Hello dosto
रोनित विराज को बहुत समझा रहा था, रोनित बोलता विराज को सोच लो विराज वो लडकी कुछ नहीं जानती है, फीर क्यू उसका जीवन नर्क बना रहा है। विराज गुस्से में बोलता है स्टे आउट ऑफ इट और चला जाता है ।
अपने ऑफिस के केबिन में एक प्राइवेट रूम था वहा जाता हैं, विराज का आफिस 7 माले का था वो एक बहुत बड़ा सिलिकॉन फैब्रिक टैक्सटाइल का मालिक था उसने बहुत मेहनत से अपना बिजनेस पूरी दुनिया में बढ़ाया था, उसके ऑफिस के सभी एंप्लॉयज उससे डरते थे, ओर बहुत सी फीमेल स्टाफ उसे पसन्द करती थी, क्यू ना करे वो दिखने ने बहुत ही हैंडसम था 6 फिट हाइट गोरा रंग परफेक्ट बॉडी, किसी का भी दिल आ जाए पर विराज तो विराज ही था किसी की तरफ देखता भी नही था बिल्कुल घमंडी इंसान।
फ्लैश बैक
विराज प्राइवेट रूम में बैठे अपना पास्ट याद कर रहा था ,विराज की फेमिली में उसके पापा उसकी मां ,एक छोटी बहन और एक भाई था,उसके पापा का बिजनेस था अच्छा चल रहा था सब खुशी से रहते थे,एक दिन उनके बिजनस पार्टनर मिस्टर राकेश द्विवेदी ने उन्होंने धोखे से सब अपने नाम कर लिया और विराज के पापा मिस्टर शोभित सिंघानिया को रोड पे ला दिया था, वो बिलकुल टूट गए थे,धीरे धीरे बीमार रहने लगे और एक दिन हार्ट अटैक से उनकी डेथ हो गई थी, पूरा परिवार दुखी हो गया, बहुत छोटी सी उम्र से विराज ने सबको संभाला है
विराज ने बहुत मेहनत से नाम इज्जत शोहरत सब कमाया अपनी सिलिकॉन टैक्सटाइल Pvt limited कंपनी खड़ी करी। फिर सब पाता लगवाया तब उसे पता चला की उसके पापा के साथ धोखा हुआ था और वो धोखा विराज के पापा के बिजनेस पार्टनर राकेश द्विवेदी ने दिया तब से वो गुस्से से भर गया था, उसने राकेश के बारे मे सब पता लगाया उसके परिवार में उनकी छोटी बेटी आकांक्षा है , उनका बडा बेटा साहिल है और मां है, राकेश के 60%शेयर उसकी बेटी के नाम है,।
विराज को तो बस बदला लेना था और वो लेके ही रहेगा आखिर उसने बहुत कुछ बरदश किया है।
फ्लैश बैक एंड
विराज फिर अपने आफिस के काम में लग गया था,
उधर सिंघनिया मेंशन में आकांक्षा बाथरूम से फ्रेश होकर बहार आई बाथरोबे पहना हुआ था, धीरे धीरे रूम में आई उसको बहुत ही पैन था बॉडी में वो इधर उधर देखने लगी और फिर वॉर्डरोब की तरफ गई और खोला, तो उसमे सब विराज के कपडे थे,
उसने उनमें से एक टी शर्ट और शॉर्ट्स निकल के पहेंन लिया क्युकी उसके पास कपडे नहीं थे पहनने के लिए फिर ड्रेसिंग टेबल के सामने मिरर में खुद को देखने लगी बॉडी के निसान जो अब नीले पड़ गए थे, वो रोए जा रही थीं सब देख कर, उसने अपने आशु पोछे और बोली यहां से तो निकलना पड़ेगा में इस खडूस घटिया इंसान के साथ नहीं रह सकती फिर डोर की तरफ गई खोलने की कोशिश की पर नही खुला और उदास होकर बिस्तर पर बैठ गई,
थोडी देर बाद डोर खुलने की आवाज़ आई वो डरने लगी सोच के की कही विराज तो नही आया, पर जब डोर ओपन हुआ तब वहा हाथ में खाने की ट्रे लेकर मेड खड़ी थीं उसने वो मैं अंदर आई और बोली मैडम खाना खा लीजिए और साथ में मेडिसिन लाई वो भी रख दी और बोली इसे भी खा लिजिए आकांक्षा गुस्से में बोली चले जाओ यहां से मुझे नहीं खाना है कुछ भी मुझे बस यह से निकलना है, तभी पीछे से कड़क आवाज बोला था ना यहां से जानें का ख्याल निकाल दो, आकांक्षा ने देखा तो वो डर गई, वो मेड खाना ओर मेडिसिन रख कर वहा से चली गई।
विराज आगे आया और बोला स्वीट हार्ट खाना तो खाना पड़ेगा वरना तुम मुझे झेलेगी केसे तो चलो जल्दी से खा लो और वो मेडिसिन भी जरूर खाना क्युकी में नहीं चाहता है तुम मेरे बच्चे की मां बनो, आकांक्षा गुस्से में बोली नही खाना मुझे खाना मुझे प्लीज जाने दो और वो रोने लगी । विराज बोला बेबी खाना तो पड़ेगा अच्छे से खा लो वरना मुझे जबरदस्ती खिलाना भी आता है वो आगे बढ़ने लगा आकांक्षा डरने लगी और बोली खा रही हू में प्लीज दूर रहिए मुझसे और खाने की प्लेट उठाई और खाने लगी, फिर दवाई भी खा ली क्यूकी वो खुद भी नही चाहती थीं कि वो प्रेगनेंट हों..
फिर एक रिंग बजाई मेड अंदर आई और ट्रे ले गई, आकांक्षा हिम्मत करके बोली आपने मुझे क्यू किडनैप किया मैने क्या बिगाड़ा है आपका में तो आपको जानती भी नहीं हु फिर किस गलती की सजा दे रहे हैं आप मुझे जाने दो मुझे में भाग जाउंगी, बस इतना ही बोलना हुआ आकांक्षा का की विराज आग बगुला हो गया वो गुस्से में आया और उसके बालो को कस के पकड़ कर बोला बहुत जबान चलने लगी है
तेरी चल बताता हूं तुझे मेरे सामने जबान चलाने का नतीजा, विराज ने आकांक्षा को बालो सहित उठा के बिस्तर पर फेक दिया और शर्ट के बटन खोलने लगा आकांक्षा बोली नही प्लीज नही लेकीन विराज तो गुस्से में चढ़ गया उसके उपर और होठों को रुडली किस करने लगा कोलरबोन पे निचे बढ़ने लगा आकांक्षा ने जो टी शर्ट पहन रखी थी वो विराज ने फाड़ दी थी आकांक्षा ने अंडर कुछ नहीं पहन रखा था क्यूंकि उसके पास कपडे नहीं थे करीब 3 घंटे बाद आकांक्षा को छोड़ा और साइड में लेट गया आकांक्षा वैसे ही पढ़ी रही क्युकी उसमे बिलकुल हिम्मत नहीं थी उठने की।
थोड़ी देर बाद विराज उठा वाशरूम गया फ्रेश होकर आया लोअर टी शर्ट पहन रखी थी विराज ने और सामने सोफे पर बैठ कर अपने लैपटाप में काम करने लगा ।
आकांक्षा बेड पे एडमारी में बेड पे पड़ी थी अभी भी, विराज ने एक नज़र उसे देखा और बोला मेरे नरम बिस्तर पे तुझे इतना अच्छा लगता है की उठ नही रही तू या मन नही भरा तेरा तो बोल वापस शुरू करू मैं यहां आराम करने के लिए नही लाया तुझे में।
विराज पहला इन्सान था जिसके इतना करीब गई थीं, वो बोली मेरे पास कपडे नहीं है पहनने को में क्या पहेनु उसकी नजर निचे थी उसने दोनो वो बोला ठीक है तुम जाओ फ्रेश होने कपडे भेजता हूं, वो वैसे ही उठी और वॉशरूम जाने लगी विराज की नज़र उसी पर थी आकांक्षा को बहुत शर्म आ रही थीं पर कोई ऑप्शन नही था, वो फ्रेश होकर आई तब उसने बथरोब पहन रखा था तब बहार आई बिस्तर पे उसके लिए कपडे रखे थे क्रॉप टॉप लॉन्ग स्कर्ट और इनर वेयर और विराज वही सोफे पे बैठा था। आकांक्षा ने कपडे उठा के क्लोसेट रूम में जानें लगी तो विराज बोला कहा जा रही हो,।
आकांक्षा बोली क्लोसेट रूम में चेंज करने विराज उठा और आकांक्षा की तरफ बढ़ने लगा आकांक्षा डर के पिछे होने लगी और दीवार से टकरा गई विराज उसके पास आया और उसके बाथरोब की नोट खोल दी और एक झटके में निकाल फेका आकांक्षा ने अपने हाथ से खुद को कवर किया आकांक्षा को अनकंफर्टेबल फील हो रहा था, फिर विराज बेड के पास ड्रोज में से एक ऑइंटप्मेंट निकला और आकांक्षा को बैठाया और उसके जख्मों पे लगाने लगा आकांक्षा हैरान थीं सोच रही थी जख्म भी खुद दे और मरहम भी खुद करे विराज बोला जख्म देने का हक है तो मरहम करने का भी।ओर फिर धीरे धीर पुरी बॉडी में लगाने लगा
आज के लिए इतना ही दोस्तो आगे की कहनी अब कल, अभी बस सजा दे रहा है विराज आगे पढ़ते रहिए आपके और मजा आयेगा अभी तो आकांक्षा के परिवार और विराज का परिवार आकांशा विराज की शादी दुश्मनी का बदला बहुत कुछ पता चलेगा क्या आकांक्षा जान पाएगी की विराज उसके साथ ऐसा कुछ क्यू कर रहा है क्या विराज को गर्लफ्रेंड है क्या आकांक्षा विराज से शादी करेगी क्या कभी दोनो में प्यार होगा क्या कभी आकांक्षा विराज को माफ करेगी ,आप जुड़े रहे कहानी से आपको बहुत मजा आएगा, अभी तो विराज गुस्से में पागल हो रहा है..
हर हर महादेव 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻