राओं ने आकर तुम्हारे लिए बहुत ही अच्छा कहा है तुम्हारे पढ़ाने का अंदाज बोलने का तरीका सब बहुत पसंद आया है।

और फिर तुम जाने की बात करती हो देखो साहिल दिल से बहुत कठोर है पर मन उसका बहुत ही निर्मल है।

पर कठोर है इसलिए क्योंकि अपनी मां को बचपन में ही खो दिया था।

नैना ने कहा सर ये सब बातें आप  मुझे क्यों बता रहे हैं।

प्रिंसिपल ने कहा हां क्योंकि मैंने तुम्हारी आंखों में सच्चाई देखा है और मैं चाहता हूं कि तुम यहां से मत जाओ बेटा।।

नैना ने कहा पर सर ये हमेशा होगा सर मुझे हजार बात सुना देंगे।

सर ने कहा हां पर बच्चों की क्या गलती है इसमें।

नैना ने कहा हां सर आप जो बोल रहे हैं और फिर मैं।।

प्रिंसिपल ने कहा मैं तुम्हारे जैसी टीचर की जरूरत है।

नैना ने कहा ओके सर। ये कह कर नैना चली गई।

और फिर वो बस में जाकर बैठ गई।

युनिवर्सिटी में साहिल प्रिंसिपल सर के रूम में जाकर बैठ गया और फिर सर ने कहा कहो कैसा रहा।

साहिल ने कहा नैना आई थी?

सर ने कहा हां पर तुम्हें कैसे पता।

साहिल ने कुछ नहीं कहा ।

सर ने कहा देखो साहिल नैना के आने के बाद सभी स्टूडेंट्स को एक अच्छी टीचर मिली है बच्चों में पढ़ाई का डर खत्म हो गया है पर तुम जैसे व्यवहार कर रहे हो उससे तो एक बात पता चल गया कि तुम नैना को अपना कम्पटीटर मानने लगे हो।

वो तो रिजाइन देने की बात कह कर गई मैं उसे किसी तरह मना लिया है।

साहिल ने कहा ओह डैड आप भी ना बहुत सोचते हो।

सर ने कहा नहीं बस मुझे मेरे युनिवर्सिटी का नाम ऊंचा करना है और जानते हो उसके लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं।

साहिल ने कहा हां मैं भी तो वो कर रहा हूं।सर ने कहा पर तुम उसे सबके सामने अपमान नहीं कर सकते हो। माफी मांग लो। वरना नहीं आएगी।

साहिल ने कहा अरे वाह क्या नाटक है ‌समझती क्या है खुद को।

सर ने कहा जो भी हो नैना इस युनिवर्सिटी की जरूरत बन गई है उसमें कोई तो बात है जो सबको पसंद है।

साहिल वहां से निकल गए और फिर अपने केबिन में जाकर तोड़ फोड़ करने लगा।

कुछ देर बाद पियोन को बुलाया और कहा कि सर से नैना की फाइल मांग कर लाओ।

पियोन चला गया और फिर फाइल लेकर आ गए।

साहिल ने फाइल लिए और सारा चीज़ पढ़ने लगा।

और फिर बोला अरे अव्वल दर्जे की लड़की है और फिर गोल्ड मेडलिस्ट भी मिला है इसलिए इतनी नकचढी है।

फिर उधर नैना घर पहुंच गई  और फिर सारी बात बताई और फिर बोली कि अब दूसरे जगह देखेगी।

अभय ने कहा कि हां मैं जानता हूं कि साहिल थोड़ा सा मुंह फट है पर दिल का बुरा नहीं है।

नैना ने कहा क्या भाई आप भी।

मैंने सोचा है कि अगर माफी मांगते हैं तो मैं माफ कर दुंगी।।

तभी फोन बजा और फिर नैना ने उठाया और बोली हेलो कौन है। अरे फोन करते हो पर बात नहीं पागल।

नैना ने फोन रख दिया और उधर फोन करने वाले कोई और नहीं साहिल था। ओह माई गॉड साॅरी माइ फुट।।

साहिल ने कहा मैं नहीं बोलुंगा नहीं आएगी न आएं।

कल नैना कालेज आएगी, साहिल क्या माफ़ी मांगने जाएगा।

ये सब जानने के लिए अगला अध्याय पढ़ें।

क्रमशः