Prem Agan - Ek Contract Love - 4 in Hindi Love Stories by Mini books and stories PDF | प्रेम अगन - Ek Contract Love - 4

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प्रेम अगन - Ek Contract Love - 4

आलिया चुपके से कमरे में आई और फिर दरवाजा बंद किया और बिस्तर पर लेट गई ..अधीरा ने धीरे से पूछा " कहा गई थी इतनी रात को..??आलिया सकपका गई और बोली" अधु तुम सोई नहीं क्या ..??अधीरा ने सवाल दोहराते हुए बोली " मेरा सवाल का जवाब ये नहीं है बताओ कहां थी इतनी रात क्या कर रही थी अभय के कमरे में ..आलिया सोची एक पल के लिए अधु को पता चल गया है तो क्यों छुपाना और मुझे कॉन्ट्रैक्ट भी मिल रहा है अधु को अभय के तरफ आर्कषित करने का तो आज से ही शुरू हो जाए वो मुस्कुरा कर अधीरा के पेट को लपेटते बोली " तुम जान गई तो क्यों छुपाना , हां मैं अभय के कमरे में थी और हमारे बीच इंटिमेट भी हुआ , अधीरा ये यौवन कि दहलीज बड़ी मीठा दर्दनाक है एक बार इसके संपर्क में आओ तो सारा नशा कम है इस नशे से और पार्टनर अच्छा मिले तो फिर नशा दूगनी हो जाती है , क्या तुमने कभी किया है ऐसा नशा करके देखना बड़ा मज़ा आता है लाइफ रंगीन बन जाती है..!!अधीरा के हाथ पकड़कर हटाते हुए बोली " नहीं  ,और ना ही मुझे ऐसा नशा करना है ...आलिया मुस्कुरा बोली"  मतलब इतनी खूबसूरत जिस्म पाकर  इंसान रूप में पैदा हुई हो तो सब क्रियाकलाप करो , यहां तक कि जानवर भी इस सुख से वंचित नहीं रहते तो तुम औरत हो और औरत को मर्द से ज्यादा सेक्स कि इच्छा होती है और मज़े भी वो ज्यादा लेती है ..!!अधीरा बोली " ग़लत , मुझे ऐसा नहीं लगता कि औरतों को ज्यादा सेक्स कि जरूरत महसूस होती है मेरे हिसाब से मर्द को इसकी जरूरत बहुत होती है इसलिए रेप और छेड़छाड़ के कांड होते रहते हैं..!!आलिया बोली "  मेरी जान वो  लोग मेंटली विक्षिप्त इंसान हैं जो ऐसे रेप और छेड़छाड़ करते हैं ,सही मायने में तो ये रतिक्रिया दो आपसी सहमति से होता है वो ग़लत नहीं है ..!!अधीरा बोली  " कुछ भी हो जब तुम एक मर्द से खुश ना होकर दूसरे मर्दों के साथ भी वही करो तो ग़लत नहीं है ,तुम कुछ भी बोलो मेरे हिसाब से ग़लत है ,मेरी राधा दीदी भी तो यही समझाती है  प्रेम सिर्फ एक से हो और उसी के साथ आप अपना सब कुछ निछावर कर दो वहीं सच्चा और ट्रू लव है और जो दूसरों के साथ मुंह मारती है वो सिर्फ वासना है ..!!आलिया बोली मुस्कुराते हुए " अधु आज के दुनिया में कोई ऐसा लड़का होगा ना लड़की जो शादी से पहले इंटिमेट ना हुआ हो , सेक्स भी तो काम है इसे चखकर देखना ही चाहिए और एक्सपिरियंस भी मिलता है इससे फिर आप अपने पार्टनर के साथ सुख भोग सकती हो ..!!अधीरा बोली" अच्छा ऐसा , बिना एक्सपिरियंस के कुछ गड़बड़ है क्या , अधीरा को भी आलिया के बातों से इंट्रेस्ट बड़ने लगी , फिर क्या करना चाहिए..??आलिया अधीरा के ब्रेस्ट पर हाथ रखकर थोड़ा दबाने लगी तो अधीरा को गुदगुदी हुई और आलिया के हाथ पकड़कर बोली " क्या कर रही हो ..आलिया बोली" अब बताओ तुम्हारे पार्ट्स फड़कने लगे कि नहीं  इसमें भी मजा था , ज़रा सोचों तुम कि कोई मजबूत कद काठी कसरती बदन वाला मर्द तुम्हारे नाज़ुक बदन पर हाथ फेर रहा हो और तुम्हारी कर्व को मसल रहा हो फिर तुम्हें मज़ा आने लगा और सिसकियां लेने लगी जिससे वो सख्त मर्द को तुम्हारी  सिसकियां उसके बदन पर और हलचल मचा दिया फिर वो एक एक करके तुम्हारे सारे कपड़े निकाल दिया और जिस्म पर ब्रा और पेंटी ही बची है फिर उसने तुम्हें बिस्तर पर धकेल दिया और खुद जल्दी से तुम्हारे ऊपर आकर बेतहाशा चूमने लगा कभी होंठों को चूसने लगा तो कभी कान के पीछे तो कभी गर्दन को चूमते हुए काटने लगे ,वो तुम्हारे दोनों कर्व को मसल रहा था अपने दोनों हाथों से ,तुम ज्यादा ही चीखने लगी तो वो ब्रा को अपने दांतों से निकाल कर अलग कर दिया और तुम्हारे हाथों को ऊपर कि ओर पकड़कर कर तुम्हारे  बूब्स को मुंह में लेकर बच्चे जैसा चुस रहा हो  ..आलिया अधीरा को देखने लगी , अधीरा भी ख्यालों में डूब गई थी , आलिया फिर बोली " अधु तुम्हारे शरीर पर झुरझरी हो रही होगी तुम्हारे पार्ट्स खुलने के लिए तैयार हो रहा होगा है ना ,अब फिर सोचों कि वो मर्द के सख्त  पार्ट और तनकर सख्त हुआ है बार-बार तुम्हारे शरीर पर लग रहा हो ,और तुमने उसे आदेश दिया आओ जल्दी अंदर अब रहा नहीं जा रहा , तुम्हारी प्रणय निवेदन सुनकर वो मर्द अपने अंगवस्त्र फेंक दिया और तुम्हारे अंदर झटके से समा गया , तुम्हें दर्द हुआ पर वो एक चींटी काटने जैसा दर्द था जिसे तुम सह गई शरीर के तुफान से ,वो मर्द फिर अपने रंग में आया और ऊपर नीचे अपने बॉडी को करने लगे ,तुम रफ्तार चाहती थी तो फिर बोली " और जोर लगाओ ..और जोर लगाओ ..वो शख्स अब बहुत तेज हुआ और तुम बादलों में उड़ने लगी चारों ओर कोहरों के बीच तुम सहवास में लिप्त  चिंता मुक्त मज़े लेने लगी ..अधीरा का अंदर का ज्वालामुखी फुट पड़ा और बेचैनी से आंखें बंद कर बोली " बस आलिया बस ..और कुछ मत कहना में नहीं सुन पाऊंगी ..!!आलिया बोलते हुए गर्म महसूस कर रही थी जैसे उसे नशा हो गया हो वो बिस्तर से उठकर बोली "ओके तुम आंखें बंद करके सो जाओ मैं तुम्हें और कुछ नहीं बोलूंगी,वो बोलकर जाने लगी दरवाजे के तरफ ..!!अधीरा बोली" तुम फिर कहां जा रही हो ..??आलिया बोली " मेरा शरीर तप रहा है मेडिसिन लेने जा रही हुं एक इंजेक्शन कि जरूरत है वो मुस्कुराते हुए चली गई..!!अधीरा उठकर बैठी और उसे आलिया का पीछा करने कि सुझी और दरवाजा चुपके से खोलकर आलिया को देखी आलिया विधान के रूम का दरवाजा खोली और चली गई तो अधीरा भी उस दरवाजे के पास आई और अंदर कि बातें सुनने लगी ..शेष अगले भाग में ...