Please Muje jane dijiye - 5 in Hindi Love Stories by Siya books and stories PDF | प्लीज मुझे जानें दीजिए - 5

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प्लीज मुझे जानें दीजिए - 5

Hello dosto आशा है आप सब एकदम मस्त और मजे में होंगे।

अब तक आपने पढ़ा की विराज और आकांक्षा में बहस हो गई थी विराज ने आकांक्षा का हाथ अपनी कॉलर से हटा के उसे झटक दिया जिस वजह से वो नीचे गिर गई थीं।



विराज गुस्से में बोला तुजमे बहुत हिम्मत आ गई है आज तो हद ही पार कर दी मेरे सामने लोगो की खडे होने की हिम्मत नहीं होती ओर तूने हाथ उठाया मुजपे चल निकलते है तेरी हिम्मत देखू में और उसे बाह से पकड़ के खींचता हुआ नीचे बेसमेंट में ले गया वहा बिलकुल अंधेरा था बस एक येलो रोशनी आ रही थी छोटे से बल्ब की जो एक कोने में जल रहा था|



विराज ने उसे पटक दिया आकांक्षा की चीख निकल गई। ओर बोला आज रात यही रहो देखू तुम्हारी हिम्मत और चला गया, उसने वाला चूहे और कॉकरोच छोड़ दिया आकांक्षा का डर से बहुत ही बुरा हाल था वो दरवाज़े की तरफ भागी और ठोकती रही विराज खोलो विराज प्लीज मुझे निकालो यहां से मुझे माफ कर दो आज के बाद ऐसी गलती नही करूंगी लेकीन विराज तो अपने रुम मे जाकर दरवाज़ा लॉक करके सो गया,







उधर आकांक्षा का बहुत ही बुरा हाल था चूहे और कॉकरोच से तो उसे बहुत ही दर लगता था चूहे उसके पैर के पास आते और जाते कुछ ने तो उसे काट लिया था वो रो रो कर पुरी रात निकली उसने....







सुबह सुबह जब नौकरानी ने दरवाज़ा खोला तो वो भागती हुई रुम में गई और विराज से चिपक गई दर के मारे और चिल्लाने लगी चूहा चूहा , विराज की नींद खुली ओर उसने धक्का दे दिया आकांक्षा को लेकीन वो डर के मारे फिर आकर चिपक गई बोली प्लीज दूर मत करो मुझे डर लग रहा है







,प्लीज विराज तो गुस्सा था उसने फिर धक्का दे दिया बोला दूर रहो बहुत हिम्मत है ना तुम में, वो बोली नही मुझे बहुत डर लगता है चूहे से। वो बोला जाओ फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट बनाओ मुझे आफिस जाना है।






आकांक्षा जैसे तैसे खुद को संभालती और फ्रेश होने चली जाती है वो शॉवर के नीचे खड़ी थी उसके आशू बह रहे थे 15 मिनट वो ऐसे ही रहती है फिर खुद को संभालती है और बहार आती हैं बाथरोब पहन के उसके गीले बालों से पानी टपक रहा था होठों पर पानी की बूंदे थी आकांक्षा को और आटेक्टिव बना रही थी










विराज उसे ही देख रहा था और फ़िर एक दम से उठा और उसके तरफ आने लगा आकांक्षा क्लोसेट रूम की तरफ़ जा रही थी, वो रुक गई क्युकी पोछे से विराज ने उसका हाथ पकड़ लिया था, विराज ने उसे पलटा अपने तरफ अब दोनो बिलकुल नजदीक थे, एक दुसरे की सास आपस मे टकरा रही थी,












विराज तो सब भूल गया उसकी खुबसूरती के आगे वो एकदम से झुका और उसके होठों पर होठ रख कर प्यार से किस कर रहा था आकांक्षा शॉक्ड हो गई इसे एक दम से क्या हो गया, किस करते हुऐ जब आकांक्षा को सास लेने में दिक्कत हुई तब विराज ने छोड़ा और उसके बाथरोब की नोट खोल दी धीरे धीरे वो शोल्डर पे किस करने लगा और एक हाथ से बाथरोब उतार दिया अब आकांक्षा की बॉडी पे एक भी कपड़ा नहीं था,












विराज ने इसे गोद में उठाया और बेड पे ले गया और उसे प्यार से पुरी बॉडी पे किस कर रहा था लव बाइट छोड़ रहा था, ओर फिर धीरे से एंटर हुआ करीब 1 घण्टे बाद छोड़ दिया उसे और उठ के वाशरूम गया शॉवर के नीचे खडा हो गया ओर सोचने लगा ये क्या कर रहा हूं में मुझे उसको सजा देना है और में उसके साथ प्यार से केसे रह सकता हु मुझे खुद पे कंट्रोल करना होगा नही तो जो मुझे चहिए वो मिलेगा भी थोडी देर बाद बाहर आया।।











आफिस के लिए तैयार हुआ कोट पेंट शर्ट टाई एक दम हैंडसम लग रहा था कोई देखें तो नजर ना हटे,आकांक्षा तो पहले ही नीचे जाकर अपने काम में लग गई थी, उ






सने ब्रेकफास्ट बना दिया था और टेबल पर रख दिया था विराज आया और ब्रेकफास्ट करने लगा बीना आक्षांश को देखें और खा के निकल गया बीना कुछ बोले आकांक्षा उसे जाते हुए देख रहि थी और हैरान थीं आज इसे क्या हो गया, फिर वो मन में बोली इसे कुछ भी हो लेकीन मुझे इस पागल के साथ नहीं रहना मुझे भागना होगा यहां से वो भी आज ही भागना है।








फिर वो सब टेबल का सामान किचेन में रखा और बहार आई उधर इधर देखने लगी शांति ने पुछा मैडम आपको कुछ चहिए क्या। सर ने बोला है मैडम को बोलना स्टडी रूम की सफाई कर देना दिन भर मे,आकांक्षा ने हा में गर्दन हिलाई और स्टडी रूम की तरफ़ गई, ओर काम में लग गई वो दोपहर का इंतज़ार कर रही थी जब सब मेड अपने रुम मे होती है।







उसे स्टडी रुम साफ करते करते दिन के 3 बज गए थे उसने सोचा थी अच्छा समय है यहां से भागने का बस भाग जाऊ एक बार फिर कही दूर चाली जाउंगी इस पागल खडूस के हाथ नही आऊंगी कभी भी , कही दुसरे शहर जा के पापा मम्मी से बात करके सब बता दूंगी उसने सोच लिया था की मुझे केसे भी करकर भागना है, ओर






पाता लगाना होगा मेरे पापा भाई ने किया क्या है , इसके साथ जो ये इतना गुस्सा है और किस बात की दुश्मनी निकाल रहा है ,





मैने कभी नहीं सोचा था ये सब दिन दिखने पड़ेंगे मैने घर में कभी काम नही किया मुझे यहां सब करना पड़ रहा है, ओर कभी सोचा भी नही था की कोई मेरा रोज रेप करेगा,








यहां ये विराज जानवर की तरह रोज नोचता है उसकी



आज के लिए बस इतना ही दोस्तो आज ज्यादा नही लिख पाई मेहमान आ गए थे, तो लेकीन आपके लिए रोज एक पार्ट लाऊंगी आप प्लेस जायदा से ज्यादा लाइक कमेंट करे ताकि मुझे पता चाले की मेरे प्यारे रीडर्स को कहानी कैसी लग रही है।



कहानी अभी बाकी है तो जुड़े हुए ......



हर हर महादेव 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻