BEKHBAR ISHQ - 11 in Hindi Love Stories by Sahnila Firdosh books and stories PDF | बेखबर इश्क! - भाग 11

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बेखबर इश्क! - भाग 11

"आप उसे जानते है".....भव्या ने उस लड़की(कनिषा) को देख,इशांक के तेजी से बदलते भाव को भांपते हुए पूछा!

"चलो अंदर चले,मुझे इसके बाद कंपनी भी जाना है,,मैं यहां सिर्फ तुम्हारे साथ वक्त बिताने के लिए आया हूं,मुझे फिजूल लोगों की बात कर अपना कीमती वक्त बर्बाद नही करना!!".....इशांक वापस भव्या की तरफ मुड़ा,लेकिन भव्या अभी भी कनीषा को हो देखती रही,जिससे इशांक ने उसके सिर को पकड़ कर हॉल के दरवाजे की तरफ घुमाया और उसके हाथ को पकड़ कर अंदर की तरफ बढ़ गया।।

वहीं दूसरी ओर कनिषा ने उस ऑटो वाले को उसके किराए से कम पैसे दिए और काफी बारगेनिंग के बाद वहां से आखिरकार भाग खड़ी हुई,हॉल के दरवाजे तक आते आते वो रुक गई और अपने ड्रेस पर लगी कीचड़ को देख खुद में ही बोली....."उस पागल राइसजादे ने मेरा दो हजार का इतना महंगा सूट खराब कर दिया,, इस शादी में आने और उस कमीने दूल्हे का बैंड बजाने के लिए कितनी हिम्मत जुटा कर आई थी मैं......और अब लगता है मेरा ही पोपट होने वाला है(अपने दोनो हाथो की मुट्ठी बना कर उठाते हुए)लेकिन कोई बात नही,चाहे मेरी कितनी भी इंसल्ट क्यों ना हो....मैं उस कमीने का असली चेहरा सभी के सामने ला कर रहूंगी,,चल कनिषा तू ये कर सकती है,, तू किसी से नही डरती,जब तक तू उस झूठे कमीने का बैंड नही बजा देगी,तेरे दिल को तसल्ली नही मिलेगी,और जिंदगी भर गिल्ट में रहने से तो अच्छा है की मैं उसे सब के सामने बेइज्जत कर दूं!!"......खुद मे बड़बड़ाते हुए उसने जैसे ही हॉल के अंदर अपना पहला कदम रखा,उसे लड़कियों की अजीब सी,लंबी उठती बैठती सांसे सुनाई पड़ी,जो ऐसा था,,जैसे वो किसी चीज को देख कर तरस रही हों,,एक पल के बाद उसे उन आहों के बीच से कुछ दबी सी आती आवाज सुनाई पड़ी....."ओएमजी!किंग ऑफ हर्ट यहां एक आम सी वेडिंग सेलिब्रेशन में,,कई बार अपने इन्वेंसन को लेकर टीवी पर आता रहता है,लेकिन टीवी से ज्यादा रिएलिटी में हैंडसम दिखता है!!"....लड़कियों के झुंड से किसी ने कहा,जो शायद वहां उपस्थित किसी लड़के के लिए था।।

तभी एक दूसरी लड़की की आवाज़ आई...."सुना है,आज तक इसने किसी लड़की को डेट नही किया,फिर भी सारी लड़कियां इसके पीछे पागल हैं,,,ये एलिजिबल बैचलर तो है ही, साथ में सभी गर्ल्स के लिए डिजायरेबल हसबेंड भी है!".....

भीड़ से आती लड़कियों के इन शब्दों को सुनते हुए कनिषा ने जब उनकी निगाहों का पीछा किया,तब उसे एहसास हुआ की हॉल में चल रही सारी बाते और आहें उसके सामने चल रहे लड़के के लिए है,इसलिए कनीषा उसे देखने के लिए थोड़ी उत्साहित ही गई,,लेकिन अपने यहां आने के मकसद को ध्यान ने रखते हुए उसने जल्दी ही अपना ध्यान इधर उधर की सारी बातों से मोड़ लिया,और अपने कदम तेजी से स्टेज की तरफ बढ़ाने लगी,,,हालांकि जैसे ही वो उस भीड़ का अटेंशन बन चुके लड़के के करीब सी गुजरी,उसने कनखी नजरों से उसे देखा लिया,,इशांक को देखते ही उसके तेजी से आगे बढ़ते कदम ठिठक गए,और उसने ठीक तरह से उसे देखने के लिए अपने सिर को पीछे कर लिया।

"तुम तो वही कार वाले एरोगेंट मोनोनीकस डायनासोर हो ना,जो अपने मुंह से आग उगलता है??".... इशांक को मात्र एक मिनट देखने के बाद ही,एकदम से कनीषा के मुंह से निकला,,जो इतनी तेज था की हॉल में मौजूद सभी लोग उसकी तरफ ही देखने लगे.....लेकिन इससे कनिषा को कोई फर्क नही पड़ने वाला था,इसलिए उसने अपने दो उंगलियों को उठा कर इशांक पर नजर रखने का इशारा किया और वहां से ये कहते हुए चली गई...."मेरी नजर तुम पर ही है,मैं अपनी दो हजार की महंगी ड्रेस खराब होने का बदला ले कर रहूंगी,लेकिन फिलहाल मैं किसी और का बैंड बजाने में बिजी हूं,इसलिए तुम्हे छोड़ रही हूं!!".....

कनीषा के वहां से आगे बढ़ने के साथ ही भीड़ के बीच एक बार फिर बातें शुरू हो गई,और अब कुछ लोग कनिषा और इशांक को एक साथ किसी रिलेशन में रहने के बात को जोड़ने लगे,जिसे सुनने के बाद इशांक के बड़ी मुश्किल से शांत किए हाव भाव अचानक गुस्से में तब्दील होने लगे,जिससे उसने अपनी नजरों को सामने चलती कनिषा पर गड़ा दिया और अपने हथेली को मुठ्ठी में भींचने लगा,,जिसे देखते हुए भव्या जो बिल्कुल इशांक के बगल में खड़ी थी,उसने कहा..."रिलैक्स भाई!आप यहां गुस्सा नही हो सकते,,,लोगो के कह देने से आप किसी के साथ रिलेशन में थोड़े ही आ जाएंगे?(कनिषा की ओर देख कर)लेकिन मानना पड़ेगा,,इस लड़की में गट्स तो है!!

इधर दूसरी ओर कनिषा ने स्टेज की तरफ बढ़ते हुए,वहां आए एक मेहमान के हाथ से जूस का गिलास लिया और दो कदम चलने के बाद ही उस गिलास के जूस को स्टेज पर बैठे दूल्हे के मुंह पर फेंक दिया.....

"क्या बत्तमीजी है ये?".....गुस्से से पिनकते हुए दुल्हा चेयर से उठ कर अपने कपड़े को साफ करने लगा,लेकिन जैसे ही उसकी नजर जूस फेकने वाली लड़की पर पड़ी,वो बिल्कुल स्थिर हो गया...."कनिषा!तुम यहां? सौम्या तो नही आई ना?उसे शादी के बारे में पता चल ही गया होगा,उससे कहना मैं उससे ब्रेकअप कर रहा हूं,,मुझे एक अच्छी लड़की और फैमली मिल गई है।।

उसकी  बातों को सुन कनीषा गुस्से से चिल्लाई..."एईईईईई....तुमने मेरी दोस्त को धोखा दिया कैसे,तुम्हारी वजह से आज वो हॉस्पिटल में भर्ती है,मैं तुम्हारी ये गंदी जुबान काट कर कौओं को खिला दूंगी,लालची,नीच,पापी, लीचड़!"

दूसरी ओर जब इशांक ने फिर उसे लड़ता देखा तो भव्या को स्टेज की ओर देखने का इशारा करते हुए बोला...."देखो इस यूजलेस लड़की को,ये फिर शुरू हो गई,पिछले एक घंटे में मैं इसे तीन लोगों से झगड़ा करता देख चुका हूं,,इसका क्लास इतना लो है की मुझे इसकी सकल से भी नफरत होती है,,और तुम इसे इसका गट्स कहती हो,बेशर्मी है ये....

"भाई,ये तो आपका प्वाइंट ऑफ व्यू है ना,उसके लिए सिचवेशन अलग होगी,देखने से ऐसा लगता है,, ब्राइडग्रूम ने इस लड़की की बेस्टफ्रेंड को धोखा दिया है,और मेरी फ्रेंड से शादी कर रहा है,अब मुझे डिस्टर्ब मत करना,मुझे देखना है की ये लड़की जीतती है या नही"..... भव्या ने इशांक के बाह में अपने हाथ को फसाते हुए कहा,और स्टेज पर चल रहे अच्छे खासे ड्रामे को इंजॉय करने लगी।

इधर कनिषा ने दुल्हन को एक नजर देखा और उसके कन्फ्यूज हाव भाव को देखते हुए फिर बोली..."तुम इसके बगल में क्यों बैठे थे,गोद में बैठ जाते....

"बत्तमीजी बंद करो अपनी"....दुल्हा कनिषा की आवाज को दबाते हुए स्टेज से नीचे उतर कर चिल्लाया,लेकिन कनिषा अपनी जगह से जरा सी नही हिली और निडरता से उसे अपनी तर्जनी उंगली दिखाते हुए बोली....खबरदार मेरे पास आए,या मुझे बोलने से रोका तो...इतना मारूंगी की तुम्हारा लालच से भरा चेहरा,तुम्हे ही पहचान में नही आएगा....(दुल्हन और उसके पैरेंट्स की तरफ देख कर)ये लड़का,,ये कमीना दुनिया में सबसे बड़ा दोगल लड़का है,,इसने मेरी दोस्त से शादी का वादा किया था,,उसकी इंट्रशिप खत्म होते ही,ये दोनो शादी करने वाले थे,लेकिन कल सुबह ही उसे पता चला की महाशय किसी दूसरी लड़की से शादी करने वाले है!!".....इतना कहने के बाद कनिषा ने अपने पैर की सैंडल उतार ली और उसे दूल्हे के आगे लहराते हुए फिर कहने लगी...." लड़की देख कर मुझे और मेरी दोस्त को कमजोर अबला टाइप समझा था,जो फोन पर रो धो कर चुप हो जाती,दिल कर रहा इसी सैंडल से तुम्हारे चेहरे का नक्शा बिगड़ दूं....(दुल्हन की तरफ देख अपने सैंडल को नीचे फर्श कर फेंकते हुए)सुनो लड़की,ये आदमी एक नंबर का झूठा है,ये सिर्फ पैसों की वजह से तुमसे शादी कर रहा है,पहले ये तुम्हारे पैसे को खाएगा उसके बाद प्रॉपर्टी हड़पेगा,और अगर तब भी इसका दिल नही भरा तो ये तुम्हे भी बेच कर खा जायेगा"......

कनिषा को लागतार अपने बारे में बोलता सुन और अपना भांडा फूटता देख दूल्हे ने बिना किसी वार्निग के ही कनीषा की कलाई को तेजी से दबाव के साथ पकड़ते हुए कहा...."इनफ!तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी शादी बर्बाद करने की,तुम और तुम्हारी दोस्त मुझ जैसे लड़के को फांसती हो ताकि अपनी जवानी के आग को शांत कर सको,और फिर कमिटमेंट की भी उम्मीद करने लगती हो...

"अबे छोड़".... कनिषा ने अपने हाथ को झटका और उसके पकड़ को अपने हाथ से छुड़ाते हुए दांत पर दांत जमाए बोली...."उसने तुम्हे फंसाया था,वो तुम थे...जो उसके आगे पीछे कुत्तों की तरह घूम रहे थे,,मेरी इनोसेंट दोस्त को मौत के मुंह में धकेल कर शादी करने में लगे हुए हैं, भगवान करे जिस आंख से तुमने मेरी दोस्त को देखा था,वो अंधा हो जाए,और जिस पैसे की लालच की वजह से ये शादी कर रहे हो,वो पैसे तुम्हे कभी ना मिले,तुम रेलवे स्टेशन पर भीख मांगो,और तुम्हे कोई भीख भी ना दे.....!!"

"बस बहुत हुआ,,मेरे शादी के हॉल से अभी के अभी निकलो"......कहते हुए दूल्हे ने कनिषा की कलाई को एक बार फिर पकड़ा और इस बार उसे अपने हाथ को छूड़ाने का कोई मौका ना देते हुए,उसे अपने साथ लेकर खींचते हुए चलने लगा....लेकिन जैसा की वो कनिषा की हरकत से काफी गुस्से में आ चुका था,उसने कुछ कदम चलने के बाद ही,उसे अपने पूरे फोर्स के साथ धकेल दिया।।।

आचनक लगे धक्के से कनीषा खुद को संभाल ना सकी और फर्श पर गिरने से पहले उसका शरीर वहां खड़े एक वेटर से टकरा गया,जिससे उसके हाथ का ट्रे छूट कर फर्श पर जा गिरा और उसमे रखे कांच के गिलासों के टुकड़े टुकड़े हो गए,,कनिषा खुद के ऊपर बैलेंस ना बना पाने की वजह से उन नुकीलें कांचों पर मुंह के बल गिरने लगी....एक पल में उसे ऐसा लगा जैसे अभी कुछ सेकंड में उसके पूरे चेहरे में कांच की वो छोटे नुकले टुकड़े धस जाएंगे,हालंकि अपनी आंखो को बंद कर कांच चुभने का इंतजार करते हुए जब दो मिनट गुजर गया,और इसके मन की घबराहट कुछ कम हुई,तब ही कहीं जा कर उसे अपने सीने पर किसी की मजबूत हाथ की पकड़ महुसुस हुई,और उसने अपनी आंखो को धीरे से खोल कर, अपनी नजरों को नीचे अपने सीने की ओर घुमाया,और गिर कर चोट ना लगने की वजह से उसने मन ही मन भगवान का शुक्र अदा किया,

लेकिन जब उसका ध्यान लड़के के हाथ के पोजीसन और जगह पर गया,तब अचानक ही वो एक कानफोड़ू आवाज के साथ चिल्ला पड़ी..... आआआआआआ!(सीधा खड़ा होने के बाद अपने सामने खड़े इशांक को देख कर)तुम क्या कर रहे थे?क्या तुम मुझसे ऐसी सिच्चवेसन में फ्लर्ट कर रहे थे,तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे वहां पकड़ने की ???"

कनीषा के रिएक्शन को देख कर,इशांक ने झट से उसके सीने पर रखे अपने हाथ को पीछे खींच लिया और अपने लिए हो चुके इस असाहज सिचेवेशन को कम करने के लिए,गले को साफ करते हुए आत्मविश्वासी लहजे में बोली...."देखो लड़की!मेरा इंटेंशन तुम्हे छुने का नही था,,जब तुम गिरी नेचुरली तरीके से मेरे हाथ तुम्हे गिरने से रोकने के लिए उठ गए,और मैं ध्यान नही दे पाया की कहां पकड़ा है!"

"अच्छा,तो तुम मुझे पागल समझते हो,अच्छे से जानती हूं तुम जैसे अमीर खानदान के बिगड़ैल लड़को को,मौका मिलते ही एडवांटेज लेने लगते हो,.... चिल्लाते हुए कनिषा ने इशांक की ओर अपनी तर्जनी उंगली दिखाई और फिर संछिप्त बोली....."इसके लिए माफी मांगो मुझसे!!"

(रेटिंग्स जरूर दें)