मोहनलाल ने पत्र को ध्यान से देखा और सोचा कि कहीं कुछ शब्द तो पढ़े जा सकते हैं। उसने पत्र को देखा और धीरे-धीरे-धीमे शब्दों को पढ़ा।
मैं...मित्र.... नागराज... मेरी पत्नी नागलोक... नागमणि... देविका के अंदर है। 😐😶🌫 वह बस इतने ही कुछ शब्द समझ पा रहा है।।
मणि... देविका...
मोहनलाल को लगता है कि यह शब्द किसी महत्वपूर्ण संदेश को प्रदर्शित कर रहा है। उन्होंने आगे पढ़ने की कोशिश की, लेकिन इंक की वजह से शब्द धुंधले हो गए थे।
"देविका की शादी 23 दिसंबर को दक्ष के साथ होगी.. आम इंसान से नहीं... भस्म हो जाती है... 😶😵
नागलोक.....
मोहनलाल को यह शब्द समझ नहीं आया। वह सोच रहा था कि नागलोक में कौन है और क्यों है। आखिर है कहा ये नागलोक 💭
"नाग...शक्ति...देविका के पास..."मेरी मणि.. मुझे वापस...23 में ☹️☹️😶🌫अब देविका अपनी नागमणि की शक्ति से बहुत कुछ ऐसा कर सकती है जो आम इंसान नहीं कर सकता... नागमणी मेरी... 💫💫 अरे ये सब का लिख है अच्छे से दिखाई भी नही दे रहा ☹️
मोहनलाल के ये शब्द देखकर आश्चर्य हुआ। वह सोच रहा था कि देविका के पास नाग शक्ति क्या है।मोहनलाल ने देविका के हाथ में पत्र देकर कहा, "देविका, इसको पकड़ो और में अपना चस्मा लेकर आता हूँ sayad फिर कुछ देख सकु।। 💭
"बाबा, ये क्या है?" देविका ने पूछा।♥
मोहनलाल ने कहा,"यह बस एक चिठ्ठी है पंडित जी ने दी थी
देविका पूछती है बाबा है का इसके अंदर ??
"मुझे नहीं पता, लेकिन लगता है कि यह कुछ महत्वपूर्ण है।"यह बस पंडित जी ने दी थी तो isliye पढ़ने की सोच रहा हूँ।। देविका के हाथ में अब वो पत्र है देविका उसको खोलकर देखती है मानो वह उसको पढ़ने की कोसिस कर रही थी।। वह पंच साल की बच्ची क्या ही इसको पढ़ पायेगी क्या आपको भी ऐसा ही लग रहा है दोस्तों की देविका नही पढ़ पायेगी उसको...😐 ।। लेकिन आप भी यह बात भूल गए क्या की देविका के पास nagmani है और वह इससे कुछ भी कर सकती है।।। 🗯
देविका की मणि चमकने लगी।🤯 देविका के सर में अचानक दर्द होने लगा उसको समझ नही आ रहा की का हो रहा है। अचानक से मणि ने देविका को अपने वस में कर लिया।
देविका ने पत्र को पढ़ा । वह सोच रही थी कि यह शब्द उसके बारे में है।
"बाबा, मुझे लगता है कि मुझे कुछ समझ आया है," देविका ने कहा।
मोहनलाल ने पूछा, "क्या समझ में आया देविका?"
देविका ने कहा, "मुझे लगता है कि मेरी मणि मुझे कुछ दिखाने की कोशिश कर रही है।"
मोहनलाल को आश्चर्य हुआ की अचानक ये क्या बात करने लगी मणि क्या कहा है मणि .........____। देविका अब मणि के बस में थी तो उसने हाथ में पत्र लिया और बिना किसी हिचक के उस पत्र को पढ़ा यह सब देखकर मोहन लाल की आंख खुली रह गई कि एक पांच साल की बच्ची ने पत्र पूरा पढ़ डाला... अब मोहनलाल को सच में यकीन हो गया था नागराज ने पत्र में जो लिखा था वो सच है।। 🤯🤯
मोहनलाल को अब समझ आया कि देविका और दक्ष का विवाह क्यों जरूरी था। वह सोच रहा था कि नागराज की मणि की वजह से अब देविका भी नागिन बन जायेगी , और ऐसे में उसका विवाह केवल एक अन्य icchadhari नाग से ही हो सकता था।💭
दक्ष की ओर देखते हुए, मोहनलाल को पता था कि वह भी एक icchadhari नाग बनेगा, जैसा कि नागराज ने पत्र में लिखा था।
मोहनलाल ने मन ही मन सोचा, "यह तो बहुत बड़ा रहस्य है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी एक नागिन बनेगी और उसका विवाह एक नाग से होगा।"
देविका की ओर देखते हुए, मोहनलाल को लग रहा था कि वह अब एक नए जीवन की ओर बढ़ रही थी, जहां उसे अपनी सच्ची शक्ति को पहचानना होगा और इसका उपयोग करना होगा।
मोहनलाल ने देविका और दक्ष को एक दूसरे के साथ देखा और सोचा, "यह तो बहुत सुंदर है। मेरी बेटी का विवाह एक ऐसे व्यक्ति से होगा जो उसके लिए उपयुक्त है।"
आचानक, देविका ने मोहनलाल की ओर देखा और कहा, "बाबा, मुझे लगता है कि मेरी मणि मुझे कुछ और दिखाने की कोशिश कर रही है।"
मोहनलाल ने पूछा, "क्या है, देविका?"
देविका ने कहा, "मुझे लगता है कि दक्ष को भी अपनी शक्ति को पहचानना होगा।"😶🌫
मोहनलाल को लगता था कि देविका की मणि उसे एक नए रहस्य की ओर ले जा रही थी, जहां दक्ष की सच्ची शक्ति का खुलासा होगा।इतना बोलकर देविका बेहोश हो गयी और जमींन पर गिर गयी।। देविका का हुआ तुमको दक्ष व मोहन लाल दोनों देविका को उठा रहे है।।। देविका उठी और फिर कुछ देर बाद तीनो सोने चले गए।। 💕
रात को देविका अकेली बेड पर सोई हुयी हैं।। 🗯
रात के अंधेरे में देविका का कमरा शांत था। वह अपने बिस्तर पर सोई हुई थी, अचानक से एक साँप उसके कमरे में घुस आया। यह वही साथ था जो उनको लग रहा था की उनका पीछा करते हुए उनके साथ आया था।। साँप धीरे-धीरे देविका के बिस्तर की ओर बढ़ने लगा, लेकिन देविका की आँखें बंद थीं और वह गहरी नींद में सोई हुई थी।💭💭💕
साँप उसके पास आकर रुक गया, और देविका के चेहरे को देखने लगा। लेकिन देविका की आँखें नहीं खुलीं। साँप ने उसके गले पर अपनी जीभ फेरी, लेकिन देविका ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई।
तभी साँप ने देविका के माथे में छिपी हुई मणि जो थोड़ी चमक रही थी उसको देखा। मणि में एक अजीब सी चमक थी, जो साँप को आकर्षित कर रही थी। साँप मणि के पास जाने लगा, लेकिन जैसे ही वह मणि को छूने वाला था, देविका की आँखें अचानक से खुल गईं।
देविका ने साँप को अपने पास देखा, लेकिन वह डरी नहीं। बल्कि, वह साँप को देखकर मुस्कराने लगी। साँप भी देविका की ओर देखकर थोड़ा सा पीछे हट गया, और फिर वह वहाँ से चला गया।
देविका ने अपने बिस्तर पर बैठकर सोचा, "यह साँप क्या था? और यह मुझे क्यों नहीं डरा पाया मैं इससे क्यों नही डरी ?" वह अपने मन में कई सवालों के जवाब ढूंढने लगी, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला।फिल्हाल देविका अपनी मणि के कंट्रोल में थी isliye इतना सोच पायी नही तो 5 साल की बच्ची साँप को देखकर नही डरे क्या ऐसा हो सकता है भला?? आप ही btao दोस्तो क्या आपको भी देविका की तरह साँप से डर नही लगता 😅??💫
तभी उसके दरवाजे पर दस्तक हुई। वह दरवाजा खोलकर देखती हैं तो मोहनलाल खड़े थे। वह पूछने लगे, "देविका, तुम ठीक तो हो न? मुझे तुम्हारे कमरे से एक अजीब सी आवाज सुनाई दी।"
😵😵🙊
देविका ने मोहनलाल को साँप के बारे में बताया, लेकिन मोहनलाल के चेहरे पर एक अजीब सी चिंता थी।💭💕
सब पता होने के बाद अब मोहन लाल क्यूँ चिंता में है क्या चीज डरा रही है अब उनको... 😶💭
Keep reading ☹️....In the next chapter....