Devil se Mohhabat - 18 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil se Mohhabat - 18

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Devil se Mohhabat - 18

और वहीं दूसरी तरफ विवेक तैयार होते हुए ,,,,,,विधि आज तो तुम्हें ,,,,पीछे हटना ही होगा ,,,,,,बहुत हो गया तुम्हारा बचपना,,,,,,,,आज मैं कुछ ऐसा करूंगा ,,,,,,,जिससे तुम चाह कर भी,,,,,,अब मेरे करीब आने का नहीं सोचोगी ,,,,,,बहुत हो गया ,,,,,,,तुम मानने को तैयार नहीं हो ,,,,तो ,,,,,,अब तुम्हें मनाना ही पड़ेगा ,,,,,यह कहे ,, वह कमरे से बाहर निकलता है,,,

और अपने कदम कार की तरफ बढ़ा देता है,,,,,तो देखता है, ;,,की ,,,,, की विधि पहले से ही कार के पास खड़े थे,,,,,,,,वह भी;रेड वाइन शेड ड्रेस में ,,,,,जो उस पर बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रहा था ,,,,

एक पल के लिए विवेक उसे देखता ही रह गया ,,,,,आज उसकी नजर ,,,,विधि से,,, हट ही नहीं रही थी,,,इस वक्त,,,,विधि बहुत खूबसूरत लग रही थी ,,,,,,खासकर उसके होठों पर,,,,,वह स्माइल और उसके चेहरे पर आते वहां सॉफ्ट,,,,,उसके चमकते बाल ,,,,,,,जो उसे और भी खूबसूरत बना रहे थे ,,,,,

विवेक को नहीं पता ,,,,,,कि वह कब तक,,,,वहां ;दरवाजे के पास खड़ा ,,,,,,विधि को निहारे जा रहा था ,,,,,,कि तभी उसे ,,,, आपने कानों में ,,,,,विधि की आवाज आती है,,,,,अरे चलो ना,,,, ; जिसे सुन विवेक , ,,,पना सर नीचे कर देखता है ,,,,,तो विधि उसके सामने खड़ी ,,,,,,उसे कार की तरफ चलने का,,,,इशारा कर रही थी,,,

जिसे समझ विवेक खुद से ही,,,,,क्या था ,,,,,,,वह बच्ची है विवेक ,,,,,,,अपने दिल में ,,,,ऐसे ख्याल मत ,,ला,,,,,उसके लिए तेरा और उसका कभी कुछ नहीं होगा,,,,कभी भी ,,,,,यह कहे वह अपनी कार ,,,स्टार्ट कर देता है

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अब आगे__________

;और वही विधि अपनी उंगलियों को ट्रैक्टर का टेबल पर चलते हुए एक नजर कभी विवेक को तो कभी,,, उस टेबल को देखती,,,,,,शायद याह उसका शर्माने का तरीका था ,,,,जो अपनी फ्रेंड से पूछ ,,,,शर्मा रही थी,,,,,,,,,

क्योंकि इस वक्त विधी को यह फीलिंग बिल्कुल भी समझ नहीं आती ,,,,,,,,,कि वह कैसा रिएक्ट करें ,,,,,,जिससे वह अपनी फ्रेंड्स का सोच,,,,,,वह सब ,,,,,उसी तरह रिएक्ट कर रही थी,,,,

और वही विवेक विधि को इस तरह करता देख ,,,,,,,विधि तुम क्या कर रही हो ,,,,,,जिसे सुन विधि बगैर सोचे समझे,,,,,,वह में सरमा,,,,,उसकी इतनी कहना था ,,,,,,कि वह मैं ऑर्डर आने का वेट कर रही थी,,,,

और वही विधि की बात सुन विवेक के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाता है ,,,,,,और फिर वह मुस्कुराते हुए,,,,खुद से ही झल्ली कहीं की,,,,,

की तभी विधि अपना सर उठा,,,,,अपनी उंगलियों से धीरे-धीरे चलते हुए ,,,,,,अपने हाथ विवेक के हाथ पर रख देती है ,,,,,,और वही विवेक जो खुद से ही प्रभाती है ,,,,,,यह लड़की कहां रह गयी,,,,अभी तक आई क्यों नहीं ,,,,,की तभी उसे एहसास होता है ,,,,,कि विधि ने उसका हाथ पकड़ा है,,,,

यह एहसास पा विवेक को अपने शरीर में करंट सा एहसास होता है ,,,,,,जिससे वह काफी नर्वस फील करने लगता है ,,,,,,और एक झटके में विधि से अपना हाथ हटा लेता है ,,,,,और वही विधि अचानक,,,,कभी विवेक के ऐसा करने से ,,,,,,वह अपने नजदीक उठा विवेक की तरफ देखती है,,,,,,तो अपने चेहरे पर कन्फ्यूजन शर्म और जबरदस्ती मुस्कुराहट ला ,,,,,,विवेक को ही देख रही थी,,,,

जिसे देख विवेक ,,,,,क्या क्या हुआ विधि ,,,,,,तुम्हें कुछ चाहिए ,,,,,,,विवेक,,,,,,,,यह शब्द भी बहुत मुश्किल से बोल रहा था ,,,,,

क्योंकि आज पता नहीं क्यों ,,,,वह विधि से अपने नजरे नहीं मिला प पा रहा था,,,,,,उसे एक अजीब सी बेचैनी ,,,और घबराहट हो रही थी,,,,,,विधि को इस तरह अपने करीब देखकर,,,,,,,क्योंकि उसे पता चल चुका था ,,,,,की विधी की हरकतों ने ,,,,,,उसके दिल में कब्जा कर लिया था ,,,,,,वह विधि के करीब भी जाना चाह रहा था,,,,,और उससे दूर भी ,,,,,वह कंफ्यूज नहीं था ,,,,,सिर्फ अपने दोस्त के विश्वास को तोड़ना नहीं चाहता था,,,,

और वही विधि विवेक की बात सुन,,,,विवेक कल कल तुम बोल रहे थे ना ,,,,कि किस-किस के बारे में ,,,,,तो तुम चाहो तो मुझे ,,,,,उसका इतना ही कहना था ,,,,,,की जो विवेक विधि की आधी अधूरी बात सुनकर ही ,,,,,,उसकी धड़कन बढ़ चुकी थी ,,,,,,जैसे कि वह जान गया हो ,,,,,की विध क्या कहना चाहती हो,,,,,,वह चाहता था की विध कहीं ,,,,,वह खुद की फीलिंग से कंट्रोल खो ना दे,,,,,,

जिससे कि तभी उसकी नजर ,,,,,,अपने सामने से आ रही लड़की पर पड़ता है,,,,,,,जिसे देख वह एकदम से चिल्ला पड़ता है ,,,,,लो वो आ गई ,,,,,,जिसे सुन विधि जो बोल रही थी,,,,,,उसके लफ्ज़ उसके गले में ही रह जाते हैं ,,,,,,और फिर वह पीछे की तरफ मूड देखतु है , ,,,

तो वहां पर एक खूबसूरत सी लड़की,,,,,,,,,उसी की तरफ आ रही थी ,,,,,जिसे देख वह अपना सर घुमा दे,,,, विवेक की तरफ देखती है ,,,,,जो अब भी ,,,,,वह उस लड़की को देख रहा था,,,,,,जिसे देख विधि गुस्से से ,,,,अपने हाथों की मुट्ठी बना लेती है,,,,

की तभी वह लड़की वहां आ जाती है,,,,और फिर विवेक को गले लगाते हुए,,,,,,,वह विवेक कैसे हो तुम ,,,,,आई रियली रियली मिस यू ,,,,,यह कह वह विवेक के,,,,गालों पर किस कर देती है,,,,,जिसे देख विधि को बहुत गुस्सा आता है,,,,,

और वही विवेक जो उस लड़की से,,,,,किस करने से काफी झिझक महसूस कर रहा था,,,,,,,लेकिन तिरछी आंखों से ,,,,विधि का रिएक्शन देख ,,,,,,वह लंबी सांस लेते हुए,,,,,,वह भी उस लड़की के गालो को चूम लेता है,,,,,,और फिर वह खुद ,, आपनी चेयर से खड़ा हो ,,,,,उसके लिए चेयर भी खींचकर,,,,उस लड़की को बड़े प्यार से चेयर पर बैठता है,,,,

और वही विधि का खून खौलने लगा था ,,,,,विवेक को इस तरह उस लड़की को पैंपर करते हुए देख ,,,,,जिससे वह घूरते हुए ,,,,यह मुझे तो ऐसा कभी ट्वीट नहीं करता,,,,,,हमेशा मुझे बच्चा समझता है,,,,

और वही विवेक उस लड़की से बात करते हुए ,,,,,तिरछी नजरों से अब भी विधि को देखते हुए ,,,अपने मन में जल कुकड़ी कहीं की ,,,,,,तुम बच्ची की बच्ची रहोगी ,,,,,यह कहते हुए विवेक के होठों पर मुस्कुराहट आ जाती है ,,,,

और वही विधि विवेक को मुस्कुराता देख,,,,,,उसका और खून खौलने लगता है ,,,,,जिससे वह कंट्रोल कर ,,,,उस लड़की की तरफ देखते हुए ,,,,,,मैं भी हूं,,,,,,,,,,,शायद,,,,,,,तुम्हें लड़कियां पसंद नहीं,,,,,,,जिसे सुन,,,,,,वह लड़की विधि को देखते हो ,,,व्हाट, ,,,

जिसे विधि ,,,,अपने दांतों ताले,,,अपनी जीब,,,,,आई मीन उन्हें बुलाने पसंद नहीं, ,

जिसे सुन वह लड़की ,,,,वो यह बात है ,,,,, हाय माय नेम इस मीणा जिसे सुन विधि अपना हाथ बढ़ा ,,,,,,विधि माय नेम इस विधि सिंह मलिक,,,,,,,, जिसे सुन,, वह मुस्कुराते हुए,,,,तो फिर तुम तो विराट सिंह मलिक को भी जानती होगी,,,

उसका इतना ही कहना था,,,,की विधि,, या आफकोर्स,,,वह मेरे भाई हैं

जिसे सुन वह लड़की एक ही,,,,,क्या विराट सिंह मालिक तुम्हारे भाई है,,,,,उसका इतना ही कहना था ,,,,,कि विधि अपनी आंखें छोटी कर,,,,उसे घूरने लगती है

और वही विवेक मीणा की बात सुन ,,,,,वह अपना पैर उठा,,, ,मीणा के पैरों पर मार देता है ,,,,,और फिर वह विधि की तरफ देखते हैं ,,,,,,,,विधि मीत माय गर्लफ्रेंड मीना ,,,,,,यह मेरी गर्लफ्रेंड है,,,,,यह कहते हुए ,,,,,वह गुस्से से मीणा को ही घूर रहा था,,,

जिसे सुन विधि का खून खौलने लगता है,,,,,और वह,,,मीणा की कहीं ,,,,,,वह बात तो जैसे भुली जाती है ,,,,और वह अब भी गुस्से से कभी विवेक को ,,,,तो कभी मीणा को घुरती है,,,,,और वही मीणा ,,,,,,विवेक की बात सुन,,, ,,,,,वह तुम्हारा भाई ,,,, मेरा ,,,,, मेरा मतलब ,,,विवेक मेरा बॉयफ्रेंड है

जिसे सुन विधि अपने दांत पीसते हुए,,,,,सच तब यह भी बता दो ,,,,,कि अब कब शादी कर रहे हो ,,,,,जिसे सुन वह दोनों एक साथ ही बोल पड़ते हैं,,,,,,बहुत जल्द ,,,,अभी सोचा नहीं,

उन दोनों का अलग-अलग राय सुन,,,,,विधि घुरते हुए क्या

जिसे सुन विवेक एक नजर दोबारा मीणा को गुस्से से घुर ,,,,,विधि की तरफ देखते हुए ,,,,,,विधि कहने का मतलब है ,,,,,,कि हम बहुत जल्द शादी करने वाले हैं ,,,,,,लेकिन हमने तारीख अभी सोचा नहीं है ,,,,की किस दिन करेंगे

जिसे सुन विधि ओ ,,,तो यह बात है ,,,,ओके और फिर वहां जबरदस्ती मुस्कुराते हुए ,,,,,अपना लाया हुआ ऑर्डर खाने लगती है,,,

और कुछ ही देर में ,,,,उनका डिनर भी खत्म हो जाता है ,,, जिससे विधि विवेक की तरफ देखते हुए ,,,,,चलो विवेक अब हमें घर जाना चाहिए ,,,,,,,क्योंकि अब उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था,,,,,,कि विवेक कितना चिपक चिपक कर,,,,,या यू कहे ,,,,,वह लड़की ही चिपक चिपक कर ,,,,विवेक से बात कर रहे थे,,,

और वही विवेक एक नजर दोबारा विधि की तरफ देख,,,,,जो अब भी ,,,,गुस्से से उन्हें देख रही थी ,,,,,वह विधि विधि तुम ड्राइवर के साथ जा ;मैं बाद में आता हूं ,,,,,,,यह कहे ,,,,,वह मिना के बालों को ,,,,उसके कान के पीछे कर देता है,

और वही विधि विवेक की बात सुन,,,,,अपने पैर पटकते हुए,,,; गुस्से से अपने कदम कार की तरफ बढ़ा देती है,,,

और वही विधि आब भी गुस्से से ,,,,,,बस अपने कदम बढ़ाए जा रही थी ,,,,,और फिर खुद से ही,,,,,,चिलगोजा कहीं का,,,, उहसे तो सुंदर मैं हूं ,,,,,,उसे होट मैं हूं ,,,,,,

और वह तो कैसी दिखती है,,,,,नाम भी कितना अजीब है मीणा ,,,,किसी पुराने जमाने का नाम ,,,,,नहीं लग रहा ,,,,,,कितना खराब था ,,,,,,विवेक उसने मेरी फीलिंग की बिल्कुल कदर नहीं की,,,

विधि यह कहते हुए ,,,,,वह अपने कदम बढ़ाए जा रहे थे ,,,,,,कि तभी उसे एहसास होता है,,,,,,कि कोई इसके पीछे खड़ा है ,,,,,जिसका एहसास पा,,,,विधि डर जाती है ,,,,,,,,,और फिर एका एक,,,,,उसका हाथ उसके पारस में जाता है,,,,,

जिससे वह ओ सीट ,,,,,आज तो मैंने कुछ नहीं रखा है,,,,,यह सोच कर,,, ,,कि मैं विवेक के साथ ,,,,,यहां डेट पर आई हूं ,,;तो मुझे इन सब चीजों की क्या जरूरत होगी ,,,,यह सोच वह हल्का सा डर से काफ जाती है ,,,,,क्योंकि उसे अपनी फ्रेंड्स की बातें याद आने लगती है,,,,,,जिससे वह एक लंबी गहरी सांस ले,,,,,,बगैर जल्दी से पीछे मुड़,,,,,वह अपने पारस से ,,,,,उस आदमी पर वार करते हैं ,,,

और वहां से थोड़ा आगे जा,,,,पीछे मुड़ देखती है ,,,,,कि कहीं उसने गलत इंसान को तो नहीं मारा ,,,,,तो देखती है ,,,,,,कि वह कोई सच में अनजान इंसान था ,,,,,,जिसे देख वह बस अपनी कदम पिछे की तरफ ,,,बढ़ाई जा रही थी,,,,,कि तभी वह किसी से टकरा जाती है

आज के लिए बस इतना ,,,तो,,अब आगे क्या होगा,,, ,क्या सच में विधि अनिरुद्ध की जाल में फंस जाएगी ,,,,या फिर होगा कोई नया हंगामा,,,,,क्या विधि को कोई बचा पाएग



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मेरे प्यारे फ्रेंड्स अगर आप सबको नोबेल नहीं अच्छी लग रही , ,,,,तो प्लीज मुझे आप यहीं पर बता दीजिए,,,,,,,ताकि मैं यह नॉवेल लिखना ही बंद कर दो ,,,,,,और अगर अच्छी लग रही है ,,, तो प्लीज ज्यादा से ज्यादा शेयर और लाइक कमेंट करिए ,,,,,,ताकि मेरी यह नोबेल बंद ना हो जाए ,,,,,बड़ी मेहनत से लिखती हूं ,,,,,  ;फ्रेंड्स प्लीज़ सपोर्ट मी,,माय ऑल नोवेल्स,,


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