ईशान अपनी बात कर बाहर जा चुका था और अरविंद और साधना के पास कोई दलील नही थी उसे समझाने की। ईशान के दर्द और तकलीफ को शालू के जाने के बाद न सिर्फ उन्होंने देखा था बल्कि महसूस किया था।
इन दो सालों मे जो ईशान सबके सामने आया था वो पहले जैसा नही था।
एक चलबुला हंसमुख इंसान आज एक संजीदा बिजनेसमैन था जिसके चेहरे पर पुरानी मुस्कान यदा कदा ही दिखती थी।
"डोन्ट वरी अंकल डॉन'ट वरी आंटी वह ठीक हो जाएगा। एक बार शालू यहां आ जाए उसके बाद ज्यादा दिन तक उससे नाराज नहीं रह पाएगा। और यह नाराजगी भी सिर्फ इसलिए है क्योंकि शालू ने उसे बताया नहीं अपने जाने के बारे में। अगर वह बता देती तो इशू इस कदर नाराज नहीं होता।" मनु ने साधना और अरविंद की तरफ देखकर कहा।
"पर ईशान को भी समझना होगा शालू की मजबूरी।" साधना परेशान होकर बोली।
"अब जबकि हम सब लोग सारी बातें जानते हैं..!! सब जानते हैं तो हमें हमें न सिर्फ शालू अबीर अंकल और मालिनी आंटी को समझना होगा बल्कि सपोर्ट भी करना होगा।" मनु ने कुछ सोचते हुए कहा।
"हां मनु बेटा तुम ठीक कह रही हो..!! अब शालू भी कहीं से गलत नहीं है। उसकी जगह कोई भी होता तो यही डिसीजन लेता। उस समय उन लोगों के लिए सांझ की जिंदगी बचाना और उसे सुरक्षित रखना सबसे ज्यादा जरूरी था, और इसके लिए उन्हें जो समझ आया वह उन्होंने किया और मैं जानती हूं ईशान भले आज नाराज है पर शालू को सामने पाकर ज्यादा दिन तक नाराज नहीं रह पाएगा। बहुत चाहता है उसे। अगर यूँ ही बात होती तो अब तक आगे बढ़ गया होता। पर वही कहते हैं ना जहां प्यार ज्यादा होता है वहाँ अधिकार भी ज्यादा होता है। और बात जब नाराजगी की आती है तो नाराजगी भी ज्यादा होती है। बस यही है पर मुझे विश्वास है कि सब जल्दी ही सही हो जाएगा।" साधना ने आगे कहा ताकि सब पॉजिटिव रहे।
"वैसे तुम आज जाने वाली थी..!! वर्मा जी का कॉल आया था कुछ शॉपिंग करनी है उन्हें तुम्हारे साथ तो कितने बजे निकल रही हो?" अरविंद ने मनु की तरफ देखकर कहा।
"बस अंकल अभी निकलती हूं..!! वह उन्हे शादी के हिसाब से कपड़े और गहने लेने हैं। तो वह मेरे साथ ही लेना चाहते हैं।"
"यह तो बहुत अच्छी बात है..! शादी कोई बार-बार थोड़े ना होती है। सब कुछ अपनी पसंद का लो वहां भी और यहां भी। और जो कुछ भी मन हो बेझिझक कहना? किसी चीज की कोई कमी नहीं हमारे पास और तुम इकलौती बेटी हो हमारा है वह तो तुम्हारा है ही। साथ ही तुम्हारे खुद के पेरेंट्स की अच्छी खासी प्रॉपर्टी है। कहीं पर भी अपना मन खराब करने की या कंप्रोमाइज करने की जरूरत नहीं है।" अरविंद बोले।
"जी अंकल मैं कहीं कोई कंप्रोमाइज नहीं कर रही और मुझे कुछ करने की जरूरत ही नहीं पड़ रही है। वहां पर नील के पेरेंट्स और यहां पर आप लोग सब कुछ एक से बढ़कर एक कर रहे हो।"
"तो करेंगे नहीं आखिर पहली शादी है इस घर की और वह भी हमारी प्यारी मानसी की...!! किसी तरह की कोई कमी थोड़ी ना रहने देंगे।" साधना ने खुश होकर कहा।
" ठीक है आंटी अब मैं निकलती हूं, वरना लेट हो जाऊंगी।"
"आराम से जाओ।" साधना ने कहा तो मनु घर से निकल गई।
ड्राइव करते-करते उसने नील को कॉल लगाया।
" हायो रब्बा..!! आज तो मैं कुछ और भी मांगता तो मुझे मिल जाता।" नील ने रोमांटिक अंदाज में कहा।
"मांगते हो क्या..? मतलब भिखारी हो क्या..?? वैसे किस नुक्कड़ पर मांगते हो..??"
"यार तुम कभी सुधर नहीं सकती क्या? कोई इंसान रोमांटिक मूड में हो अच्छे से बात कर रहा हो और तुमने उसे भिखारी बना दिया।"
"तो तुम ही तो कह रहे हो आज कुछ और भी मांगता है तो मिल जाता है..!! जैसे की नुक्कड़ पर खड़े हो कटोरा लेकर और मिल जाए तुम्हें कुछ..!!" मानसी बोली।
"अरे बाबा तुम ना...?? तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता और मुझे समझ आ गया है कि मैंने गलत लड़की सिलेक्ट कर ली है। मेरी रोमांस की पल-पल ऐसे ही बैंड बजायेगी यह..??" नील बोला तो मनु मुस्कुरा उठी।
वह जानकर नील को तंग कर रही थी और नील भी यह बात बहुत अच्छे से जानता था।
"आई मीन मैं अभी यही सोच रहा था कि तुम मुझे कॉल करो और फाइनली देखो तुम्हारा कॉल आ गया..!! इसलिए मैंने कहा।
" ओह्ह अच्छा तो मेरे कॉल का इतना डेसपरेटली वेट कर रहे थे। इतना प्यार करते हो मुझे।" मनु ने भी हल्के-फुल्के अंदाज में कहा।
"तुम्हें शक है अभी भी क्या मेरे प्यार पर?"
" बिल्कुल भी नहीं है पर तुम्हारी हरकतों को देखकर लगता नहीं है कि तुम जो कुछ भी कहते हो वह सच कहते हो..!!" मनु ने हंसते हुए कहा।
"अब मैंने क्या हरकत कर दी यार..?? जब से तुम्हारे साथ इंगेज हुआ हूं सिर्फ तुम्हें देखता हूं तुम्हें सोचता हूं तुमसे बात करता हूं और तुम्हारे साथ जिंदगी बिताने के सपने देख रहा हूं। अब इसमें भी कुछ गलत है?"
"नहीं बिल्कुल गलत नहीं है मेरे भोले बलमा..!! और हां यह सब सिर्फ अभी तक नहीं चलेगा। जिंदगी भर तुम्हें सिर्फ मेरी बातें सुननी है। सिर्फ मुझे देखना है, सिर्फ मेरे बारे में सोचना है और सिर्फ मेरे साथ जिंदगी बिताने के सपने देखने है। समझे वरना जान ले लूंगी तुम्हारी।" मनु ने कहा।
"अरे मैं तो वैसे ही तुम पर जान देने को तैयार हूं..!!क्यों पल-पल मारने की धमकी देती हो..??" नील ने मुस्कुराकर कहा।
"चलो अभी बातें बहुत हो गई। मैं ड्राइव कर रही हूं अभी पहुंच रही हूं तुम्हारे घर रेडी रहना तुम मार्केट चलना है ना है..!!"
"यार तुम तो ऐसे ऑर्डर दे रही हो जैसे कि मैं लोग तुम्हारा एम्पलाई हूँ और तुम एमडी। आ जाओ चुपचाप जब तैयार हो जाएंगे तब चलेंगे समझी..!! ससुराल में आ रही हो तो तमीज से आना सीखो और तमीज से रहना भी।" नील ने फुल एटीट्यूड के साथ कहा और कॉल कट कर दिया।
मानसी ने दो पल अपने फोन को घूरा और फिर सीट पर रख दिया।
"तेरी तमीज की ऐसी की तैसी...!!अभी आकर बताती हूं..!मुझे धमकी दे रहा है ससुराल की..!! नील के बच्चे बहुत ज्यादा उड़ रहा है आजकल।" मनु खुद से बोली और उसी के साथ उसने गाड़ी की स्पीड तेज कर दी और चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान आकर बिखर गई।
थोड़ी देर में मनु नील के घर पहुंच गई थी।
"प्रणाम मम्मी..!" मनु ने मिसेज वर्मा के पांव छूकर कहा।
"खुश रहो बेटा..!! बस तुम्हारा इंतजार कर रहे थे चलो चलते हैं मार्केट फिर अच्छा खासा टाइम लग जाएगा।" मिसेज वर्मा ने कहा।
" जी मम्मी चलिए..! वैसे नील कहां पर है।"
" अपने कमरे में है..!! जाओ जाकर तुम बुलाओ और सुजाता बोली और दिवाकर जी को बुलाने चली गई।
मानसी दनदनाती हुई ऊपर रूम में आई और जैसे ही दरवाजा खोला नील ने उसका हाथ पकड़ खींचा और उसके साथ बिस्तर पर जा गिरा।
मनु ने आंखें बड़ी कर उसे देखा तो नील मुस्करा उठा..!!
"अब यह क्या था?" मनु ने आँखे गोल गोल घुमाई।
"इसे रोमांस कहते हैं मन्नू डार्लिंग..! अब जब होने वाली बीवी अपने रूम में आए तो उसके साथ यूं ही रोमांस करना तो बनता है ना..!!" नील ने मदहोशी भरी आवाज मे कहा।
"कहा है ना तुमसे मैंने कि अभी जब तक शादी नहीं हुई तब तक मुझसे थोड़ा दूर रहो। समझ क्यों नहीं आती तुमको कोई भी बात।"
" आता है ना समझ सब समझ आता है..!! पर तुम्हें क्यों नहीं समझ में आता कि तुम्हारे करीब आने के लिए कितना बेचैन हूं मैं।" नील ने उसके गाल पर उंगली फिराकर कहा।
" अरे बेचैन आत्मा थोड़ा सबर कर ले...! अभी हमारी शादी होने ही वाली है।" मनु बोली।
"हां तो सब्र किया हुआ हूं पर एक किस तो कर सकता हूं ना..?" नील ने उसकी आँखों मे झांककर कहा तो मनु ने आँखे छोटी कर उसे देखा।
"प्लीज...!!" नील बोला तो मनु खिलखिला उठी।
"अब हंसने की क्या बात है.??किस करने के लिए बोला है गुदगुदी नहीं किया तुमको समझी..!!"
"हां पर तुम तो ऐसे पूछ रहे हो जैसे...??"कहते कहते मनु रुक गई।
"तो कैसे पूछूं?" नील ने उसकी आंखों में देखकर गहराई से कहा।
" मतलब..!! पूछना क्यों..!! मेरा मतलब है कि पूछना..!! मेरा मतलब है कि नही..!! आई मीन पूछने की क्या..??" मनु अभी बोल ही रही थी कि नील उसके बेहद करीब आ गया।
मनु ने घबरा कर आंखें बंद कर ली और नील ने धीमे से उसके होठों पर होंठ रख दिये।
कुछ पलों बाद..!!
" थैंक यू मुझे किस करने की परमिशन देने के लिए...!" नील ने उसके उपर से हटकर कहा तो मनु ने आंखें खोल उसे देखा और फिर उसके सीने पर एक मुक्का जड़ दिया।
"पर मैंने परमिशन कब दी थी तुम्हें?" मनु बोली।।
"पर तुमने ना भी तो नहीं कहा था..!! तुमने क्या कहा था कि किस करने के लिए कौन पूछता है??" नील उसकी आँखों मे देखकर बोला।
"यह मैंने कब कहा था? "
"अब मानो या ना मानो तुम्हारी मर्जी है पर परमिशन तुमने खुद दी थी और साथ ही साथ यह भी कहा था कि किस के लिए परमिशन लेने की जरूरत नहीं है।" नील वापस से उसके गाल को चूमते हुए कहा और जल्दी से उठकर कमरे के बाहर भाग गया।
"यार यह इतना क्यूट क्यों है..?! अजीब नमूना लगता है कभी कभी। सच में कैसे निभेगी मेरी इसके साथ जिंदगी भर..!!" मनु बिस्तर से उठते हुए खुद को ठीक करते हुए मुस्करा के बोली।
" ऐसे ही हंसते खेलते लड़के और एक दूसरे को प्यार करते हुए।"तभी नील ने वापस से उसे पीछे से आकर कर हग लिया और मनु के चेहरे पर खूबसूरत मुस्कान बिखर गई।
"अब चलना नहीं है बाहर...! कुछ ज्यादा ही रोमांस आ रहा है आपको नील बाबू..!!"
" हां यार...!! और यह शादी की डेट इतनी लेट क्यों निकाली है पंडित जी ने।" नील बोला।
" अरे उतावले प्राणी लेट नहीं निकाली है। पंद्रह दिन के अंदर सब कुछ हो रहा है, और तुम्हें लेट लग रहा है। अब क्या पंद्रह सेकंड के अंदर करनी थी शादी??" मनु ने कहा तो नील मुस्करा उठा।
"सच कह रहा हूं तो अब तो पंद्रह सेकंड की दूरी भी बेचैन करती है। दिल करता है कि बस पूरे टाइम तुम मेरी आंखों के सामने रहो।" नींद ने उसके कंधे पर चेहरा टिकाते हुए कहा।
नील की बातों से मनु के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गई।
"आई लव यू..!" मनु धीमे से बोली।
"लव यू टू...!! चलो अब चल इससे पहले कि इससे पहले की मिस्टर एंड मिसेज वर्मा हमें ढूंढते हुए यहां आ जाए।" नील बोला।
" कुछ भी हाँ..!! मम्मी पापा है वो समझे।" मनु ने कहा और नील के साथ बाहर निकल गई।
उसके बाद चारों लोग मार्केट निकल गए मनु की शादी की शॉपिंग करने के लिए।
क्रमश:
डॉ. शैलजा श्रीवास्तव