Saat fere Hum tere - Secound - 10 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग -१०

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सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग -१०

बचपन की दोस्ती कहते हैं कि जवानी में प्यार में बदल जाता है हां मगर जब दोनों तरफ प्यार हो तो एक तरफा प्यार कभी सफल नहीं हो सकता है नाकामी मिलती है।
संजना आखिर क्या करेगी अपना सब कुछ छोड़ कर वो विक्की के पास वापस जाएगी क्यों जब मैंने अपनी प्यार की भीख मांगी थी तो कैसे विक्की ने जाने को कहा।
आज पच्चीस साल बाद भी ऐसा लग रहा है कि मैं विक्रम सिंह शेखावत को चाहती हुं।
विक्की मुझे सह नहीं सकता है।
पर मैंने किसी को वादा किया है तो जाना होगा।।
संजना ने जल्दी से अपना एयर टिकट बुक करवाया और फिर पैकिंग करने लगे।
आगे पीछे कोई नहीं था उसका बस था तो एक अनाथ आश्रम जहां पर बुढ़े लोगों के लिए संजना ने एक घर परिवार जैसा माहौल बना कर रखा था।

जाने से पहले सबको बोल कर जाना होगा।
संजना जल्दी से तैयार हो कर निकल गई परिवार अनाथ आश्रम में। संजना ने वहां मैडम नूतन दी को सब कुछ बताया और कहा कि कोई बात होगी तो हमें फोन कर देना।
संजना वहां से सीधे कमिनयुटी ॅहाल में गई और वहां पर सबको बुलाया।
सब बूढ़े और बुढ़िया आ गए।
संजना ने इन लोगों का साथ उस समय दिया जब इनके अपनों ने इन्हें छोड़ दिया बेसहारा कर दिया।
संजना ने कहा आप सबको एक बात बताने जा रही हुं कि मैं जल्दी ही अमेरिका जा रही हुं और फिर जल्दी लौट आऊंगी।
धीरज चचा ने कहा बेटा जाओ पर अपना ख्याल रखना जरूर।
कब तक आएगी बेटा
संजना ने कहा नहीं पता है पर जो भी होगा बताऊंगी।।

फिर संजना वहां से निकल गई और फिर सीधे घर आकर एक ओला बुक किया।। जाने कैसा दर्द हो रहा है विक्की कैसे।।
फिर संजना ने अपने आंसु पोंछ कर बैग लेकर दरवाजा बंद किया और फिर ओला के आते ही वो निकल गई। माया को एक मैसेज कर दिया।
कि अब एयरपोर्ट जा रही है।
उधर माया मैसेज पढ़कर ही जल्दी से दादाजी के पास जाकर बोली कि संजना आ रही है।
दादाजी ने कहा बेटा मेरा आशिर्वाद सदा के लिए।
उधर विक्की इन सब बातों से बेखबर अपने फार्म हाउस में पहुंच गए और फिर सब इधर उधर देखने लगें पुरा सी साइड था बीच भी थे कहीं कहीं आई लैंड भी था। जतिन के मम्मी पापा चाचू चाची सब बोल रहे थे कि यहां से जाने का मन नहीं है।
विक्की ने कहा हां पर रात को डरावनी आवाजें आती है जैसे कि कोई दरवाजा खटखटाया।।
अतुल और बिमल ने कहा जो भी हो बहुत ही मजा आ रहा है और फिर हम रात को घूमने जाएंगे।
विक्की ने कहा हां ठीक है चलो पहले खाना खाने का जरा देख ले।
विक्की जाकर केयर टेकर को जाकर सब कुछ बताया तो वो जापानी तुंग ओ नाम था वो ही जल्दी से इटालियन पास्ता लेकर आ गया।
फिर सब ने खा लिया और फिर सब मस्त हो कर सो गए।
इस तरह से जब रात को डिनर के बाद सब तैयार हो कर जाने लगें तो विक्की ने कहा अरे चाची, चाचा और ताऊजी ताई जी जा रहें हैं ।
जतिन ने कहा नहीं उनको डर लग रहा है।
सपना ने कहा अरे बाबा चलो अब।
विक्की ने कहा हां चलो अब।
फिर सब बीच में पहुंच गए जहां बहुत सारे जहाज़ और स्टीमर था।
विक्की ने जाकर टिकट बुक किया।
फिर सब एक साथ जहाज में बैठ गए।
अमन और सपना एक दूसरे के बाहों में झूल रहे थे और जतिन थोड़ा सा अपसेट था उसने माया को विडियो कालिंग किया पर माया ने नहीं उठाया।
अतुल और बिमल ने कहा अरे बाबा ये तो अभी हवा में उड़ रहा है। अतुल ने कहा मेरी शादी तय हो गई है यार मर जाऊं तो।।
विक्की ने कहा यारा मेरे रहते ये नहीं होगा और फिर मैं अपनी जान की बाजी लगा दुंगा।
सबने विक्की को सैल्यूट किया।।
फिर सब आराम से बैठ गए।
जतिन ने कहा विक्की एक गाना हो जाएं।
विक्की ने कहा ओके सर।।
ऐ सागर की लहरों हम भी आते हैं ठहरों।


 ऐ सागर की लहरों
हम भी आते है ठहेरोअ
ऐ सागर की लहरों
हम भी आते है ठहेरो
ो साहिल साहिल मंज़िल
मंज़िल हमको ले चलो
ऑय सागर की लहरों
हम भी आते है ठहरो
ऑय सागर की लहरों
हम भी आते है ठहरो

जैसा बेताब ये एक दिल नादाँ है
देखे ऐसा कहीं कोई तूफ़ान है
जैसा बेताब ये एक दिल नादाँ है
अरे देखे ऐसा कहीं कोई तूफ़ान है
ला ला ला ला..ला ला ला ला
बस्ती बस्ती कश्ती
कश्ती हुमको ले चलो
ऐ सागर की लहरों


हम भी आते है ठहेरो
ो साहिल साहिल मंज़िल
मंज़िल हमको ले चलो
ऐ सागर की लहरों
हम भी आते है ठहेरो
ऐ सागर की लहरों
हम भी आते है ठहेरो

ओ मेरी महबूब सा
क्या है कोई हसीन
हो मेरे दिलदार सा
आशिक़ कोई नहीं।।

 

गाना खत्म हो गया सब ने तालियां बजाकर खुशी जाहिर किया और भी वहां पर लोग थे वो सब भी बोलने लगें एक और।।
अतुल और बिमल भी हंसने लगे।
जहाज ऐसे हिल रहा था जैसे आसमान में उड़ रहा हो।। और आवाज साथ ही ऊंची ऊंची लहरें उठने लगी।
सपना बहुत डर गई थी उसने कहा भाई वापस चलिए।
विक्की ने कहा हां ठीक है चलो अब वापस।।
फिर जहाज दूसरे छोर पर जाकर रूक गई।
फिर सब उतर गए जहां पर तरह-तरह की दुकानें,स्टाल लगाए गए थे।

सपना अमन का हाथ पकड़ कर आगे खिंच लिया जहां पर दुकानें लगी थी जहां पर ईयर रिंग्स,बेगेल,गले का हार,बैग और फिर चुन्नी 
भी।।

जतिन ने भी माया के लिए बहुत सारी चीज़ें खरीदा।
विक्की ने भी नैना के नाम पर बहुत सारी चीज़ें खरीदा और अतुल ने भी अपनी होने वाली के लिए कुछ न कुछ खरीद लिया।
फिर एक दम टाइम से जहाज चलना शुरू हो गया।सब जाकर बैठ गए।
सपना ने कहा अमन थैंक यू।भाई आप ने भाभी के लिए खरीद लिया।


फिर कुछ देर बाद ही सब जहाज से उतर गए।
और फिर फार्म हाउस में पहुंच कर सब बातें करने लगे।
देर रात तक सब प्यार और धोखा के बीच को लेकर बात विवाद शुरू हो गया।
जतिन कहा कि प्यार ही सब कुछ होता है।।
विक्की ने कहा नहीं प्यार कुछ नहीं होता सिर्फ दिखावा। धोखा है सिर्फ धोखा है सिर्फ धोखा।।
अमन ने कहा मैं विक्रम सिंह शेखावत से सहमत हूं।
सपना ने कहा मैं प्यार पर विश्वास करती हुं।
विक्की ने कहा धोखा देना बहुत आसान होता है पर प्यार को जिंदगी भर के लिए निभाना बहुत मुश्किल है।
जतिन ने कहा एक बार प्यार हो जाए तो सब कुछ बदल जाता है न नींद आती है न चैन आता है।।
अतुल ने कहा मुझे तो विक्की की बात अच्छी लगी हैं।।
विक्की ने कहा हर जगह धोखा है धोखा है सिर्फ धोखा है।।
सपना ने कहा अगर सच्चे मन से चाहो तो प्यार मिलता है।
विक्की ने कहा नहीं सिर्फ धोखा ही मिलता है मुझे प्यार से विश्वास उठ गया है।
बिमल ने कहा एक बार प्यार ज़रूर करना चाहिए यारों जैसे कि निलेश ने किया था और उसने अपनी प्यार को जिन्दा रखने के लिए अपनी आंख तक दे कर चला गया एक मिसाल कायम किया।।
जतिन ने कहा हां उसमे कोई शक नहीं है निलेश के जैसे नेकदिल इंसान कभी नहीं देखा।।
विक्की ने कहा हां पर निलेश को भी जिंदगी ने धोखा दिया और फिर धोखा दिया।


जतिन ने कहा हां पर है पर प्यार के आगे कुछ भी नहीं है सब पीछे है।
विक्की ने कहा मैं सहमत नहीं हूं जिंदगी में धोखा जल्दी मिल जाता है पर प्यार करने वाले कम। मुझे देख लो मैं तो ज्यादा समय नहीं लिया प्यार करने में पर उसने धोखा देने में पुरे छः साल लगा दिया।
सपना ने कहा क्या पता कोई मजबूरी रही होगी।
विक्की ने कहा हंसते हुए कैसी मजबूरी क्या बात है हो सकता है कोई और मिल गया है।
आप लोग बेकार में टाइम पास कर रहे हो मेरी मानो हार मान लो।
अमन ने कहा हां प्यार दोस्ती है।
विक्की ने कहा हां मुझे पता है तुम और नैना एक दुसरे को पसंद करते थे । अमन ने कहा मैं पसंद करता था पर वो नहीं।।

विक्की ने कहा जाने दो। प्यार दोस्ती है ये मैं नहीं मानता पर कोई थी जो बहुत मानती थी।
फिर सब पीछे पड़ गए अरे फौजी भाई रोमांस हां कब हुआ कैसे हुआ??
जतिन ने कहा अरे बाबा अब बताओ भी।
फिर विक्की ने कहा हा जब हम नर्सरी में थे।

तब मेरे साथ पढ़ती थी मासूम सी संजना।।
सपना ने कहा वाह क्या बात है फिर। विक्की ने कहा बचपन से लेकर जवानी तक कालेज में भी साथ रहें।कब वो मुझे खुद से भी ज्यादा चाहने लगी मुझे पता नहीं चल पाया क्योंकि मेरे पास उसके लिए कोई फिलिंग नहीं था।
और फिर एक दिन वेलेंटाइन डे पर वो मुझे प्रपोज कर दिया और फिर एक किस भी किया मैं समझ नहीं पाया और उसके गाल पर एक चांटा मार कर वहां से निकल गया।
फिर हम दो महीने तक नहीं मिले।
हर वार की तरह इस बार भी मेरे जन्मदिन पर वो सारे अरेंजमेंट्स किया और फिर जब मैं वहां  हंससे जाने लगा तो उसने कहा कि अब वो ही चली जाएगी हमेशा के लिए।
फिर मैं भी उसे रोक नहीं पाया और वो चली गई हमेशा हमेशा के लिए।
आज पच्चीस साल हो गए कोई न्यूज़ नहीं है उसका कहां है कैसी है?

सपना ने कहा ओह माई गॉड क्या कहानी है वाह।

जतिन ने कहा देखो विक्की तुमने उसका प्यार ठुकरा दिया इसलिए वो चली गई और फिर ऐसा ही नैना के साथ भी किया तुमने।
विक्की ने कहा हां शायद ठीक कह रहे हैं।
पर मैं तो सच में नैना को बहुत चाहता हूं। उसके बिना जीना बहुत मुश्किल है।
याद आ रही है तेरी याद आ रही है, याद आने से तेरे जाने से जान जा रही है याद आ रही है तेरी याद आ रही है।।
बनते दुल्हन प्रीत हमारी उलझन बन गई।ये दिल की धड़कन मेरी जान की दुश्मन बन गई।।

फिर विक्रम सिंह शेखावत गाना गाने में रूक गया और खांसने लगा और फिर वहां से उठ गए। और फिर बोला गुड नाईट।
अतुल ने कहा बहुत बुरा हुआ यार नैना कहां चली गई।
क्या हम कुछ नहीं कर सकते हैं।
जतिन ने कहा हां करना चाहिए।
सपना और अमन उठकर चले गए और फिर सब लोग सोने चले गए।
विक्की रुम में आकर कहा नैना ओ नैना ऐसा क्यों किया धोखा दिया तुमने मुझे आज मैं कितनी तकलीफ़ में हुं मैं तुम्हें इतना दूर लाया और फिर तुम ने ऐसा किया हां।
फिर विक्की भी सो गया और फिर उधर बंगले में संजना आ गई और जब माया से मिली तो हाथ मिलाते हुए कहा कि मैं जहां तक जानती थी कि विक्की का कोई बाईं बहन नहीं था। माया ने कहा हां सब बताती हूं संजना पहले फ्रेश होकर नाश्ता कर लो।
विक्की तो इन सब बातों से बेखबर था।
संजना तैयार हो कर आ गई और फिर नाश्ता करने लगी।
संजना ने पुछा दादी मां कहां है?
माया ने कहा एक महीने पहले ही गुज़र चुके थे। संजना ने कहा ओह माई गॉड बहुत बुरा हुआ।
फिर सबसे पहले संजना दादाजी से मिलने पहुंच गई।
दादाजी ने कहा आओ संजना कैसी हो?
संजना ने कहा कि मै तो ठीक हुं पर आप बहुत ही अस्वस्थ दिख रहे हैं।।
दादाजी ने कहा हां अब ठीक से बोल रहा ।।हूं,मसाज।।

संजना हंसने लगी।
दादाजी ने कहा देखो सब कुछ माया बताएंगी।
संजना ने कहा फौजी सहाब अब कहां है?
दादाजी ने कहा अरे सब फार्म हाउस गया है।
संजना ने कहा अच्छा तो ये बात है। चलिए मैं चलती हूं।
संजना वहां से उठ कर सीधे माया के पास आ गई और फिर बोली दी अब कुछ बताओ मुझे यहां क्यों बुलाया।
माया ने कहा अरे बाबा अपने बचपन के दोस्त के लिए इतना भी नहीं करोगी।
संजना ने कहा हां पर मुझे करना क्या होगा।
माया ने कहा हां आओ यहां बैठो फिर मैं तुम्हें पुरी कहानी बताती हूं।
फिर माया ने सब कुछ धीरे धीरे बताना शुरू किया और फिर पुरा सुना दिया।
संजना पुरा सुना और रोने लगी और फिर बोली ठीक है मैं सब कुछ कर सकती हूं।
माया ने कहा हां अब आराम कर लो।
संजना ने कहा हां ठीक है मैं जा रही हुं।
संजना अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर दिया और फिर लेट गई और फिर सोचने लगी कि विक्की को किसी और से प्यार हो गया पर मुझे से नहीं।।
और फिर उधर विक्की सभी को लेकर वापस अपने घर की ओर निकल पड़ा। विक्की को ये पता नहीं कि उसके लिए क्या इन्तजार हो रहा है जो वर्षों पहले ना हो पाया तो क्या आज हो जाएगा।
ये सब जानने के लिए जरूर पढ़े इसका अगला अध्याय।
क्रमशः