Prem Agan - Ek Contract Love - 5 in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | प्रेम अगन - Ek Contract Love - 5

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प्रेम अगन - Ek Contract Love - 5

अगले दिन सभी वापस मुंबई अपने अपने घर आ गये थे , आलिया ने अधीरा के मन पर एक वासना के अगन जगा दिया था और उसके दिमाग पर हावी होने लगा वो जब भी कहीं बाहर कपल्स को देखती तो उन लोगों को देखती ही रहती थी ,पर उसने  आलिया और उसके यारों से दूर रहने कि सोची क्योंकि वो जानबूझकर कोई ग़लत काम नहीं करना चाहती थी ,ऐसे उसके पांच दिन निकल गई थी  ..आज मॉम आने वाली थी पर उसे पता नहीं था कब आएंगी अधीरा कॉलेज आई तो पता चला आज स्ट्राइक के कारण कॉलेज बंद कर रहे हैं , आलिया कॉलेज में थी वो अधीरा को आते हुए देखी और हाथ हिलाते हुए पास बुलाई , अधीरा आजकल आलिया और विधान अभय को इग्नोर कर रही थी जिस तरह उसने रिसोर्ट पर देखी थी इसलिए ...अधीरा बोली दूर से " मुझे लाइब्रेरी जाना है एक बुक इश्यू करना बाद में मिलती हुं ...अभय ने अधीरा को जाते देखकर आलिया से सवाल किया" आलिया उस दिन रिसोर्ट में अधीरा बहुत अच्छा रिस्पॉन्स दिया था फिर अगले दिन से फिर इग्नोर करने लगी ऐसा क्यों क्या वो मतलबी लड़की है ..??विधान हंसकर कहा " ऐसा नहीं है पूरे कॉलेज में अधीरा जैसे हेल्प नेचर कोई नहीं है , दरसअल वो आलिया के कारण ही इग्नोर कर रही है ..!!अभय ने आंखें सिकोड़ कर पूछा" आलिया के कारण..??क्यों विधान ने बताया" आलिया उस रात तुम्हारे कमरे में थी और तुम दोनों के कांड वो जान गई है और आलिया से अधीरा ने सच उगलवा लिया कि तुम और आलिया एक कमरे में थे और इंटिमेट हुए हो इसलिए वो इग्नोर कर रही है यहां तक कि मुझसे और आलिया से भी इग्नोर कर रही है वो।।अभय नाराज़ हुआ और बोला " आलिया क्या जरूरत थी सच बताने कि बोल देना था कुछ और , तुमने मेरी भी एक्सप्रेशन खराब कर दिया , उस दिन हमारे बीच दोस्ती कि शुरुआत हो गई थी सब तुम्हारी बेवकूफी के वजह से खराब हो गई मुझे फिर कुछ नया रास्ता ढूंढना होगा ..!!ऋषभ आते हुए कहा" अभय अब तुम अधीरा को भूल जाओ तुमने कोशिश कर लिया अब मेरी बारी है उसको पटाने का वो कुटिल मुस्कान देकर कहा!!अभय चिढ़ गया और बोला " अधीरा आम लड़की नहीं जो किसी भी लड़के को दोस्त बनकर उसके साथ घुमे फ्लर्ट करें दो साल से हम पीछे पड़े हैं आज तक कोई रिस्पांस नहीं मिला उससे..!!ऋषभ ने कहा " अब देख शाम दाम दण्ड भेद से उसे अपना बनाकर ही रहूंगा " बाय मैं चला अधीरा के पास ...ऋषभ अपने दो दोस्तों के साथ लाइब्रेरी के तरफ गया ...अधीरा अपने लिए बुक इश्यू करवा रही थी और अपने पसंदीदा बुक ढूंढने में लगी थी , वहां दो चार कॉलेज स्टूडेंट बच्चे ही थे ..!!ऋषभ भी जानबूझकर बुक ढूंढने लगा फिर उसके दोस्त आए और बोले " ऋषभ क्या ढूंढ रहा है ऐसी कौन सी किताब है जिसे तू ढूंढ रहा है..??ऋषभ ने अपने दोस्तों को आंखें दबाकर कहा" एक बुक हैं थॉमस अल्वा का जो हमारी भावनाओं से संबंधित लेख लिखा है , उसमें अलग-अलग लोगों कि सोच और व्यवहार के बारे में लिखा है , और बड़ी बात ये है कि उस बुक में आजकल के युवा पीढ़ी को देखकर लिखा है ..!!अधीरा पास में खड़ी थी और वो ऋषभ कि सारी बातें सुनी उसे भी उस किताब के लिए एक्साइटेड हुई ..!!फिर ऋषभ के दोस्त ने कहा " ओह तो ये बात है , फिर बुक यहां नहीं मिला तो..!!ऋषभ बोला" यहां नहीं मिला तो फिर मैं उसे दिल्ली से मंगवा लूंगा वहां मेरी कजिन भाई का खुद का लाइब्रेरी है वहां लेटेस्ट बुक से लेकर पुरानी बुक भी मिलता है और इंडिया में एक मात्र उसकी लाइब्रेरी है जहां सभी बुक उपलब्ध है..!!तभी कुछ दलों के गुंडे टाइप लोग लाइब्रेरी बंद करवाने आए और जबरदस्ती धमकी देने बंद करने बोले और किताबें को फेंकने लगे फिर देखा यहां एक लड़की और उसके पास दो तीन लड़के हैं तो वो ग़लत समझ गया और अधीरा के तरफ बढ़ा धमकाते हुए " ये लड़की तुम्हें शर्म नहीं आती तुम लाइब्रेरी में अपने यारों के साथ मस्ती कर रही हो यहां जिस भी इरादे से खड़े हो वो सक्सेज नहीं होने वाला ...अधीरा भी गुस्से में बोली" माइंड यू आर लैंग्वेज , जुबान संभाल कर बात करो वो लड़के अलग खड़े हैं और मैं अलग हु तुम्हे दिखाई नहीं देता , और दिखाई भी क्यों दे दिमाग में गंदगी जो भरी है ...तभी वो गुंडे अधीरा के करीब जाते दांत पिसते हुए बोला " लड़की हम कौन हैं तुम जानते नहीं और ऊपर से हमें ही उल्टे-सीधे बोल रही हो तेरी मज़ा तो अभी चखाता हुं वो अधीरा के कलाई पकड़ लिया और खींच उससे पहले ऋषभ ने उस गुंडे के हाथ पकड़कर कहा" ओह गुंडे भाई साहब वो लड़की इस कॉलेज कि टॉपर और बहुत सीधी सादी लड़की है तुमने जो कहा वो बकवास था सब , हम अपने बुक लेने आए हैं और वो अपना , फिर  ऋषभ अधीरा को बोला" मिस अधीरा जी आप यहां से जाइए वरना इन लोगों को कुछ और शक हो जाएगा ..!!अधीरा उन गुडों को घुर कर देखी और चली गई ...फिर ऋषभ और गुंडों में तू-तू मैं-मैं हुआ तब तक पुलिस कि गाड़ी आ गई थी ..!!अधीरा ना चाहते हुए आलिया को लिफ्ट दिया और उसके घर छोड़ने गई आलिया ने इस बीच अधीरा को मना लिया था फिर अधीरा घर आई तो देखी घर में दो गाड़ी है एक मॉम कि थी दूसरी डॉक्टर अंकल धीरज कुमार कि थी वो जल्दी से घर अंदर आई लिविंग रूम में कोई नहीं था वो सोचने लगी " कमाल है डॉक्टर अंकल आए हैं वो भी नहीं है और ना मॉम है ,शायद मॉम अपने कमरे में हो , अधीरा धीरे-धीरे अपने मॉम के कमरे में आई तो कमरा के दरवाजा बंद था वो जाने के लिए मुड़ी ही थी कि कमरे से आवाज़ आई हंसने कि फिर वो दरवाजा को धक्का दिया पर दरवाजा अंदर से बंद था , अधीरा को अच्छा महसूस नहीं हुआ और वो कमरे के साइड में बने खिड़की पर आई और खिड़की पर छोटा सा छेद था वहां से अंदर देखी और आंखें बड़ी हो गई आलिया ने उस रात को केवल अमेजिंग करने बोली थी यहां तो पूरी पोर्न फिल्म चालू थी " अंकल अंडरवियर में था और एक हाथ में शराब का ग्लास था और उसकी मॉम ब्रा और पैंटी में थी और अंकल के गोद में बैठी थी एक हाथ में शराब का ग्लास और दूसरे हाथ में अंकल के हार्डनेस पर थी और अंकल ने भी एक हाथ को श्वेतलाना के कर्व को मसल रहा था फिर दोनों ने अपने अपने ग्लास के ड्रिंक खत्म किया और अंकल ने श्वेतलाना को गोद में उठाकर बिस्तर पर ले गया और दोनों एक-दूसरे के होंठों का रसपान करने लगा अंकल नॉटी था इसलिए श्वेतलाना के जिस्म पर अपने हाथ फेर रहा था और श्वेतलाना सिसकारियां लेते बलखा रही थी बिस्तर पर फिर जैसे ही अंकल ने श्वेतलाना के सारे छोटे कपड़े निकाल कर फेंक दिया और अपने हार्डनेस को सॉफ्टनेस में समाया और जोरदार सिसकारियां निकलने लगी ..!!अधीरा के पैरों से जमीन खिसक गई और दौड़ कर अपने कमरे में आई और दरवाजा बंद कर रोने लगी उसके दिमाग पर फिर वासना से शरीर फड़कने लगी वो इन सब से भागना चाहती है  लेकिन जब से ज़वानी में दहलीज रखी है तभी से  सेक्स कि बातें और कपल्स के बीच कामक्रीड़ा को देखकर वो विचलित हो रही थी आलिया को इसी लिए इग्नोर कर रही थी कि उसे ऐसी लत ना लगे पर यहां तो उसके मां भी इसी में लिप्त है वो किससे पूछे ये ग़लत है या सही   !!शेष अगले भाग में....