Wo Daravani Chudel - 3 in Hindi Horror Stories by Tarkeshwer Kumar books and stories PDF | वो डरावनी चुड़ैल - 3

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वो डरावनी चुड़ैल - 3

....लेकिन किसी के दिमाग में ये नहीं आया की उस बुजुर्ग को ढूंढ के इस घटना के बारे में बताया जाए और समाधान पूछा जाएं।

सबने उस आदमी की बात मान तो ली लेकिन बोले की हम भी तो देखें की चुड़ैल कहां हैं कही तू झूठ तो नहीं बोल रहा।

उस आदमी ने कहा अगर मेरी बात झूठ निकले तो मुझे मार देना।

सबने तैयारी शुरू कर दी उस चुड़ैल को मारने की..या पकड़ने की या यूं कहें खुद को खतरे में डालने की।

सवाल ये था की भला कैसे हो पाएगा ये।

कुछ लोगों ने कहां की 4 या 5 लोग पहले उस मोड़ पर जाके देखो की कुछ ऐसी चीज हैं भी या नहीं।

रात को उस आदमी को सबने बोला की चलो उस मोड़ पर पार्क की और चलते हैं। वो आदमी एकदम से चौंक गया और बोला की में नहीं जाऊंगा किसी शर्त पर नहीं जाऊंगा।

कुछ लोग मिलके उधर जाने का सोचे और चल पड़े।

एकदम अंधेरी रात और चारो और सन्नाटा, दूर दूर तक सड़क पर कोई भी नहीं। वो लोग चल पड़े उन्हें लग रा था की पक्का ये झूठ ही होगा। 

वो फिर उस पार्क की और से जा रहे थें लेकिन कोई पायल की आवाज नहीं आ रहीं थी। सब एक लाइन में चल रहें थे। तभी उनमे से एक आदमी पीछे हो गया।

उसकी नजर पार्क की और गई और उसने देखा की एक सुंदर महिला उसकी और टकटकी लगा के देख रहीं हैं।

सफेद साड़ी खुले बाल और बला की सुंदर महिला।

ये पहले चौंक गया फिर रुक गया। तभी आगे वाले चिल्लाए पीछे क्यों रुक गया। वो आदमी अभी भी उस महिला को देख रा हैं। जो अब धीरे धीरे झाड़ियों में मुस्कुराते हुए पीछे की और कदम करते करते इसके आंखों से ओझल हो गई।



वो भाग के सबके पास गया और बोला मैंने एक सुंदर महिला देखी वो पार्क में खड़ी थी। सब बोले अरे यार अब तू मज़ाक चालू मत कर। वो बोला यार सही मैं बहुत सुंदर महिला थी।

सब बोले पहले चुड़ैल को ढूंढ लेते हैं फिर उस सुंदर महिला को देख लेंगे।

आगे मोड़ पर पहुंचे तो कोई नहीं था। सबने कुछ देर इंतजार किया पर कोई  चुड़ैल नहीं दिखी।

सब वापस आने लगे तभी उन्होंने देखा की पार्क में एक आदमी खड़ा हैं जो झाड़ियों की तरफ मुंह कर के खड़ा हैं।

उन सबमें से एक आदमी चिल्लाया अरे भाईसाब क्या कर रहें हो पार्क में इतनी रात को। वो आदमी बिना हिले बिना कुछ बोले खड़ा रहा।

एक आदमी पार्क में घुसा और उस आदमी की और चलने लगा, जैसे ही उसके पास पहुंचा  वो झाड़ियों में घुस गया।

और पार्क के दूसरे कोने पे चला गया, और पलटा तो वो वही आदमी था जिसे चुड़ैल ने मोड़ पर पकड़ा था।

सब लोग डर गए और बोले तू क्या कर रा हैं यहां तू तो नहीं आने वाला था ना।

वो बोला कोई नहीं बचेगा सबको लेके चली जाऊंगी। और चुड़ैल का रूप में आ गया और गायब हो गया।

सब लोग वापस घर की और भागे। तभी एक आदमी का पैर किसी ने पकड़ लिया और घसीटने लगा..

बाकी का अगले भाग में।।।।

यह कहानी काल्पनिक है इस कहानी को मैंने अपने विचारों से उत्पन्न किया है और अपने हिसाब से बनाया हैं। इसका किसी भी कहानी से कोई लेना- देना नहीं है अगर लेना देना है तो मात्र एक संयोग हैं।