You Are My Choice - 18 in Hindi Short Stories by Butterfly books and stories PDF | You Are My Choice - 18

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You Are My Choice - 18

जय अपने केबिन से निकलके काव्या के वॉर्ड की तरफ जाने लगा, "इनको मुझसे क्या काम होगा? शायद अपनी हेल्थ को लेके कॉन्शस होगी।" सोचते हुए वो वॉर्ड के समाने आके रुका।

जय ने जैसे ही वॉर्ड का डोर खोला तो उसने देखा की काव्या अपने बेड से नीचे गिर चुकी थी। एक आदमी ने उसे कसके पकड़ा हुआ था कंधो से। काव्या उससे खुदको छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसमे उतनी ताकत नहीं थी। वो आदमी काव्या को धमकी दे रहा था। वो कुछ कर पता उससे पहले ही जय ने उसे पीछे से कंधे से पकड़ा और उसे उठाते हुए एक मुक्का मारा। जय ने उसके पैर पर जोर से दो बार लात मारी जिससे वो चल नही पा रहा था। उसने जैसे ही खड़े होने की कोशिश की वो नीचे गिर गया। जय ने जल्दी से काव्या को पकड़ा। वो उसके पास ही बैठ गया। काव्या काफी डर चुकी थी। उसकी आंखे नम हो गई थी। उसकी कमर पर नीचे गिरने की वजह से दर्द हो रहा था। जय भी उसे देखके सेहम गया था। जय ने काव्या को अपनी बाहों में उठाया और अच्छे से हर चीज का खयाल रखते हुए उसे बेड पे लिटाया। काव्या के बॉडी से सारे इंजेक्टिव्स निकल चुके थे। उसके हाथ से खून निकल रहा था। यूरिन बैग का कनेक्तशन निकल गया था। जय ने काव्या के विटाल्स मोनिटर किए तब तक वो आदमी उस रूम से बाहर जा चुका था। जय उसे पकड़ना चाहता था लेकिन काव्या को छोड़ कर जाने का उसका दिल नही कर रहा था। जय काव्या के पास ही बैठा था। उसने रिसेप्शन पे कॉल किया, "एक आदमी VIP ward no. three से भागा है, उसने पेशेंट को.." उसे रियलाइज हुआ की काव्या है जो उसे सुन पा रही है अभी, ".. अ... अटैक किया था, मेने उसे इंजर्ड कर दिया है लेकिन वो यहा से भाग चुका है, राइट लेग इस इंज्योर्ड, tell security to find him. Right now. पेशेंट के अभी टेस्ट करने पड़ेंगे। इन्हे O.T में शिफ्ट करने की तैयारी करो अभी।" 

काव्या अब बेहोश हो चुकी थी। जय ने जैसे उसे देखा वो परेशान हो चुका था। काव्या की तबियत में सुधार तो था लेकिन इतना ज्यादा भी नही की वो एक अटैक सरवाइव करले, बिना किसी नुकसान के। जय ने उससे लगे सारे मशीन के रीडिंग्स देखे। काव्या का BP ड्रॉप हो रहा था धीरे धीरे। जय ने अपने assisant डॉक्टर को फ़ोन करके सारी प्रिपरेशन करने को कहा। जय को काव्या की चिंता होने लगी थी।

काव्या के चेक अप्स करने के बाद पता चला की उसकी पहले की injury पर ही वापिस चोट लगी है। उसकी कमर में अभी सर्जरी न की गई तो और ज्यादा तकलीफ हो सकती है। जिससे बाद में उसे चलने में भी तकलीफ हो सकती है। अब तक दानिश हॉस्पिटल पहुंच चुका था। काव्या की तबियत जैसे ही बिगड़ने लगी थी रिसेप्शन से उन सबको कॉल किया गया था जो उसके गार्डियन थे – आकाश, रॉनित, दानिश और उसके पापा। सब हॉस्पिटल आने के लिए निकल गए थे। दानिश के आते ही पहले उससे कंसेंट फॉर्म पे साइन करवा लिया था और काव्या की सर्जरी चालू हो चुकी थी।

आकाश हॉस्पिटल पहुंचा तब तक रॉनित भी आ गया था। वो जैसे ही आया उसने रोनित को गले लगा लिया। दोनो की आंखो में डर साफ दिख रहा था। "कुछ पता चला उस आदमी के बारे में?" आकाश ने दानिश से पूछा।

"भाग चुका है, भागने दो। छुपने दो। बस एक बार बॉस की सर्जरी हो जाए फिर उसे तो में दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढ निकलूंगा।" दानिश ने O.T के दरवाजे की तरफ देखते हुए कहा। "इस बार में उसे नही छोडूंगा।" रॉनित ने आकाश की तरफ देखते हुए कहा। 

आकाश कुछ भी जवाब दिए बिना बस वही खड़ा था। रोनित और दानिश ने पास खड़ी श्रेया को नोटिस ही नही किया था। आकाश भी मानो भूल गया था की वो किसके साथ आया था। श्रेया वही खड़ी थी, उनसे थोड़ी दूर। वो उनकी बाते साफ सुन पा रही थी। श्रेया ध्यान से बस आकाश को देखे जा रही थी। 

2 घंटे बीत चुके थे। चारो साथ में बैठे हुए थे। आकाश फोन पे हर्षवर्धन सेहगल से बात कर रहा था। "अंकल, अभी सर्जरी चल रही है। आप टेंशन मत लेना, everything will be better."

"कल मॉर्निंग में पहुंच जाऊंगा में।" इतना बोलते ही उन्होंने फोन रख दिया।

थोड़ी देर बाद जय O.T से बाहर आया। जय ने जैसे ही श्रेया को देखा उसने कहा, "तू यहां?"

वो दोनो कुछ और बात कर पाते, रॉनित ने जय से पूछा, "how is she?"

"Better for now, but.. we have to observe her because she wasn't recovered well. और फिरसे भी इंज्यूरी हो गई, सेम पार्ट पे। वो भी kind of ट्रॉमा के साथ। I guess, उनके दिमाग पे भी गहरा असर पड़ सकता है, उन्हे सदमा तो लगा था। अब तुम मुझे बताओ की वो आदमी कौन था?" जय ने थोड़ी गंभीरता से कहा।

"That's none of your buisness." आकाश ने अपने फोन को स्क्रीन से नज़र हटाए बिना ही कहा। 

जय को उसकी बात पे गुस्सा तो आ रहा था लेकिन कुछ बोले बिना ही वो श्रेया को लेके चला गया। श्रेया ने जाते हुए आकाश को कार की चाबी दी। जय इस बात से शोक था। 

"रॉनी, में FIR के लिए पुलिस स्टेशन जाके आता हु, वैसे तो सब पेपरवर्क हो चुका है, पर में ऑफिसर्स से मिलना चाहता हु। आता हु.." आकाश ने कहा।

रॉनित ने हा में इशारा किया। "दानिश, कम विथ मि।" इतना बोलते हुए आकाश आगे जाने लगा।

रोनित O.T के बाहर खड़ा डोर के ग्लास विंडो से काव्या को देख रहा था। उसके चेहरे पर परेशानी साफ दिख रही थी। "I'm sorry Kavu। मेने ठीक से तेरी केयर नहीं की। प्लीज मुझे माफ कर दे। अब रॉनित की आंखो से आंसू आ गए थे। 

जय और श्रेया जय के केबिन में बैठे थे। जय श्रेया को घूरे जा रहा था, "तूने उसे उसकी कार की चाबी.. क्यों दी?"

श्रेया जय के हर सवाल का जवाब बड़े आराम से शांति से दे रही थी। "क्योंकि में ड्राइव करके आई थी।" उसने अपनी आई ब्रॉस ऊपर करते हुए कहा।

"क्यू?"

"क्योंकि में उसके घर पे थी।"

"क्यू?" अब जय कन्फ्यूज हो रहा था।

"क्योंकि मेरी चाबी तेरे पास थी। सिंपल।" श्रेया ने चेयर पर अपनी पीठ सीधी करते हुए कहा।

"तो तू उसके घर पे क्यों..? एक मिनिट... वो तेरा नेबर है?"

श्रेया ने जाते हुए हा कहा।



Countinues in the next episode....