Varzin - 2 in Hindi Love Stories by piku books and stories PDF | वर्जिन?? एक सोलो ट्रिप.... 2

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वर्जिन?? एक सोलो ट्रिप.... 2

"इसमें हंसने की क्या बात है? इसका वजन इतना ही होगा" गीतिका ने कहा।

"गूगल कर लो बॉडी काउंट क्या है मेरा तो एट है वैसे नाइन भी हो सकता है आज" उसने ऋषभ को घूरते हुए कहा।

गीतिका ने कमरे में आकर सबसे पहले उसी शब्द को गूगल किया। इतने लोगों के साथ ऋचा का रिलेशन हो चुका है वो हैरान परेशान सोचती रही।

दूसरे दिन जी बी ट्रैक के लिए सभी निकल पड़े। पतले संकरे रास्ते से गुजरते हुए, सभी एक दूसरे को थाम रहे थे।

गीतिका ने नोटिस किया कि ऋषभ, ऋचा की पकड़ से बचने के लिए, उसी के साथ ही चल रहा है।

थोड़ी देर में बर्फ की फुहार पड़ने लगीं। माहौल में अजब सी उत्तेजना छा गई। ऊपर खुला मैदानी इलाका देख सभी बर्फ में कूद फांद करने लगे।

एक बार तो सभी जरूर फिसले। यहां टेंट हाउस के अंदर, गर्म अंगीठी संग चाय नाश्ते का भी इंतजाम था।

सभी अपने ब्रेकअप के, झूठे सच्चे किस्से सुनाने लगे।

चार सुट्टेबाज लड़कों के अलावा गीतिका और ऋषभ भी चुप बैठे थे बाकी के पास एक से बढ़कर एक किस्सा था।

उस रात भी गीतिका अपने बेड पर देर तक बैठकर सोचती रही। होम स्टे के बाहर बोनफायर को घेरे कुछ युवा अभी भी जमे हुए थे।

तभी दरवाज़े पर दस्तक हुई।

"क्या आज रात मैं तुम्हारा, अकेलापन दूर कर सकता हूं?" ऋचा का बॉयफ्रेंड मोहित हाथ में बीयर लिए खड़ा था।

"नो" गीतिका की त्योरियां चढ़ गईं।

"चलो सभी अपने कमरे में" राजकुमार ने सभी से कहा फिर वो गीतिका से बोला "एनी प्रॉब्लम ?"

गीतिका कुछ कहती उससे पहले मोहित बोल उठा "नो मींस नो, गुड नाइट "

राजकुमार उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे साथ ले आगे बढ़ गया

गीतिका ने रूम बंद कर लिया और सोचने लगी ये मोहित अकेला है तो ऋचा कहां गई। वैभव अनिकेत तो अभी बच्चे ही हैं, वे चारों तो नशे में डूबे अपने में ही मस्त बैठे हैं बोनफायर को घेर कर।

क्या ऋचा ऋषभ के साथ है? उसने लंबी सांस भरी तो ऋषभ भी इन्हीं की जमात में शामिल हो गया है। वो इन सब के जैसे क्यों नहीं सोच पाती। वो सोलो ट्रिप में आई है मगर घर में तो जॉइंट फैमिली है। दादा, दादी, चाचा, चाची उसे मिलाकर पांच भाई बहन। घर और ऑफिस की भीड़ से बचकर यहां आई है तो ऐसा लग रहा है जैसे वो पुरानी मान्यताओं की कंदरा में कैद थी। यहां तो नैतिक मूल्यों की कोई जगह नहीं उसकी सोच परलगातार कुठाराघात हो रहा था। उसने सोचा कि ऋषि मुनि ऊंची शांत, एकांत पहाड़ियों में ध्यान लगा तपस्या करते थे और आसानी से वर प्राप्त कर लेते थे। यदि किसी अप्सरा ने तपस्या भंग नहीं की तो। आज के इस माहौल में खुद को संयम से रखना तो उससे भी अधिक कठिन तपस्या है।

अगली सुबह सभी तैयार हो आसपास के नजारे देखने चल पड़े। गीतिका ने ऋषभ को देखा कि वो पहले की तरह ऋचा से दूरी बनाकर ही चल रहा था। ऋचा वापस अपने मोहित के कंधों पर लटकती डोल रही थी। ऋचा और ऋषभ के बीच कल रात क्या हुआ होगा? वन नाइट स्टैंड? वो क्यों अपना दिमाग खराब कर रही है? गीतिका ने यह सोचकर अपना ध्यान फोटो खींचने में केंद्रित कर लिया।

शाम सात बजे सभी मनाली से लौट रही वोल्वो में सवार दिल्ली को चल पड़े।

गीतिका भूमि के साथ बैठ गई।

तुम और राजकुमार बिजनेस पार्टनर हों न? गीतिका ने पूछा ।

हां और हम दोनों पिछले तीन सालों से रिलेशनशिप में रह रहे हैं अगर यह बिजनेस और रिलेशन जम गया तो शादी कर सैटल हो लेंगे वर्ना दोनों बदल दूंगी" कहकर भूमि बेबाकी सी मुस्कुरा उठी। गीतिका ने भी मुस्कुरा कर प्रति उत्तर दिया लेकिन उसके मन में बहुत कुछ उमड़ रहा था।

घर पहुंचकर भी वो अनमनी बनी रहीं।

दो दिन बाद ऋषभ का मैसेज आया।

गीतिका ने सोचा इसे दो बातें सुनाकर ब्लॉक कर दूं तो बेहतर रहेगा।

"हेलो"

"वो तो ड्रैकुला की तरह मेरे पीछे ही पड़ गई थी बड़ी मुश्किल से उसे मोहित के पास छोड़कर आया। वो भी ड्रैकुला बना सीमा और रागिनी के कमरे के अंदर जमकर बैठ गया था। वहां से ऋचा, उसे उठाकर ले गई"

" कैसे लोग हैं यह? मुझे तो लगा मैं ही बैकवर्ड हूं"

"और मैं भी" ऋषभ ने कहा तो दोनों हंस पड़े।