Bekhabar Ishq - 16 in Hindi Love Stories by Sahnila Firdosh books and stories PDF | बेखबर इश्क! - भाग 16

Featured Books
Categories
Share

बेखबर इश्क! - भाग 16

दूसरी ओर कनिषा को अपने इंटर्नशिप को शुरू करने के लिए आरटी कंपनी में आज कुछ पेपर्स सबमिट करने थे,जिसके कारण वो सुबह सुबह ही हॉस्टल से निकल गई थी,,आरटी कंपनी तक पहुंच,उसने ऑटो को पैसे दिए और चेंज को गिनते हुए दरवाजे की तरफ बढ़ने लगी,तभी उसकी टकर एक लड़के से हुई और दोनो के हाथ से उनका पेपर नीचे गिर गया।।

 
"आंखे अपनी दादी अम्मा के कब्र के पास छोड़ कर आए हो क्या?".... बिगड़ते हुए कनिषा ने कहा और नीचे बैठ अपने पेपर्स उठाने लगी।
 
"देखिए मैडम....आप बिना देखे चल रही थीं!"....सामने खड़े लड़के ने कहा और कनिषा को घूरते हुए बेध्यानी से पेपर उठा लिया।
 
"बेशर्म!लड़कियां कभी गलत नही होती, तुम अपनी आंखे दिखा लो".....कहते हुए कनिषा उठी और अपने चेहरे पर आए बालों को कान के पीछे कर,मुंह बनाते हुए अंदर चली गई।।
 
आरटी कंपनी के अंदर का नजारा बाहरी दुनिया से बिल्कुल अलग था,यहां रखी हर एक चीज हाईटेक और ऑटोमेटिक थी,ऑफिस में काम करते हुए इंप्लॉयज के चेहरे पर भी कोई बोरियत या उदासी नजर नही आ रही थी,ये देख कनिषा ने मन ही मन सोचा....."तभी यहां सब काम करना चाहते हैं।।"
 
सब कुछ आराम से देखते हुए जब वो चल रही थी,उसी पल उसकी नजर उस औरत पर पड़ी,जिसने उसका इंटरव्यू लिया था, दौड़ते हुए वो उसके पास पहुंची और ग्रिड करते हुए बोली...."गुड मॉर्निंग रेविका मैम!"
 
"गुड मॉर्निंग!"..... रेविका ने कैजुअली जवाब दिया और एक लिफ्ट के सामने खड़ी हो कर बटन प्रेस कर दिया,इससे पहले की वो लिफ्ट में जाती कनिषा ने कहा....."आपने मेरा इंटरव्यू लिया था,मैं केजेएस कॉलेज की स्टूडेंट कनिषा रेड्डी हूं!"
 
"हम्मम!तो तुम्हारी ज्वाइनिंग में तो दो दिनो का वक्त हैं ना...... रेविका ने कनिषा को ऊपर से नीचे तक देखते हुए पूछा,जिस पर कनिषा जबरदस्ती मुस्कुराई और बोली....."आपने कहा की ज्वाइनिंग से पहले मैं अपने पेपर्स सबमिट कर दूं,आप कंपनी के सीईओ को रिपोर्ट देने वाली थी!"
 
"हां मुझे याद आया!"..... रेविका ने कहा और अपने पीछे खड़ी असिस्टेंट को इशारा कर दिया...."इसे ऑफिस के सभी स्टाफ से इंट्रोड्यूज करवा दो, और इसका रिज्यूम सीईओ इशांक को दिखा दो!"
 
"ओके मैम"....पीछे खड़ी लड़की ने कहा तभी लिफ्ट का दरवाजा खुला और रेविका अंदर चली गई,पीछे से उसकी असिस्टेंट भी अंदर गई और कनिषा का इंतजार करने लगे,जब दो मिनट के बाद भी कनिषा अंदर नही गई, असिस्टेंट ने कहा...."क्या तुम अंदर नही आओगी?"
 
कनीषा जो क्लॉस्ट्रोफोबिया(बंद जगहों से डर) के कारण कभी लिफ्ट का इस्तमाल नही करती थी,उसने थोड़ा झिझकते हुए कहा...."मैं सीढ़ियों से आती हूं,आज सुबह वर्कआउट नही किया,तो इससे मेरा वर्कआउट हो जायेगा!....
 
कनिषा की ये बात सुन रेविका ने अचंभे से कनिषा को घूरा और बोली....."तुम जानती भी हो,हम यहां से दसवें मंजिल पर जाने वाले है?".....
 
"नही जानती थी,पर अब जाना गई हूं,मैं आप दोनो को वहीं मिलती हूं!"...... कनिषा जो कई बार लिफ्ट में ना चढ़ने के कारण लोगो द्वारा खुद को पागल सुन चुकी थीं,उसने तेजी से अपना सिर झुकायां और सीढियां ढूढने के लिए भाग गई।।
 
 
 
रेविका जो काफी हैरान थी,उसने अपनी असिस्टेंट से कहा...."चलो,भगवान का शुक्र है की मैने वर्कआउट कर लिया था,लेकिन क्या ये लड़की तुम्हे थोड़ी अजीब नही लगी?"
 
"अजीब है...तभी तो इस कम्पनी में काम करना चाहती है,"...... असिस्टेंट ने जवाब दिया और टेंथ फ्लोर का बटन प्रेस कर दिया।
 
दूसरी ओर सीढ़ियों के नीचे खड़ी कनिषा ने अपने सिर को ऊपर उठाया तो वहां का गोल गोल दृश्य देख उसके पसीने छूट गए, तब भी उसने लिफ्ट का इस्तमाल ना किया और एक एक कर सीढ़ी चढ़ने लगी,तीसरे फ्लोर तक आते आते उसके दोनो पैर दुख गए,फिर फिर उसने चलना जारी रखा,तीन फ्लोर और चढ़ने तक उसका चेहरा पसीने से तर हो गया,थक कर एक सीढ़ी पर बैठ उसने पांच मिनट तक अपने पैरों को सहलाया और बैग में रखे वाटरबोतल से पानी पी लिया,वहां से खुद को किसी तरह घसीटते हुए वो दसवें फ्लोर पर पहुंची,तब तक उसके अंदर की सारी एनर्जी गायब हो चुकी थी,हांफते हुए उसने वहां मौजूद एक लड़के को रोका और पूछने लगी......."एक्सक्यूज मी,आप क्या आप बता सकते हैं वाशरूम कहां है?"
 
"आगे से बाई ओर"....पसीने से लथपथ कनिषा को अजीब तरह घूरते हुए लड़के ने बताया।।
 
"थैंक यू".....अपने आप को थोड़ा झुकते हुए कनिषा ने कहा और वाशरूम चली गई,वहां अपने चेहरे को ठंडे पानी से धोने के बाद वो दीवाल से टेक लगा कर खड़ी हो गई,कुछ देर में उसकी सांसे स्थिर हुई तो उसने अपने चेहरे को टिस्सू से पोंछा और चेहरे पर हल्का मेकअप लगा लिया,जिसके बाद वो वहां से बाहर आई और इधर उधर चलते हुए रेविका का केबिन ढूढने लगी,कुछ पलों तक घूमने के बाद आखिर में उसे केबिन दिखा और वो नॉक कर अंदर चली गई.....
 
कनिषा को देखते ही रेविका के चेहरे पर मुस्कान तैर गई......"हो गया वर्कआउट?"
 
जवाब देने से पहले कनिषा झेप गई और आहिस्ता से अपना सिर हां में हिला दिया।।
 
"इसके पेपर्स लो और सीईओ को दिखा दो".... रेविका ने असिस्टेंट से कहा,और कनिषा को देख फिर से बोली....."तुम भी जाओ इसके साथ,सीईओ कुछ पूछे तो बिना झिझके जवाब देना!".....
 
"जी, थैंक यूं मिस रेविका!".....उसे सम्मान देने के बाद कनीषा असिस्टेंट के साथ बाहर निकल आई,असिस्टेंट के पीछे पीछे चलते हुए,अचानक वो तब रुक गई,जब असिस्टेंट ने कहा....."रुको!"
 
"जी?"..... कनिषा सवालिया भाव से पूछा।।
 
असिस्टेंट ने एक ओर बड़े ही ध्यान से घूरते हुए कहा....."लागत है,सीईओ सर का मूड ठीक नही है,मुझे अपनी नौकरी से हाथ नही धोना!"
 
उसकी नजरों को पीछा करते हुए कनिषा उसके कानो तक पहुंची और अनायास ही बोली......"मिस असिस्टेंट"....कान में अचानक आवाज आने से असिस्टेंट डर कर दूर भागते हुए कनिषा पर गुस्से करते हुए बोली....."पागल हो गई हो क्या?