You Are My Choice - 17 in Hindi Short Stories by Butterfly books and stories PDF | You Are My Choice - 17

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You Are My Choice - 17

आकाश जब अपने अपार्टमेंट में गया, नीचे खड़े सिक्योरिटी गार्ड ने उसकी गाड़ी को दिखाते हुए उसके सामने खड़ी लड़की से कहा, "ये साहब आपके सामने ही रहते है। चलिए में आपका सामान आपके घर तक रख देता हु।" 


आकाश लिफ्ट से ऊपर आ रहा था, जैसे ही दरवाजा खुला, उसने अपने घर के सामने खड़ी एक लड़की को देखा। उसने उसके पास जाते हुए कहा, "excuse me.."

जैसे ही वो लड़की मुड़ी उसने देखा की वो श्रेया थी। "आकाश तुम?" श्रेया समझ गई थी की उसका पड़ोसी जिसके बारे में सिक्योरिटी गार्ड बता रहा था वो आकाश है।

अपने घर की तरफ इशारा करके आकाश ने कहा, "My apartment, यही रहता हु में।" आकाश के चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं था।

"मेने आज ही शिफ्ट किया है। यहां सामने। Keys में ज.. जय के घर भूल गई हु, वो आ रहा है लेके तो, just waiting..."

"ओके।" आकाश अपने घर का दूर खोलने लगा। उसने फिगरप्रिंट से घर का में डोर खोला।
श्रेया आकाश के इस बिहेवियर से अनजान थी। उसे बिलकुल अच्छा नहीं लगा की आकाश ने उससे कुछ नही पूछा।

श्रेया अपने मन में सोच ही रही थी तभी आकाश ने पूछा, "चाहो तो मेरे घर में बैठ सकती हो। उसे आने में टाइम तो लगेगा। इस टाइम पे traffic थोड़ा ज्यादा होता है। में अभी हॉस्पिटल से ही आया हु।" उसने अपने घर का दरवाजा खोला।

"ओके।" श्रेया अपने बैग्स को पकड़ने लगी।

आकाश ने धीरे से उसके हाथ से दोनो बड़े बैग्स ले लिए, और अपने घर में एंटर हुआ। श्रेया उसके पीछे अपना हैंडबैग लेके जाने लगी। श्रेया को आकाश का घर अच्छा लगा। सब कुछ एकदम साफ, अपनी जगह पे। "Nice house." श्रेया ने एंट्रेंस पे रखे एंटीक को देख के कहा, "wow, this is so pretty."

"Kavu लेके आई थी मेरे लिए, जब वो फ्रांस गई थी। इसे खरीदने के पीछे एक मस्त कहानी है। तुम बैठो में तुम्हारे लिए पानी लेके आता हु।"

आकाश किचन से पानी लेके आया तब श्रेया वहा लगे सारे फोटो देख रही थी। जिसमे आकाश, काव्या और रॉनित थे। कुछ आकाश की फैमिली फोटो थी जिसमे उसके साथ उसके मम्मी पापा थे। श्रेया ने आकाश के हाथ से पानी लेके उसकी, रॉनित और काव्या की फोटो देखते हुए पुछा, "यह तुम्हारे कॉलेज टाइम की फोटो है?"

"हा। Last year."

पानी पीके अपना ग्लास आकाश को देते हुए उसने कहा, "साथ में अच्छे लगते हो तीनो।"

"Thank you, तुम बैठो ना।"

श्रेया ने बैठते हुए उससे पूछा, "यूनिवर्सिटी फ्रेंड्स?"

"Yes, बट.. जूनियर्स, एक्युअली। बस फिर जबरदस्ती दोस्त बन गए। अभी भी बिलकुल वैसे ही है।" आकाश के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी।

 "शायद हम भी वैसे ही थे।" श्रेया की बात से आकाश बस थम सा गया था। तभी आकाश की डोरबेल बजी। आकाश ने जो ऑर्डर किया था वो फूड डिलीवरी थी। आकाश डिलीवरी लेके अंदर आया। 

"कभी घर का खाना भी खाते हो?" श्रेया ने आकाश से तुरंत पूछा।

"Of course..." आकाश ने कन्फ्यूजन में कहा। "एक्यूअली, इतने दिनो से हॉस्पिटल एंड ऑल था तो में सेहगल हाउस में या हॉस्पिटल में ही डिनर करता था।"

"में जस्ट मजाक कर रही हु। चिल।" श्रेया ने हसते हुए कहा।

"Do you wanna join me? It's really tasty." आकाश ने अनबॉक्स करते हुए कहा। "यह मेरी फेवरेट है।"

"No no. मेने ऑलरेडी बहुत खा लिया है। तुम्हे याद है हमारे स्कूल के पास भी ऐसे ही खिचड़ी मिलती थी।"

"..और हम जय के लिए लेके आए थे, जब वो बीमार था। सब बोलते थे बहुत अच्छी है, पर हमे पसंद ही नही आई। और जय को लगा की हमने जान कर उसके साथ ऐसा किया है।" आकाश ने उसकी बात को काटते हुए कहा।

"और उसे कितनी मुश्किल से मनाया था हमने। We were good. Now everything is complicated." श्रेया की बात से दोनो ही चुप हो गए।

थोड़ी देर तक शांति छाई हुई थी। आकाश चुप चाप खाना खा रहा था और श्रेया उसे देखे जा रही थी। श्रेया समझ गई थी की आकाश को past के बारे में बात करना पसंद नही है। आकाश को देख कर ऐसा लग रहा था मानो किसी के पुराने जख्मों को श्रेया ने जान बुझ के हरा किया था। कुछ देर पहले उससे ठीक से बात कर रहा आकाश अचानक से बस इस तरह से शांत हो गया था जैसे, किसीने उससे उसकी पूरी दुनिया छीन ली हो। दोनो में से कोई कुछ कहता उससे पहले आकाश का फोन बजा। आकाश खड़ा होके श्रेया के पास के टेबल पे रखा फोन लेने आया। उसने अभी भी श्रेया से अपनी नजरे नही मिलाई थी। अपना कॉल उठाते ही उसका चेहरा मायूसी से टेंशन में बदल गया। उसने कहा, "आता हु में।"

"I am sorry श्रेया। Kavu..., Kavu, उसपे अटैक हुआ हैं। I don't know what to do. तुम चाहो तो यहा बैठ सकती हो पर मुझे जाना पड़ेगा।" आकाश को इस तरह से देख श्रेया ने कहा, "में ड्राइव करती हु। चलती हु तुम्हारे साथ।" श्रेया ने उसे शांत करते हुए कहा।

"नही तुम्हे आने की जरूरत नहीं है।" आकाश अभी भी पैनिक ही था। मानो इस बार तो किसीने उसका दिल ही चिर दिया हो।

"Im coming with you, okay." श्रेया ने उसकी आंखो में आंखे डालके देखते हुए कहा।

आकाश जल्दी से हॉस्पिटल जाना चाहता था, इसलिए बिना किसी बहस के बस वो उसके साथ चला गया।


Continues in the next episode....