Decorative smileys in Hindi Women Focused by SARWAT FATMI books and stories PDF | सजावटी मुस्कुराहट

Featured Books
Categories
Share

सजावटी मुस्कुराहट

सजावटी मुस्कुराहट 

लोग कहते हैं मैं

एक अच्छी अदाकारा हूं

रुख पर मुस्कान रख दुनिया को बदलने की चाहत में फिर सुबह एक नहीं किरण के साथ चल पड़ती हूं  

कितनी भी रुकावट होती है बस एक सजावटी मुस्कान रखकर तुमसे बात करने को चली आती हूं

आंखों में अश्क होती है पर तेरे सामने कैसे छलकने दूं 

 हर गम कुछ इस तरह से चुपचाप सह लेती हूं

 जनाब दिल ही तो है कितनी बार चुप कराऊं

  सोचा की कभी तेरे पास आकर,तेरे पास बैठकर,तेरे कंधों पर सर रखकर फूट-फूट कर खूब रोलूँ

पर तेरे पास आकर खुद को अकेला महसूस किया

  इस प्यार भरे रिश्तों में सिर्फ मैं ही तो थी

तुम तो कहीं किसी और के साथ जिंदगी के पलों को संजो रहे थे  

कमबख्त यह दिल..... भी ना अजीब है

जहां ठोकर लगी वही दिल दे बैठी 

कितने ख्वाब संजोये थे मैंने

कहीं शाम तुम्हारे साथ बिताने को दिल चाहा

तुम्हारे हाथों को अपने हाथों में थाम कर तुम्हारे करीब बैठना चाहा

तुमसे बहुत सारी बातें करना चाहा

तुमसे अपनी बाहों में भरकर तुम्हें अपनी धड़कन को सुनना चाहा 

पर क्यों यह ख्वाब मेरे बस एक ख्वाब बनकर ही रह गए

तेरे होने की चाहत मेरे दिल के किसी कोने में दफन हो गई

और तुम किसी और की बाहों के हकदार हो गए

  देख सकूं तुम्हें जी भर कर मेरे लिए इतना वक्त लेकर आना

कुछ पल तुम्हारे साथ मेरे लिए काफी नहीं होती

जरा ठहरो,मेरे पास बैठो....

और मेरी जिंदगी के वह पल को जीने दो,

जो मैं तुम्हारे साथ जिना चाहती थी

माना मैं गलत हूं पर खुद को कैसे रोकूं,

जो ख्वाब तुमने संजोये थे

वह ख्वाब को कैसे दूर करूं

 हर रोज एक ही ख्वाब देखती हूं

तुमसे मिलकर तुमसे बातें करने का

पर आंखें जब खुलती है

तो हकीकत कुछ और होती है

सपनों में मैं हर बात तुमसे बोल देती हूं

लड़ लेती हूंअपना हक जताती हूं

तुम्हारे पास बैठकर तुम्हारे चेहरे को अपने हाथों में थाम लेती हूं

तो कभी अपने बाहों में भर लेती हूं

मुझे खुद पर यकीन है मैं तेरी हो तो ना सकी

पर मुझे छोड़ कर मुझे भुला ना सकोगे

इसलिए लोग कहते हैं मैं एक अच्छी अदाकारा हूं जो चेहरे पर मुस्कान रखकर लोगों को खुशियां दे जाती है 

मैं वो मूरत बन गईं 

जिसमे जान तो हैँ 

पर किसी को बोलने के लिए ज़ुबान नहीं 

उसकी ख़ुशी देख अच्छा लगता हैँ पर वो मुझे समझा नहीं 

खुद पर यू तरस कहा लेती हूँ 

अच्छा बनने के चक्कर में खुद को भूल गईं 

उसको सही राह पर लाते लाते खुद की राह बदल डाली

 रातो में तेरी हर बकवास सुनने को में थी 

पर मेरे दिल की बात सुनने को तुम नहीं थे 

तेरे साथ हर जगह चलने को तैयार थी

 पर जिंदगी के सफर में चलने को तुम नहीं थे

 वो लम्हा में कैसे भुलाऊं जब तुमने किसी और का हाथ थामे मेरे पास आये चेहरे पर एक खूबसूरत सी हसीं के साथ 

आँखों में अश्क़ थी कचड़े का बहाना किया 

अफ़सोस तुमने समझा नहीं

 होकर मायुश जब वहा से चली रोकने को तुम नहीं थे

 मेरे ख्वाब, मेरे ख्वाब ही रह गए 

और इस ख्वाब की हक़दार सिर्फ मैं, और मैं रह गईं लोग कहते हैँ मैं एक अच्छी अदाकारा हूँ जो चेहरे पर मुश्कान रख कर खुशियां  दे जाती हूँ