The Matrix - Movie Review in Hindi Film Reviews by Mahendra Sharma books and stories PDF | द मैट्रिक्स - फिल्म रिव्यू

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द मैट्रिक्स - फिल्म रिव्यू

"द मैट्रिक्स" एक प्रमुख साइंस फिक्शन फिल्म है जिसे वाचोव्स्की ब्रदर्स (लाना और लिली वाचोव्स्की) ने निर्देशित किया है। यह फिल्म एक कल्पनाशील और चुनौतीपूर्ण दुनिया का निर्माण करती है, जहां वास्तविकता और कृत्रिम वास्तविकता के बीच की सीमा धुंधली होती है। फिल्म ने अपने अद्वितीय कथानक, अभिनव दृश्य प्रभाव, और प्रभावशाली फिल्म निर्माण के लिए व्यापक प्रशंसा प्राप्त की है।

कहानी:
फिल्म की कहानी थॉमस एंडरसन (कीनू रीव्स) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक साधारण सॉफ़्टवेयर डेवलपर और कंप्यूटर हैकर है। उसे "नीयो" (Neo) के नाम से भी जाना जाता है। उसकी जिंदगी में एक अजीब बात होती है जब वह एक रहस्यमय संदेश प्राप्त करता है, जो उसे बताता है कि वह एक बड़े रहस्य का हिस्सा है।

नीयो को पता चलता है कि उसकी पूरी दुनिया एक कृत्रिम वास्तविकता है जिसे "मैट्रिक्स" कहा जाता है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इस सच्चाई का खुलासा उसे मोर्फियस (लॉरेंस फिशबर्न) नामक एक विद्रोही नेता द्वारा होता है, जो नीयो को बताता है कि मानवता का अस्तित्व एक झूठी दुनिया में जी रहा है।

नीयो को एक जटिल मिशन पर भेजा जाता है जिसमें उसे "द वन" के रूप में मान्यता प्राप्त करनी होती है, जो एक विशेष व्यक्ति है जो मैट्रिक्स को बदल सकता है और मानवता को स्वतंत्रता दिला सकता है। इस यात्रा में नीयो को ट्रिनिटी (कैरी-ऐन मॉस) के साथ मिलकर कई खतरनाक परीक्षणों का सामना करना पड़ता है और वह अपने भीतर की शक्तियों को पहचानता है।


मेट्रिक्स का खुलासा:

थॉमस को जल्दी ही पता चलता है कि उसकी पूरी ज़िंदगी एक आभासी वास्तविकता (The Matrix) में बसी हुई है, जिसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने मानवता को सच्चाई से छुपाने के लिए बनाया है। असली दुनिया एक बर्बाद भविष्य है जहां मशीनों ने मानवता को अपने नियंत्रण में ले लिया है और उन्हें एक काल्पनिक दुनिया में कैद कर रखा है ताकि उनकी ऊर्जा का उपयोग किया जा सके। मोर्फियस ने एंडरसन को एक विकल्प दिया है: लाल गोली लें और सच्चाई को जानें, या नीली गोली लें और अपने वर्तमान जीवन को जारी रखें।

चुने हुए व्यक्ति की यात्रा:

एंडरसन ने लाल गोली को चुना और वह आभासी वास्तविकता से बाहर निकल आया। अब वह एक असली दुनिया में है जहां धरती एक खंडहर में बदल चुकी है और मानवता मशीनों द्वारा पकड़ी गई है। मोर्फियस और उसकी टीम उसे प्रशिक्षित करती है और यह मानती है कि वह "चुने हुए व्यक्ति" है, जो मेट्रिक्स को नष्ट कर सकता है और मानवता को मुक्त कर सकता है।

एजेंट्स का संघर्ष:

मेट्रिक्स में, नेओ को एजेंट्स का सामना करना पड़ता है, जिनमें प्रमुख एजेंट स्मिथ (ह्यूगो वीविंग) है। एजेंट्स एक शक्तिशाली और अनुकूली वायरस की तरह होते हैं जो मेट्रिक्स की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। नेओ के प्रशिक्षण के दौरान, वह अपनी छिपी हुई क्षमताओं को पहचानता है और मेट्रिक्स की सीमा से बाहर निकलने की कोशिश करता है।

मेट्रिक्स को तोड़ने की कोशिश:

फिल्म के चरम बिंदु पर, नेओ और उसकी टीम एक मिशन पर जाते हैं जहां वे मेट्रिक्स के सिस्टम को विफल करने की कोशिश करते हैं। उन्हें कई खतरनाक परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें एजेंट स्मिथ के साथ एक निर्णायक संघर्ष भी शामिल है। इस दौरान, नेओ अपनी अद्वितीय क्षमताओं को पहचानता है और अपनी भूमिका को समझता है।

समापन:

फिल्म के अंत में, नेओ मेट्रिक्स के भीतर अपनी शक्तियों का पूर्ण उपयोग करके एजेंट स्मिथ को परास्त करता है। वह खुद को सच्चे "चुने हुए व्यक्ति" के रूप में स्वीकार करता है और मानवता के लिए एक नई शुरुआत की ओर इशारा करता है। यह खुलासा करता है कि नेओ अब मेट्रिक्स को बदलने और स्वतंत्रता लाने की शक्ति रखता है।

तकनीकी पहलू:
"द मैट्रिक्स" ने अपने समय की सीमाओं को पार करते हुए अद्वितीय दृश्य प्रभाव और तकनीकी नवाचार प्रस्तुत किए। फिल्म का "ब्लूलिट" (bullet-time) तकनीक, जिसमें एक समय में स्लो मोशन और 360-डिग्री कैमरा मूवमेंट का उपयोग किया गया है, अत्यंत प्रभावशाली है और इसे फिल्म के प्रमुख दृश्य प्रभावों में माना जाता है। इसके अलावा, फिल्म की विज्ञान-फाई डिजाइन और चौंकाने वाले दृश्य दर्शकों को एक अलग और अद्वितीय दुनिया में ले जाते हैं।

"द मैट्रिक्स" एक मील का पत्थर है जो साइंस फिक्शन और एक्शन सिनेमा के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित करता है। इसकी गहन और विचारणीय कहानी, नवीन तकनीकी दृष्टिकोण, और शानदार अभिनय ने इसे एक कालातीत कृति बना दिया है। यह फिल्म न केवल एक मनोरंजक अनुभव प्रदान करती है, बल्कि दर्शकों को वास्तविकता, स्वतंत्रता, और मानवता के मायनों पर भी विचार करने पर मजबूर करती है। यदि आप एक ऐसी फिल्म की तलाश में हैं जो एक अद्वितीय सिनेमाई अनुभव दे, तो "द मैट्रिक्स" निश्चित रूप से एक अनमोल रत्न है।

फिल्म के अंत में मस्तिष्क में एक भय भी उत्पन्न होता है की क्या आज हम एक मैट्रिक्स में जी रहे हैं? या फिर यह सब जल्द होने वाला है जब रोबोट दुनिया पर कब्ज़ा करेंगे।

साइंस फिक्शन फिल्मों के दीवानों के लिए यह फिल्म पूरी पंजाबी थाली और मिष्ठान सब है।

एमेजॉन प्राइम और नेटफ्लिक्स पर फिल्म उपलब्ध है। 

– महेंद्र शर्मा