investigation in Hindi Short Stories by Butterfly books and stories PDF | You Are My Choice - 19

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You Are My Choice - 19

"तू बेशरम बनके उसे स्टॉक करने वाली है?" जय ने अपनी चेयर पे ठीक से बैठते हुए पूछा।

"मुझे अभी ही पता चला वो मेरा पड़ोसी है। अगर मेरे पास चाबी होती तो नही पता चलता।" श्रेया ने बड़े ही कैजुअल तरीके से कहा।

"तू घर चेंज करले.." जय ने धीरे से कहा।

"मुझे फिरसे मौका दिया है भगवान ने, अब में उसे नही खोने वाली, किसी गलतफहमी की वजह से तो बिलकुल नही।"

"अगर मिस सेहगल उसकी गर्लफ्रेंड हुई तो?" जय ने सीरियस होते हुए कहा।

"शायद... पर में कोशिश करना चाहती हू।" जय की बाते से श्रेया को याद आया की जब वो आकाश को हॉस्पिटल लेके जा रही थी तब वो कितना परेशान था। आकाश ऑलरेडी बहुत टेंशन में था तभी उसे रॉनित की कॉल आई थी। रॉनित से बात करते वक्त आकाश की आखों से धीरे धीरे आसू बहने लगे थे। आकाश ने खुद पे कंट्रोल किया और अपनी आंखे बंध करके बैठ गया था। 

"कहा खो गई?" जय की आवाज से श्रेया को एहसास हुआ की.. शायद आकाश काव्या से प्यार करता हो तो...


पुलिस स्टेशन 

ऑफिसर आकाश को हॉस्पिटल की फूटेज दिखा रहे थे, "सर यह आदमी कॉलेज टाइम से ही पीछा करता था काव्या का, उस टाइम FIR भी की थी बट he was a teenager.. तो जल्दी ही छूट गया था। शायद काव्या ग्रेजुएट हुई उसी साल। उसका मुंबई आना.."

"Don't worry मिस्टर अहूजा, हम जल्द ही उसे पकड़ लेंगे। आप जितना जानते है उसके बारे में हमे बता दीजिए। और मुझे इनफॉर्म कर दीजिएगा जब मिस सेहगल को होश आया और वो बात करने के लिए रेडी हो।"

"ऑफ कोर्स, ऑफिसर। Thank you so much, में FIR की कॉपी कल सुबह भिजवा दूंगा आपको।" आकाश ने हैंडशैक करते हुए कहा।

जय श्रेया को छोड़ने उसके घर जा रहा था। दोनो ने बेसमेंट से आती लिफ्ट को रोका। जैसे ही डोर खुला तो आकाश था, वो अपने साथ आए आदमी से बात कर रहा था। जय और श्रेया भी लिफ्ट में आ गए। सब चुप होके खड़े थे। तभी उस आदमी ने कहा, "सर, लुक। मुझे लगता है... एक्सीडेंट के पीछे भी इसी आदमी का हाथ है। Not sure but I have a gut feeling." 

"पुलिस उस तक पहुंचे उससे पहले मुझे वो चाहिए।" आकाश ने उस आदमी की फोटो देखते हुए कहा। 

"उसे पहले छोड़ना गलती थी आपकी।" उस आदमी ने आकाश की तरफ देखते हुए कहा।

" क्या करू? मेरी Kavu का दिल बहुत अच्छा है ना.. वरना इसे तो में उसी दिन मार देता।" आकाश की आंखो में गुस्सा साफ था।

लिफ्ट से बाहर आते श्रेया ने आकाश से पूछा, "क्या में तुम्हारे घर से अपने बैग्स ले सकती हु?" 

"ऑफ कोर्स।" आकाश ने अपने टैब पे स्क्रॉल करते हुए कहा।

अंदर आते ही आकाश ने उस आदमी को अपने स्टडी रूम में।भेज दिया।

जैसे ही श्रेया बैग्स लेके जाने लगी, जय ने उसे चाबी देते हुए कहा, "ये चाबी ले, में आता हु। प्लीज कुछ खाने के लिए निकाल देना।"

"वो आज ही शिफ्ट हुई है।" आकाश ने जय से कहा।

"तुझे क्यों मिर्ची लग रहीं है?" जय ने तुरंत उसकी बात का जवाब दिया। 

उसकी बात सुनके आकाश जय को गुरके देखने लगा। "वेट.. मेरे घर में कुछ तो स्नैक्स होंगे ही। तुम भी खालो भूख लगी हो तो..." आकाश ने श्रेया से कहा।

"बैठ जा अवस्थी, हम साथ में जाते है।" जय ने उसे अपने पास बिठा लिया। 

तभी आकाश अंदर से बॉक्स लेके आया। "एक्चुअली, ये सब Kavu ने अपनी पसंद से रखा हुआ है, वही खाती है। I hope तुम लोगो को पसंद आए। तब तक में कुछ ऑर्डर कर देता हु।"

"हर टाइम बस order, घर का भी खाना होता है पता है।"

"आता है मुझे खाना बनाना, अकेले।ही रहता था में US में। बट 2 वीक से में घर सिर्फ सोने और नहाने आता हु, वो भी कभी कभी...." आकाश ने अभी भी श्रेया की आंखो में देखके बात नही की थी। जय आकाश के मन में चल रही बातो को अच्छे से समाज रहा था। उसने श्रेया के हाथ पे हाथ रखके उसे रोका और इशारे से कुछ भी पूछने से मना किया। "आकाश, वैसे वो अटैकर पकड़ा गया?" जय ने बात बदलने की कोशिश की।

"नही। जल्द ही पकड़ा जाएगा। मेरे साथ अभी जो आदमी था, उसे इसी काम के लिए बुलाया है।"

वो आदमी आते ही आकाश के स्टडी रूम में चला गया था।

आकाश में जय के सामने देखते हुए कहा, "थैंक यू, जय। काव्या को बचाने के लिए। शायद तुम नहीं आते तो आज पता नही क्या हो जाता है। थैंक यू वेरी मच।"

"हम चलते है। तुम खा लेना ठीक से। और जय की चिंता मत करो, इसे अब घर जाके ब्रेकफास्ट ही मिलेगा। हमारा तो नॉर्मल है, मिल स्किप करना। श्रेया ने जाते हुए कहा। 

आकाश ने श्रेया की तरफ देखने की हिम्मत करली थी इस बार। श्रेया की आंखे आज भी वैसी थी जैसी पहले। एक बार के लिए आकाश को ऐसा।लगा जैसे उसकी बचपन की दोस्त, छोटी श्रेया ही खड़ी हो। आकाश ने हल्की सी मुस्कान के साथ हा में पाना सिर हिलाया। 

जैसे ही दोनो घर से बाहर निकले, दरवाजे के सामने रोनित खड़ा था। "रॉनी, what are you doing here?" आकाश ने पूछा।

"Don't worry bro. मुझे पता चला है, तूने किसीको हायर किया है, कल्परिट को ढूंढने के लिए। जरा में भी तो देखूं। और रही बात Kavu की तो... Danish is there. और मेने दो बॉडीगार्ड भी रख दिए है।" अंदर जाते हुए वो रुक गया और जय की तरफ देखते हुए बोला, "कल मुझे आपके हॉस्पिटल से जवाब चाहिए। आपकी सिक्योरिटी बहुत बकवास है। I need an explanation Doctor. और तू.." उसने जय की तरफ इशारा करते हुए कहा, "अपनी बॉस को बोलदे, अपने CEO पे डोर डालने से बेटर है, मैनेजमेंट पे ध्यान दे।"

"कुछ हुआ है क्या, रॉनी?" आकाश ने पूछा?

"तू मुझे कुछ बता क्यों नहीं रहा? I don't have any idea about the attacker? Why?" दानिश भी कबसे चुप बैठा है।"

"It's the same guy from Chennai." आकाश की इतनी बात सुनके रॉनित चुप हो गया।

जय और श्रेया भी जा चुके थे। "रॉनी, ब्रो.. मुझे पुलिस स्टेशन जाके पता चला। और.."

"और?" रॉनित की आवाज में नाराजगी साफ झलक रही थी। 

"आदित्य वर्मा, वो इन्वेस्टिगेशन कर रहा है.." आकाश आगे कुछ बोल पाता उससे पहले ही रॉनित एक्सिटमेंट में बोला, "where is he?"

आकाश ने अपने स्टडी रूम की तरफ इशारा किया। रॉनित दरवाजे पे खड़े होके बोला, "any avidance, Mr. Verma?" 

"मिस्टर कपूर, लॉन्ग टाईम नो सी।" वो अपनी चेयर पे से खड़ा होके बोला। 

"या.. देखो, तुम्हे जैसे ही वो आदमी मिले ना मुझे सबसे पहले बताना। ताकि में उसे देखते ही गायब कर दू।"

"इस बार वो नही बच पाएगा।" आकाश ने थोड़ा सोचने के बाद कहा।