Devil se Mohhabat - 19 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil se Mohhabat - 19

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Devil se Mohhabat - 19

और वही विधि विवेक की बात सुन,,,,,अपने पैर पटकते हुए,,, ;गुस्से से अपने कदम कार की तरफ बढ़ा देती है,,,

 
और वही विधि आब भी गुस्से से ,,,,,,बस अपने कदम बढ़ाए जा रही थी ,,,,,और फिर खुद से ही,,,,,,चिलगोजा कहीं का,,,, उहसे तो सुंदर मैं हूं ,,,,,,उसे होट मैं हूं ,,,,,,
 
और वह तो कैसी दिखती है,,,,,नाम भी कितना अजीब है मीणा ,,,,किसी पुराने जमाने का नाम ,,,,,नहीं लग रहा ,,,,,,कितना खराब था ,,,,,,विवेक उसने मेरी फीलिंग की बिल्कुल कदर नहीं की,,,
 
विधि यह कहते हुए ,,,,,वह अपने कदम बढ़ाए जा रहे थे ,,,,,,कि तभी उसे एहसास होता है,,,,,,कि कोई इसके पीछे खड़ा है ,,,,,जिसका एहसास पा,,,,विधि डर जाती है ,,,,,,,,,और फिर एका एक,,,,,उसका हाथ उसके पारस में जाता है,,,,,
 
जिससे वह ओ सीट ,,,,,आज तो मैंने कुछ नहीं रखा है,,,,,यह सोच कर,,, ,,कि मैं विवेक के साथ ,,,,,यहां डेट पर आई हूं ,,, ; तो मुझे इन सब चीजों की क्या जरूरत होगी ,,,,यह सोच वह हल्का सा डर से काफ जाती है ,,,,,क्योंकि उसे अपनी फ्रेंड्स की बातें याद आने लगती है,,,,,,जिससे वह एक लंबी गहरी सांस ले,,,,,,बगैर जल्दी से पीछे मुड़,,,,,वह अपने पारस से ,,,,,उस आदमी पर वार करते हैं ,,,
 
और वहां से थोड़ा आगे जा,,,,पीछे मुड़ देखती है ,,,,,कि कहीं उसने गलत इंसान को तो नहीं मारा ,,,,,तो देखती है ,,,,,,कि वह कोई सच में अनजान इंसान था ,,,,,,जिसे देख वह बस अपनी कदम पिछे की तरफ ,,,बढ़ाई जा रही थी,,,,,कि तभी वह किसी से टकरा जाती है
 
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अब आगे_______
 
जिसे देख; वह,,,,,,अपना सर ऊपर उठा ,,,,देखती है ,,,,,तो वह भी इंसान ,,,काफी डरावना लग रहा था ,,,,,जिसे देख विधि अपने कदम पीछे की तरफ लेने लगती है,,,,
 
कि तभी वह लड़का ,,,,,विधि की तरफ देख ,,,,,,अपने कदम विधि के तरफ बढ़ाते हुए ,,,,,,यह लड़की चुपचाप हमारे साथ चल,,,,,वह भी बगैर तमाशा कीए,,,,,यह कह वह आब भी,,,,,,, आपने कदम,,,बढ़ा रहा था ,, ,
 
जिसे सुन विधि गुस्से से,,,,,,उस इंसान पर चिखते हुए ,,,,क्या मैं कोई हलवा हूं,,,,,,जो तुम्हारे आगे खुद का प्रोसेस दू,,,, और फिर कुछ सोच ,,,,अच्छे से,,,,,,ठीक है ,,, चल चलने के लिए तैयार हूं ,,,,
 
यह कहे वह खुद ही अपनी कदम ,,,,,उस हड्डे कटे इंसान की तरफ बढ़ाने लगती है,,,,,,वह उसके पास पहुंच ,,,,,,,अपने होठों पर स्माइल दिए ,,,,,,बगैर कुछ सोचे समझे ,,,,,वह एक ,,,उस इंसान के पैरों के बीच दे मरती है ,,,,,,जिससे वह इंसान वही जमीन पर दर्द से तड़पता है,,,,
 
और फिर विधि ,,,,,उस इंसान को दोबारा,,,,,एक लात मार,,,,,वाह दौड़ते हुए ,,,,,आगे की तरफ भागे जा रही थी,,,
 
विधि जैसे-जैसे आगे जा रही थी, ,,,वैसे-वैसे अंधेरा होता जा रहा था ,,,,,,,,,,,और सड़कों पर लाइट भी नहीं जल रही थी ,,,,,यह माहौल विधि को और भी डरा रहा था ,,,,,,,कि तभी उसे एहसास होता है ,,,,,,,कि वह किसी के सामने खड़ी है,,,,,जिससे वह देखने की कोशिश कर ,,,,अपनी आंखें छोटी कर ,,,,,बड़ी गौर से,,,,उस इंसान को देखते हैं ,,,,,,,, उस वक्त उसके गले में सिर्फ,,,,उसे एक चमकता हुआ लॉकेट ही दिख रहा था,,,,,,अंधेरा होने की वजह से ,,,,,उसे लॉकेट की चमक काफी तेज नजर आ रही थी
 
कि तभी उसे ,, अपनी आंखें,,,बंद होते हुए महसूस होती है ,,,,,,,,क्योंकि वह इंसान विधि के गले पर उंगलियां रख,,,,; उसकी नस दबा देता है  ,,,जिससे विधि उसी की बाहों में; बेहोश हो जाती है ; और वह लड़का विधि को अपने कंधे पर ,,,,टांगे,,,अपने कदम कार की तरफ बढ़ा देता है,,
 
और फिर वह लड़का,,,,,,विधि को बगैर देखे ,,,,, उसी तरह कार के बैक साइड ,,,,,विधि को फेंक देता है ,,,,,,और फिर खुद फ्रंट साइड आ कार ड्राइव करते हुए,,,,,,,वहां अपने मंजिल की तरफ जाने लगता है,
 
वह कार काफी तेज रफ्तार में; चल रही थी,,,,,,,लगभग आधे घंटे में ही ,,,उसे इंसान की कार एक बड़े से ,,,,,मेंशन के आगे रूकती है,,,,और फिर वह अपने साइड का दरवाजा खोल,,,,,,पीछे जा ,, उस लड़की को देखता है ,,,,
 
तो इस वक्त विधि का चेहरा,,,,,,,पूरे बाल से ढका हुआ था,;जिसे देख वह लड़का उसे एक नजर,,,,,गुस्से से देख,,,,बगैर देरी किए ,,,,,,विधि को ,,, उसी तरह दोबारा , ,,,अपने कंधों पर उठा ,,   ,अपने कदम अपने कमरे की तरफ बढ़ा देता है ,,,,
 
इस वक्त उस इंसान की आंखों में सिर्फ और सिर्फ गुस्सा नफरत और रिवेंज, ,,जो शायद ही ,,,,आज विधि को बर्बाद करने के लिए काफी था,,,,,उसे कोई फर्क नहीं पड़ता,,,,, कि विधि से,,,,विधि की मासूमियत से,,,,
 
,,उसे सिर्फ और सिर्फ अपनी बहन का बदला लेना था ,,,,,जो कि उसकी बाहों में अब भी लटकी ,,,,,,इसके भाई ने,,,,,उसकी बहन को जिंदगी तबाह करती ,,,,
 
यह सोच वह कमरे में ,,,,,विधि को बेड पर पटक देता है ,,,,उस कमरे में ,,,अब भी अंधेरा था ,,,,जिससे उस इंसान को विधि का चेहरा नहीं दिखता,,,,,या यूं कहे की,,,,,,उस लड़के को,,,,,विधि के चेहरा देखने में कोई इंटरेस्ट ही नहीं था,,,,,वह इसी तरह विधि को बेड पर फेक ,,,,,अपने कदम कमरे से बाहर निकाल लेता है,,,
 
और फिर एक नजर कैमरे की तरफ देख ,,,,,तो देखते जाओ विराज ,,,,,,मैं तुम्हें,,, तुम्हारे ही खेल में हारता हूं ,,,,,,विधि सिंह मलिक को तबाह करके ,,,,,,यह कहे वह अपने कदम,,,,,,,स्टडी रूम की तरफ बढ़ा देते हैं ,,,,,यह कोई और नहीं अनुरोध था ,,,,,,जो कि; अपने मकसद में कामयाब हो चुका थाह,,
 
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और वहीं दूसरी तरफ विवेक, ,,,,मीणा तुम कितनी बेहदा एक्टिंग करती हो ,,,,,,तुम्हें पता भी है,,   तुम्हारी तुम्हारी बेवकूफी से विधि को पता चल जाता,,,,, की तुम विधि को जानती नहीं हो ,,,,, विधि बेवकूफ नहीं है ,,,,,,तुम्हारी तरह क्या-क्या करती ,,,,,,विराज के बारे में तुम मेरी गर्लफ्रेंड बन कर आई थी,,,,ना ,,,
 
जिसे सुन मीणा ,,,,,,क्या विवेक एक तो मैं तुम्हारी , हेल्प कर रही हूं ,,,,,,उपर से तुम मुझे सुना रहे हो ,,,,,अगर तुमने दोबारा मुझे सुनाया ,, तो मैं विधि को जाकर साफ-साफ कह दूंगी ,,,,,,,कि तुम मुझसे प्यार नहीं करते हो ,,,,,,
 
सिर्फ तुम विधि से पीछा छुडाने के लिए ,,,,,मुझसे झूठ बोला रहे थे ,, सुना तुमने,,,,जिसे सुन विवेक ,,,,,ओके ओके कुछ नहीं कहूंगा ,,,,,,और फिर कुछ देर थोड़ा बात कर ,,,,,वह भी मेंशन की तरफ निकल देता है ,,,,,,यह सोचकर की विधि तो अब तक घर पहुंच गई होगी,,,
 
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और वहीं दूसरी तरफ विराज घर पहुंचता है ,,,,,तो अपनी कदम अपनी बहन के कमरे की तरफ बढ़ा देता है,,,,,,लेकिन कुछ सोच वह,,,,वहीं रुक जाता है ,,,,,,और फिर अपने कदम अपने कमरे की तरफ बढ़ा देता है
 
तू देखता है ,,,,,कि अंजलि किसी बच्चे की तरह सिकुड़ कर सो रही थी,,,,,,,इस वक्त उसने ब्लैक नाइटी डाली थी,,,,,,और उसके मांग में अब भी सिंदूर लगा था ,,,,और गले में मंगलसूत्र था ,
 
वह देखने में बहुत खूबसूरत लग रही थी ,,,,,लेकिन वह भी बेढंग के तरीके से सोने की वजह से,,,,,,उसका शर्ग,,,उसक कंधे से सरका हुआ था,,,,,,जिससे उसकी नाइट की स्टेप दिख रही थी ,,,,,,जिससे उसका दूध जैसा कंधा ,,,,,,विराज को साफ दिख रहा था,,
 
जिसे देख विराज अपने हाथ,,,,,अंजलि की तरफ बढ़,,,,,,उसे शर्ग को ,,,,,उसके कंधे पर रख,,,,,,वह जैसे पीछे मुड़ता है ,,,,,,कि तभी अंजलि विराज का हाथ पकड़,,,,,वह करवट बदल लेती है ,,,,,,,और फिर विराज के हाथ को ,,,,,अपने बालों के नीचे रख ,,,, सहलाते हुए ,,,,दोबारा अपनी आंखें मुद देती है,,
 
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और वहीं दूसरी तरफ अनिरुद्ध ,,,,जो अपने स्टडी रूम में बैठा ,,,,;कुछ सोच रहा था ,,,,,,कि तभी अनुरोध का असिस्टेंट आता है,,,,,,और फिर अनुरोध की तरफ देखते हुए ,,,,, उसे लड़की को होश आ गया है,,,,,और वह लड़की काफी चिख रही है
 
जिसे सुन अनुरोध सोफे पर अपना सर रख ,,,,अपनी आंखें मुदे,,,,,,अपने असिस्टेंट अमन की तरफ देख,,,,,,तो जाओ,,; उसकी बोलती बंद कर दो ,,,,,और उसका ऐसा हाल करो ,,,,,कि वह सुबह उठने लायक ना बचे ,,,,,,और इस कदर उसका मुंह बंद कर दो ,, , ;कि दोबारा बोल ना सके,,,
 
अनिरुद्ध का इतना ही कहना था,,,,कि अमन अनुरोध की तरफ देख कर,,,,,में मैं ऐसा कैसे कर सकता हूं ,,,,यह कह,,,वह दो कदम पीछे हट जाता है,,,
 
जिसे सुन अनिरुद्ध अपनी आंखें छोटी कर ,,,,,अमन को ऊपर से नीचे घूरते; हुए,,,,,,,क्यों तुम्हें लड़कियों में इंटरेस्ट नहीं,,,,,,,
 
जिसे सुन अमन का पूरा फेस काला पड़ जाता है,,,,,,जिससे वह नहीं नहीं सर ,,,,,ऐसी बात नहीं है,,,,,,पर फिर भी वह लड़की मैं कैसे
 
जिसे सुन अनिरुद्ध,,,,शट अप ,,,, जाओ ,,चुपचाप ,,,,,जाकर वह करो ,,,,,और अगर होशियारी की,,,,,और कुछ ना किया,,,,उस लड़की के साथ ,,,,,,तो सोच लो सुबह मैं तुम्हारा क्या हाल करूंगा ,,,,,,यह कहे वह अमन को,,,,उस लड़की के कमरे की तरफ जाने का इशारा करता है,,,,
 
जिससे अमन भी एक लंबी गहरी सांस छोड़,,,,,,अपनी बस का आर्डर समझ ,,,,,,अपने कदम विधि के कमरे की तरफ बढ़ा देता है,,,
 
वहां स्टडी रूम का दरवाजा खोलता,,,,,,उससे पहले ही अनिरुद्ध ,,रुको
 
आगे क्या होगा,,,,जानने के लिए पढ़ते रहे ,,,,,,और क्या सच में अनुरोध इतना हद तक गिर सकता है ,,,,
 
क्या अब आगे क्या होगा,,,,,,,क्या सच में अंजलि विधि की जिंदगी तबाह हो जाएगी ,,,,
 
इस कहानी को पूरा पढ़ने के लिए इस नॉवेल की लास्ट तक बने रहे,,,,और प्लीज अगर आपको मेरी यहां स्टोरी पसंद आ रही हो ,,,,तो प्लीज अपना रेटिंग देना ना भूले
 
Please 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
 
 
 
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