WORLD TOUR WITH ME - 5 in Hindi Travel stories by Arun Singla books and stories PDF | WORLD TOUR WITH ME - 5

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WORLD TOUR WITH ME - 5

WORLD TOUR WITH ME 

PART- 5

Date : 12.09.2024

सुबह ब्रेकफास्ट के लिए जब हम restaurant में पहुँचे तो वहाँ होटल का एक अटेंडेंट गेस्ट्स की हेल्प के लिये मौजूद था , मैंने उसे रूम key दिखाई, तो उसने बड़े Rude ढंग से कहा, key से क्या बनता है , रूम नंबर बोलो, मैंने जवाब दिया हम आपके पेड गेस्ट है, show respect तो वो कुछ नर्म हुआ , कहने का मतलब है, कुछ ब्रिटिश अभी भी अपने आप को सबसे श्रेष्ठ समझते हैं, और भूतकाल में जीते हैं , की हमने तो इंडिया पर राज किया है, पर ये चुनिंदा मूर्ख लोग थोड़े ही बचे हैं . 

आज हम लंदन शहर की यात्रा पर  निकलेंगे, जहाँ हमारे साथ एक अनुभवी स्थानीय गाइड होगा । आज हम बिग बेन, हाउस ऑफ पार्लियामेंट, वेस्टमिन्स्टर एबे, ट्राफलगर स्क्वायर, पिकाडिली सर्कस, टॉवर ब्रिज, रिवर थेम्स, हाइड पार्क और कई अन्य प्रमुख स्थलों पर जाकर उन्हें करीब से देखेंगे। चलिए, इस रोमांचक यात्रा की शुरुआत करते हैं।

Changing of the Guards

आज मैं लंदन के सबसे प्रतिष्ठित समारोहों में से एक, चेंजिंग ऑफ़ द गार्ड्स, को देखने गया। सुबह की ठंडी हवा में बकिंघम पैलेस के बाहर खड़ा होकर, मैंने देखा कि कैसे शाही गार्ड्स ने अपनी ड्यूटी को बदलते हुए इस पारंपरिक आयोजन को एक अनोखी भव्यता दी।

जैसे ही समय हुआ, बैंड की धुन ने माहौल को जीवंत कर दिया। सिपाही अपने लाल कोट और भालू के फर से बने ऊँचे काले हैट में अनुशासनपूर्वक मार्च करते हुए आए। उनकी हरकतें इतनी सटीक थीं कि मानो वे किसी पुराने समय की घड़ी के हिस्से हों। गार्ड्स का यह मार्च पास करने का दृश्य बेहद रोमांचक था, और उनकी एकता और अनुशासन ने मन को मोह लिया।

यहां आने वाले सैकड़ों पर्यटकों के बीच मैंने भी इस समारोह को देखा, और बकिंघम पैलेस के सामने का पूरा इलाका जैसे एक उत्सव में बदल गया था।

सबसे खास बात यह है कि यह समारोह केवल गार्ड्स के बीच की जिम्मेदारी को बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ब्रिटिश शाही इतिहास और परंपरा का प्रतीक भी है। यह एक ऐसा आयोजन है जिसमें ब्रिटिश सेना के सम्मान और गर्व का झलक दिखाई देती है। हर कदम, हर आदेश और हर सलामी ने मुझे इस बात का एहसास कराया कि यह केवल एक ड्यूटी का परिवर्तन नहीं, बल्कि ब्रिटेन की शाही विरासत का एक जीवंत प्रतीक है।

मैंने महसूस किया कि इस समारोह के दौरान समय जैसे थम सा गया हो। हर किसी के चेहरे पर उत्साह और रोमांच था। अगर आप  कभी लंदन आएं, तो चेंजिंग ऑफ़ द गार्ड्स को देखने का मौका बिल्कुल न चूकें।

Big Ben और House of Parliament

इसके बाद मैं लंदन के हृदय में स्थित Big Ben और House of Parliament को देखने गया जहां का अनुभव वाकई अविस्मरणीय रहा और उसका कारण था वहाँ स्थापित गांधी जी की प्रतिमा, देख कर मुझे अपने देश पर गर्व महसूस हुआ । 

वहां मैंने Big Ben की विशाल घड़ी देखी , बाक़ी सब कुछ साधारण था ।

Big Ben का Tower, जो लगभग 96 मीटर ऊंचा है, पूरे Westminster क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का अहसास कराता है। इसकी घड़ी, जो विश्व की सबसे बड़ी चार-मुखी घड़ियों में से एक है, की सुइयां जैसे समय के साथ एक अद्भुत तालमेल बिठाती हैं। मैंने सुना था कि Big Ben का घंटा जब बजता है, तो उसकी आवाज दूर-दूर तक सुनाई देती है, जब तक मैं वहाँ था तो घंटा ख़ामोश रहा ।

House of Parliament, 

जो ब्रिटिश लोकतंत्र का केंद्र है, इसकी गोथिक वास्तुकला और इसके विस्तृत विवरण देखते ही बनते हैं। मैं इसके चारों ओर घूमा और इसके बाहरी हिस्से को ध्यान से देखा। वहां की दीवारों, खिड़कियों, और दरवाजों पर की गई नक्काशी को देखकर मैं दंग रह गया। यह इमारत केवल एक संरचना नहीं है, बल्कि ब्रिटेन के राजनीतिक इतिहास का प्रतीक है।

Thames नदी के किनारे स्थित यह जगह, पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। आज मैंने देखा कि कितने लोग अपने कैमरे में इस अद्भुत संरचना को कैद करने में व्यस्त थे। मैंने भी इस जगह की कुछ तस्वीरें लीं, ताकि इस यात्रा की यादें हमेशा के लिए मेरे साथ रहें।

Westminster Abbey, London

इसके बाद हम लोगों ने लंदन के ऐतिहासिक वेस्टमिन्स्टर एबे का दौरा किया। यह स्थान ब्रिटेन के इतिहास और संस्कृति का एक प्रतीक है। 

वेस्टमिन्स्टर एबे का निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था, और तब से यह इंग्लैंड के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों में से एक रहा है। यह स्थान केवल एक चर्च नहीं है, बल्कि यह कई शाही विवाहों, राज्याभिषेकों, और अन्य महत्वपूर्ण समारोहों का गवाह रहा है।

मैंने आज जब एबे की गलियों में कदम रखा, तो वहां की शांति और आध्यात्मिकता ने मुझे बहुत प्रभावित किया। इस विशाल चर्च की दीवारों पर बने सुंदर चित्र, खिड़कियों पर रंगीन कांच की कलाकारी, और छत की जटिल नक़्क़ाशी सभी कुछ सुंदर  थे। यहां पर ब्रिटेन के कई महान व्यक्तियों की समाधियाँ भी हैं, जिनमें से कई नाम मैंने इतिहास की पुस्तकों में पढ़े थे। 

एबे में सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक 'कोरोनेशन चेयर' है, जिस पर बैठकर ब्रिटेन के राजाओं का राज्याभिषेक होता है। इसे देखकर मुझे ब्रिटेन के समृद्ध शाही इतिहास की गहरी झलक मिली। 

गाइड ने हमें बताया कि यहां पर 3,300 से अधिक लोग दफन हैं, जिनमें से कई महान कवि, लेखक, वैज्ञानिक और नेता शामिल हैं। यह जानकारी सुनकर मुझे यह महसूस हुआ कि यह स्थान केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन की सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है।

मैंने वेस्टमिन्स्टर एबे के हर कोने को ध्यान से देखा और उसकी हर एक अद्वितीयता को सराहा। यहां का वातावरण आपको इतिहास की गहराईयों में ले जाता है और आपको ब्रिटेन के अतीत से परिचित कराता है।

Trafalgar Square

इसके बाद हमने लंदन के दिल में स्थित ट्राफलगर स्क्वायर का दौरा किया। यह स्थान ऐतिहासिक महत्व और आधुनिक जीवन का अद्भुत संगम है। जैसे ही मैं स्क्वायर के पास पहुंचा, वहाँ की भीड़-भाड़ और चहल-पहल ने मुझे अपनी ओर खींच लिया। स्क्वायर के बीचों-बीच नेल्सन कॉलम खड़ा है, जो ब्रिटेन के महान योद्धा लॉर्ड नेल्सन की बहादुरी का प्रतीक है।

इसके चारों ओर विशाल शेरों की मूर्तियाँ भी हैं, जिनके पास बैठकर लोग आराम कर रहे थे और तस्वीरें खींच रहे थे। पास ही स्थित फव्वारे ने वातावरण को और भी खुशनुमा बना दिया। स्क्वायर के चारों ओर सुंदर ऐतिहासिक इमारतें हैं, जिनमें नेशनल गैलरी सबसे प्रमुख है। यहाँ से मैंने गैलरी के अद्वितीय कला संग्रह को देखने का निर्णय लिया, लेकिन समय की कमी के कारण इसे अगली बार के लिए छोड़ दिया।

यह जगह न केवल पर्यटकों बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है। आज यहाँ कई कलाकार अपने कला के प्रदर्शन के लिए जुटे हुए थे, जिनकी अद्भुत प्रस्तुतियाँ देखने लायक थीं।

ट्राफलगर स्क्वायर ने मुझे यह एहसास दिलाया कि यह केवल एक ऐतिहासिक स्थान नहीं है, बल्कि लंदन की धड़कन है। यहाँ बिताए कुछ घंटे मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहे।

Tower Bridge

हमारा अगला पड़ाव लंदन के सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक, टॉवर ब्रिज का रहा। यह पुल न केवल अद्भुत इंजीनियरिंग का उदाहरण है, बल्कि इसे देखना एक रोमांचक अनुभव भी है। जैसे ही मैं ब्रिज के पास पहुंचा, इसकी भव्यता ने मुझे पूरी तरह से मंत्रमुग्ध कर दिया। टेम्स नदी के ऊपर बने इस पुल की संरचना और डिज़ाइन दोनों ही अद्वितीय हैं।

ब्रिज के दोनों ओर की मीनारें इसे और भी आकर्षक बनाती हैं। इनके भीतर स्थित गैलरी से टेम्स नदी और लंदन शहर का नज़ारा अविस्मरणीय है। मैंने वहां से पूरे शहर का अद्भुत दृश्य देखा, जो अब तक की मेरी यात्रा का सबसे यादगार हिस्सा था। इसके अलावा, ब्रिज के ऊपर बना कांच का फर्श भी एक रोमांचक अनुभव था, जिससे नीचे बहती टेम्स नदी को देखना एक अद्भुत अनुभव था।

इस पुल की सबसे खास बात यह है कि इसे हाइड्रोलिक सिस्टम से उठाया जा सकता है ताकि बड़ी नावें इसके नीचे से गुजर सकें। मैंने अपनी यात्रा के दौरान इसे उठते हुए भी देखा, जो सचमुच एक अविस्मरणीय दृश्य था।

टॉवर ब्रिज न केवल एक पुल है, बल्कि लंदन की समृद्ध विरासत और संस्कृति का प्रतीक भी है। अगर आप कभी लंदन आएं, तो टॉवर ब्रिज की यात्रा अवश्य करें।

 

Hyde Park

इसके बाद हमें लंदन के सबसे प्रसिद्ध छ पार्कों में से एक, हाइड पार्क का दोरा किया । जब मैं पार्क में पहुंचा, तो हल्की ठंड और ताज़गी भरी हवा ने मेरा स्वागत किया। यह पार्क अपने विशाल क्षेत्र और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, और आज मैंने इसे खुद अनुभव किया।

पार्क में कदम रखते ही मैंने देखा कि यहाँ लोग विभिन्न गतिविधियों में लिप्त थे। कुछ लोग आराम से बेंच पर बैठकर किताबें पढ़ रहे थे और एक जगह  बच्चे खिलखिलाते हुए खेल रहे थे, और यह सब कुछ बहुत ही शांति और सुकून भरा था।

पार्क के बीचोंबीच स्थित सर्पेंटाइन झील ने मेरा ध्यान खींचा। पानी में तैरते हंस और बत्तखें इस जगह की सुंदरता में चार चाँद लगा रहे थे। मैंने झील के किनारे बैठकर कुछ समय बिताया और प्रकृति की इस अद्भुत रचना का आनंद लिया। सर्पेंटाइन ब्रिज से झील का नज़ारा वाकई मनमोहक था।

हाइड पार्क की हरियाली और उसमें उगे पेड़-पौधे इस जगह को एक विशेषता प्रदान करते हैं। यहाँ का हर कोना अलग-अलग प्रकार की वनस्पतियों से भरा हुआ है। मैंने पार्क में चलते हुए विभिन्न प्रकार के फूलों को देखा, जो अपनी खुशबू से पूरे माहौल को महका रहे थे।

पार्क में स्थित डायना, प्रिंसेस ऑफ वेल्स मेमोरियल फाउंटेन भी देखने लायक है। इसका डिज़ाइन बहुत ही सुंदर और अनूठा है। यहाँ आकर मैंने महसूस किया कि यह जगह वास्तव में प्रिंसेस डायना की यादों को ताज़ा कर देती है, हालाँकि हुने उसे केवल TV पर ही देखा था । पानी की हल्की आवाज़ और इसके चारों ओर बिछे घास के मैदान ने मुझे कुछ पल के लिए समय से दूर कर दिया।

हाइड पार्क न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, बल्कि यह सांस्कृतिक गतिविधियों और इवेंट्स के लिए भी प्रसिद्ध है। मैंने सुना कि यहाँ समय-समय पर विभिन्न प्रकार के संगीत कार्यक्रम और उत्सवों का आयोजन होता है।

पार्क की विशालता के कारण यहाँ घूमने के लिए पूरा दिन भी कम पड़ सकता है। हाइड पार्क की यात्रा ने मुझे न केवल शारीरिक रूप से ताजगी दी, बल्कि मानसिक रूप से भी बहुत सुकून पहुंचाया।

Madame Tussauds Wax Museum

हाईड पार्क के बाद मैं लंदन के प्रसिद्ध Madame Tussauds Wax Museum गया और वहां के हर एक पल ने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया। जैसे ही मैं म्यूजियम के भीतर प्रवेश किया, मैं दुनिया के सबसे बड़े और मशहूर हस्तियों के जीवन जैसे मोम के पुतलों से घिरा हुआ था।

म्यूजियम का प्रवेश द्वार ही इतना आकर्षक था कि मैं वहां से नजरें नहीं हटा पाया। अंदर जाकर जब मैंने पहले ही सेक्शन में कदम रखा, तो मेरी नजर सबसे पहले महात्मा गांधी जी के पुतले पर पड़ी। ऐसा लगा जैसे वो सच में मेरे सामने खड़े हों। उनकी मूर्ति को देखकर मेरे अंदर गर्व की भावना जाग उठी। इसके बाद मैंने एक-एक करके बॉलीवुड और हॉलीवुड के सितारों के पुतलों को देखा। शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, और सचिन तेंदुलकर जैसे भारतीय सितारे भी वहां मौजूद थे।

मुझे यह देखकर बेहद खुशी हुई कि इस म्यूजियम में भारतीय हस्तियों को भी उतना ही सम्मान दिया गया है जितना कि अंतरराष्ट्रीय सितारों को। सचिन तेंदुलकर का पुतला देखकर मुझे अपने देश के लिए और भी ज्यादा गर्व महसूस हुआ। इसके अलावा, मैंने हॉलीवुड के सितारे जैसे कि एंजेलिना जोली, ब्रैड पिट, और टॉम क्रूज के पुतलों के पुतले भी मोजूद थे। मैंने महात्मा गांधी जी के पुतले साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं।

सबसे अनोखा अनुभव तब हुआ जब मैंने रानी एलिजाबेथ द्वितीय और उनके परिवार के पुतलों को देखा। ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं सच में रॉयल फैमिली के साथ खड़ा हूँ। उनके पुतलों की बनावट इतनी बारीकी से की गई थी कि मैं एक पल के लिए यह सोचने पर मजबूर हो गया कि ये असली लोग ही हैं।

म्यूजियम में एक और रोमांचक सेक्शन था जहां मैंने स्पाइडर-मैन, आयरन मैन, और हल्क जैसे सुपरहीरोज के पुतलों को देखा। यह जगह बच्चों और युवा दर्शकों के लिए बेहद आकर्षक थी। 

London Eye

आज का दिन मेरी जिंदगी का एक बेहद खास दिन था क्योंकि मैंने आज लंदन की सबसे मशहूर जगहों में से एक, London Eye का दौरा किया। जब मैं लंदन आई तो मुझे इस विशालकाय फेरिस व्हील की बहुत चर्चा सुनने को मिली, लेकिन आज इसे करीब से देखने और इसमें सवार होने का अनुभव ही कुछ और था।

लंदन आई की सबसे खास बात यह है कि यह आपको लंदन शहर का एक विहंगम दृश्य प्रदान करती है। जैसे ही मैं इसके पास पहुंचा, इसकी ऊंचाई और खूबसूरती देखकर मैं मंत्रमुग्ध हो गया। 135 मीटर ऊंचा यह फेरिस व्हील थीम्स नदी के किनारे पर स्थित है, और इसका हर कैप्सूल आपको लंदन की अलग-अलग ऐतिहासिक इमारतों और आधुनिक संरचनाओं की झलक दिखाता है।

थोड़ी देर बाद मैं कैप्सूल में सवार हुआ। जैसे ही कैप्सूल ने अपनी यात्रा शुरू की, धीरे-धीरे ऊंचाई बढ़ने लगी और साथ ही लंदन शहर का दृश्य और भी आकर्षक होता गया। थीम्स नदी की शांति और लंदन की हलचल भरी सड़कों का नजारा सचमुच दिल को छू लेने वाला था।

जैसे-जैसे कैप्सूल ऊपर चढ़ता गया, मैंने बिग बेन, हाउस ऑफ पार्लियामेंट, सेंट पॉल कैथेड्रल और टॉवर ब्रिज जैसी प्रसिद्ध इमारतों को देखा। ये सभी इमारतें अपने आप में इतिहास की अनमोल धरोहर हैं और इनका अद्भुत दृश्य लंदन आई से देखने का अनुभव अविस्मरणीय था। सबसे ऊपर पहुंचकर ऐसा लगा मानो पूरा लंदन मेरे सामने बिछा हुआ हो।

20 मिनट के इस सफर ने मुझे एक अलग ही दुनिया में ले जाकर खड़ा कर दिया। हवा में तैरते हुए लंदन के नज़ारों को देखना एक सपना जैसा था। मेरे पास कैमरा तो था, लेकिन मैंने कुछ पल बस अपनी आँखों में कैद किए। उन पलों को शब्दों में बयां करना मुश्किल है, क्योंकि वह एहसास केवल वही समझ सकता है जिसने इसे खुद महसूस किया हो।

लंदन आई का यह सफर बेहद रोमांचक था, बल्कि इसे देखकर ऐसा लगा कि मैंने लंदन शहर की आत्मा को करीब से देखा और महसूस किया।

 

बस यहीं पर आंके दिन को अलविदा कहा और होटल की और मड लिये , रात होटल में विश्राम किया ।