अब आगे,
नितिन ने कहा, "हाँ " और उसे देख कर हसने लगा ।
"वैसे आपको हसीं बहुत आती है, " सीरत ने घूरते हुए ही कहा ।
हाँ, फिर उसके कान के पास जा कर होले से बोला, " तो तुम भी मेरी हसीं बंद कर दो ।" वो इतने करीब हो कर बोला की नितिन के लिप्स सीरत के कान से टच हो रहे थे जिसके कारन सीरत की धड़कन बढ़ गयी थी ।
सीरत ने नितिन को थोड़ा सा हलके हाथ से अपने से दूर किया और उसके चेहरे को देख कर मासूमियत से बोली, " कैसे ? "
नितिन उसकी आँखों मे देख कर बिलकुल सीरियस होते हुए बोला, "जैसे मैंने तुम्हारी बोलती बंद की थी उस दिन वैसे ही ।"
सीरत उसे शौकिंग एक्सप्रेशन के साथ देखने लगी और अपनी बात को रखते हुए कहने लगी , " आप कितने बड़े बत्तमीज हो । "
नितिन ने सीरत को कमर से पकड़ा और करीब करते हुए कहा, " नहीं... बस तुम्हारे लिए हू । "
सीरत की तो सांसे अटक सी गयी । तभी बाथरूम से काव्या बाहर आगयी और बोली, " भाई आप यहाँ? "
नितिन ने जल्दी से सीरत की कमर से हाथ हटाया और कहा,. " हाँ यहाँ आया तो ये गिरने वाली थी तो बस इसलिए इसे गिरने से बचा रहा था । " और जाने लगा वो हड़बड़ा गया था जैसे उसकी चोरी पकड़ी गयी हो ।
" और हाँ, वो तुझे बुलाने आया था और तेरी दोस्त को भी मोम ने निचे बुलाया है चल खाना खा ले, " नितिन ने वापस से पलटते हुए काव्या से कहा ।
नितिन ये कह वहां से चला गया । " इन्हे क्या हो गया ऐसा क्यों रियेक्ट कर रहें थे की जैसे किसी ने चोरी पकड़ ली हो । मैंने तो कुछ पूछा भी नहीं था , " काव्या ने सीरत को देख कर खुद मे कहा ।
सीरत जो नितिन को हड़बड़ाता देख मन ही मन हस रही थी दिल तो कर रहा था जोर जोर से हसे पर अफ़सोस कण्ट्रोल करते हुए हस रही थी ।
" तू क्या सोच रही है और हस क्यों रही है , " काव्या ने सीरत के पास आकर कहा ।
"नहीं तो, कुछ नहीं, और मै कहाँ हस रही हु। नही हस रही बिलकुल भी नहीं", सीरत ने हसीं रोकते हुए कहा ।
"अच्छा चल निचे फिर", काव्या ने कहा और वे दोनों निचे आ गयी ।
सुरेश जी, और ममता जी एक डाइनिंग टेबल पर बैठे थे दूसरी तरफ नितिन बैठा हुआ था । काव्या आ कर ममता जी के साइड बैठ गयी । सीरत काव्या के पास आकर बैठ गयी उसने नजर उठाई तो काव्या के ठीक बिलकुल सामने नितिन था जो चुप चाप अपना लंच कर रहा था ।
सीरत ने सर निचे किया और खाना खाने लगी । तभी सामने एके लड़की हस्ते हुए अंदर आयी । प्यारी सी स्माइल गोरा रंग, बाल छोटे और एक दम स्ट्रैट जो की कंधो तक आ रहे थे । हाई हिलस, आंखे हलकी भूरी , मिड थिइ तक ब्लू कलर की ड्रेस हाथो मे सिल्वर रंग का क्लच ।
"अंकल, आंटी हैल्लो, मुझे जैसे ही पता चला की आप लोग आ गए मै आप से मिलने आ गयी, "उस लड़की ने मुस्कुराते हुए ममता जी के गले मिल गयी ।
"हाय, काव्या " इतना कह काव्या के पास जा रही थी तभी काव्या ने कहा, अरे सोनिया बाद मे अभी खाना खा लू और मेरे हाथ, हाथ भी गंदे हुए है तुम्हारी ये एक्सपेंसिव ड्रेस खराब हो जाएगी…"
"हाँ सही कहा, इट्स टू एक्सपेंसिव", सोनिया ने इतराते हुए कहा ?
नितिन जो अब तक चुप चाप खा रहा था उठते हुए बोला, "मेरा हो गया मै जा रहा हू ।"
सोनिया ने बड़े प्यार से आवाज देते हुए कहा, " नितिन...., " कहाँ जा रहे हो मै तो इस बहाने तुमसे ही मिलने आयी थी और तुम हो की । "
नितिन ने कहा, "मुझे काम है तुम मोम, डैड से बाते करो मुझे जाना है ।"
सीरत जो ये सब देख रही थी उसने काव्या के कान के पास जा कर कहा, " तेरा भाई ऐसे रियेक्ट क्यों कर रहा है । "
"कैसे रियेक्ट कर रहा है? ठीक तो है , " काव्या ने कहा ।
"पर ऊपर तो मेरे साथ ऐसा बेहव नहीं किया", सीरत ने धीरे से कहा ।
"यार वो भाई नार्मल ही बेहव कर रहे है । ये बस फैमिली और फ्रेंड्स के साथ हस्ते हुए बात करते है बाकियो से इन्हे मतलब नहीं होता खास कर जिन्हे ये पसंद नहीं करते" , काव्या ने खाते हुए कहा ।
"पर मेरे साथ वैसे क्यों किया? मै भी तो नहीं जानती वो तो मेरे इतने क्लोज", कहते कहते सीरत चुप हो गयी ।
कव्या खाते खाते रुकी और सीरत को देखने लगी और बोली, "क्लोज? कितने क्लोज ।"
सीरत ने काव्या को खुद की और देखता पर कर सकपका गयी और बोली, 'वो. वो.. ऊपर मेरा मतलब मेरे साथ खड़े हो कर अच्छे से बात कर रहे थे और वहां एयरपोर्ट पर मुझे देख स्माइल की । "
"हाँ, शोकिंग ना भाई ज्यादा लड़कियो से बात नहीं करते एक निशा दी है जो उनके साथ ऑफिस मे उनकी हेल्प करती है और मुकुल भाई एंड हाँ सिद्धार्थ भईया भी है ये तीन लोग है जो भाई के बहुत ज़्यदा क्लोज है भाई के , बाकि किसी और लड़की को उनके साथ नही देखा आज तक ", काव्या ने फिर से खाते हुए कहा ।
सुरेश जी ने नितिन से कहा, " बेटा आज रहने दो क्या तुम आज हमारे साथ समय नहीं बिताओगे ।"
"हाँ भाई आज यही रुको ना हम लोग मस्ती करेंगे एंड मुकुल भाई, सिद्धार्थ भईया और निशा दी को भी बुला लेते है, " काव्या ने कहा ।
नितिन ने काव्या को जवाब देते हुए कहा, " निशा अमेरिका गयी है मैंने भेजा था उसे ।"
"फिर क्या हुआ मै हू ना नितिन", सोनिया ने नितिन का हाथ पकड़ते हुए बड़े ही प्यार से कहा ।
"तुम हो पर किस लिए, घर जाओ अपने", नितिन ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा ।
"आंटी.... देखो ना नितिन कैसे कह रह है मै तो बस इसके लिए ही आयी थी और ये .... ", सोनिया ने कहा ।
"पर तुम तो मोम, डैड से मिलने आयी थी ना", काव्या ने व्यंग के साथ कहा ।
"पर काव्या मैंने ये भी तो कहा इस बहाने नितिन से भी मिलने आयी थी," सोनिया ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा ।
"अच्छा सोनिया अभी हम खा ही रहे थे आओ तुम भी खाना खा लो, " ममता जी ने कहा ।
सुरेश और ममता जी भी खास सोनिया को पसंद नहीं करते थे पर ऐसा भी नहीं था की वे उससे नफ़रत करते हो । वे समझते है की उसमे अभी बचपना है बस ।
सोनिया ने नितिन का हाथ पकड़ा और जबरदस्ती उसे बैठाते हुए कहा, "अब रुक जाओ ना प्लीज" फिर साथ ही उसके साथ वाली चेयर मे बैठ गयी बिलकुल सीरत के सामने ।
उसके बाद सीरत को देखते हुए बोली, "आंटी... ये कौन है?"
काव्या ने कहा, "मेरी बेस्ट फ्रेंड कोई प्रॉब्लम ।"
"काव्या....," ममता जी ने काव्या को चुप करवाते हुए कहा ।
सोनिया ने कहा, "वैसे इसे देख कर लग नहीं रहा की ये तुम्हारी फ्रेंड है । आई मीन लुक एट हर कैसे बहन जी टाइप कपड़े पहने है?"
क्युकी सीरत ने आज सिंपल सा सूट सलवार पहन रखा था ।
सीरत क्या जवाब देगी सोनिया को?
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिये " प्यार बेशुमार "
मिलते है अगले भाग मे,
आज के लिए अलविदा 🙏