Nagin aur Rahashymayi Duniya - 6 in Hindi Fiction Stories by Neha Hudda books and stories PDF | नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 6

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नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 6

नागराज के साँप बनते ही मोहनलाल को अब यकीन हो गया कि वह सच बोल रहा है। नागराज अपने महल में रहता है और साँप बनने के बाद भी वहीं रहेगा। मोहनलाल, देविका और दक्ष कुछ देर नागराज के साथ बैठे और फिर घर चले गए। देविका और दक्ष अब मोहनलाल जी के साथ रहने लगे। दोनों धीरे-धीरे बड़े हो रहे थे। दोनों के बीच खूब झगड़े होते थे। दोनों साथ खाते-पीते, साथ सोते और साथ ही स्कूल जाते थे।💫💫



दक्ष बहुत ही हैंडसम लड़का है। उसकी नीली आँखें और काले और घुंघराले बाल हैं। वह इतना हैंडसम है कि कोई भी लड़की उसे देखकर उससे प्यार कर सकती है। देविका और दक्ष एक-दूसरे के साथ घंटों बिताने लगे।



जब देविका स्कूल जाती है तो उसकी क्लास में सोहन नाम का लड़का उसे चिढ़ाने लगता है। सोहन हर दिन देविका से कहता है कि वह उससे सच्चा प्यार करता है। देविका सोहन की किसी भी बात पर ध्यान नहीं देती। दक्ष देविका के स्कूल के पास ही दूसरे स्कूल में पढ़ता है। सोहन क्लास में घुसते ही देविका को चिढ़ाने लगता है। वह हमेशा देविका की सीट के पीछे बैठता है।



सोहन हमेशा देविका पर नज़र रखता है। वह रोज़ाना उसके पीछे-पीछे स्कूल जाता है। वह जिस भी क्लास में जाती है, सोहन उसके पीछे-पीछे उस क्लास में चला जाता है। देविका उसे ऐसा करने से मना करती है लेकिन सोहन नहीं मानता। एक बार बात हद से आगे बढ़ गई और सोहन के दोस्तों के कहने पर उसने देविका को प्रपोज कर दिया। देविका ने सोहन को जवाब दिया कि उसे सोहन बिल्कुल पसंद नहीं है। सोहन, तुमने सुना कि मैं तुम्हें बिल्कुल पसंद नहीं करती। आखिर तुम मेरे लिए क्या कर सकते हो?



देविका ने अभी इतना कहा ही था कि सोहन ने अपने बैग से पेपर नाइफ निकाला और खड़ा हो गया। देविका अगर ऐसा है तो मैं तुम्हारे लिए अपनी जान भी दे सकता हूँ। जान देने की बात सुनकर देविका हंसने लगी और बोली कोई किसी के लिए नहीं मरता। देविका को लगा कि यह सब मज़ाक है लेकिन यह सुनकर सोहन ने पेपर कटर निकाला और उसे खोल दिया। सोहन ने अपने हाथ की नस काट ली। यह सब देखकर राधिका को चक्कर आ गया और वह भी बेहोश हो गई। सोहन को अस्पताल ले जाया गया। अब सोहन ठीक है। अगले दिन देविका की प्रिंसिपल ने देविका और सोहन के पिता को बुलाकर सारी बात बताई। सब कुछ जानने के बाद सोहन के पिता माफी मांगते हैं और कहते हैं कि सोहन दोबारा ऐसा कुछ नहीं करेगा.... अगर सोहन ने दोबारा ऐसा कुछ किया तो वो प्रिंसिपल से कहते हैं कि कुछ सख्त कार्रवाई करें ताकि वो ऐसी गलती दोबारा न करे। दक्ष भी देविका के पिता के साथ प्रिंसिपल ऑफिस गए। दक्ष दूर खड़ा होकर सारी बातें सुन रहा था। सब कुछ जानने के बाद दक्ष को सोहन पर बहुत गुस्सा आ रहा था। बात खत्म होने के बाद दक्ष और मोहनलाल घर जा रहे थे तभी सोहन उनके सामने से गुजरा। सोहन को देखकर दक्ष ने उसे देविका से दूर रहने को कहा। सुनो सोहन अगर तुम देविका के आस-पास दिखे तो मैं तुम्हें बता रहा हूं कि ये तुम्हारे लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा। दक्ष की बातें सुनकर सोहन मुस्कुराने लगा और बोला, तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे दक्ष देविका से इसलिए भी नाराज़ है क्योंकि इतना सब होने के बाद भी देविका ने उसे कुछ नहीं बताया। देविका, क्या मैं इतना बुरा हूँ, तुमने मुझे सोहन के बारे में एक बार भी नहीं बताया। क्या तुम मुझे बिल्कुल पसंद नहीं करती, दक्ष मन ही मन यही सब सोच रहा है।



देविका और दक्ष एक ही गाँव और एक ही घर में साथ-साथ पले-बढ़े। बचपन में वे पहाड़ियाँ तलाशते, नदी में खेलते और शाम को साथ घर आते ।जब वे किशोरावस्था में पहुँचे तो उनकी दोस्ती और भी बढ़ गई। दक्ष अक्सर गाँव में देविका से मिलने के बहाने ढूँढ़ता, उसका होमवर्क करने में मदद करता या साथ में खेल खेलता।



देविका की मुस्कान ने दक्ष को मोहित कर लिया और वह उसकी चमकती आँखों की ओर आकर्षित हुए बिना नहीं रह सका। उसकी नीली आँखें उसे बहुत आकर्षित करती हैं। उसे भी दक्ष के दयालु हृदय और साहसिक भावना से एक अवर्णनीय जुड़ाव महसूस हुआ। उन दोनों को ही अपने भाग्य के बारे में नहीं पता। उन्हें नहीं पता कि यह कैसा आकर्षण है... जब भी वे साथ होते हैं, तो दोनों को एक खास तरह का जुड़ाव महसूस होता है, कोई ऊर्जा उन्हें एक-दूसरे की ओर आकर्षित कर रही होती है, जैसे पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज एक dusr... यह शक्ति उनके माथे में मौजूद सांप के मोती का आकर्षण है।🙂😶‍🌫



जैसे-जैसे वे किशोरावस्था में प्रवेश करते गए, उनका बंधन मजबूत होता गया। उन्होंने अपने सपने, डर और आकांक्षाएँ साझा कीं। दक्ष ने देविका को शिक्षा के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, जबकि देविका ने दक्ष की महत्वाकांक्षाओं का समर्थन किया।🗯



उनके गाँव वालों ने उनके बीच के खास जुड़ाव को देखा... "वे एक-दूसरे के लिए बने हैं," लोग मुस्कुराते हुए कहते थे।♥



एक धूप भरी दोपहर, स्कूल से घर लौटते समय, दक्ष ने देविका की ओर मुड़कर कहा, "मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ।" देविका के गाल लाल हो गए, लेकिन वह मुस्कुराई, यह जानते हुए कि उसका क्या मतलब था...



उस पल से, उनका प्यार बढ़ता गया, शुद्ध और सच्चा। उन्होंने मीठे पत्रों, चोरी-छिपे नज़रों और गुप्त मुलाकातों का आदान-प्रदान किया।💫💫



जैसे-जैसे वे बड़े होते गए, उनका प्यार गहरा होता गया। दक्ष अक्सर देविका को नदी किनारे ले जाता था, साथ में सूर्यास्त देखता था....वे अपने भविष्य के बारे में बात करते थे, प्यार, हँसी और रोमांच से भरी ज़िंदगी बनाते थे।



उनका बचपन का प्यार एक खूबसूरत, स्थायी रिश्ते में बदल गया था....💕



यह सब अतीत के बारे में था. ... इन सबके बीच बहुत सी घटनाएं हुई जैसे की नागमणि के बहुत से चमत्कार.. नागमणि देविका और दक्ष दोनों के अंदर थी।। जैसे ही देविका और दक्ष को गुस्सा आता था उनकी नागमणि अपनी शक्तियाँ दिखाना शुरू कर देती थी।। नागमणि की शक्तियाँ उन दोनों पर जब हावी होने लगती थी तो उन दोनों को पता भी नही चलता था और दोनों नागमणि के वस में हो जाते थे।। नागमणि के वश में होते ही दोनों अपना कंट्रोल खुद पर से को बैठते थे , अब वह वो सब करते थे जो नागमणि उनको करने को कहती थी।। नागमणि के वशिकरण से वह दोनों बाहर आते ही नॉर्मल हो जाया करते थे।।। तो दोस्तो क्या आपको पता है की जो नागराज ने पत्र में लिखा था उसकी सब बाते सच थी या फिर नागराज की की साजिस थी।। क्या देविका के अंदर नागमणि का जाना किसी साजिस का हिस्सा थी ...।।इन सब के के जवाब आपको मिलेंगे आने वाले कुछ chapters mein... 🤪

जानने के लिए पढ़ते रहे novel ।। 💕😶‍🌫👍👍