शनिवार का दिन था, सुबह जब आकाश अपनी क्लास रूम मे दाखिल हुआ, तब उसके क्लास टीचर ने उसे बुलाया। आकाश थोडा सीधा बनके हाथ पीछे करके सभी बच्चों के सामने टीचर के पास जाता है, और उसके टीचर उसे धीरे से कहते है, तुम्हे प्रिंसिपाल सर ने ऑफिस में बुलाया है।
यह सुनकर आकाश अपनी बैग रखने ही जा रहा था कि वापिस से टीचर की आवाज आई बैग साथ में ले जाओ।अब यह सुन कर आकाश के मन मे घबराहट ओर बड़ गई की हुआ क्या होगा जो टीचर मुझे बैग लेके प्रिंसिपाल ऑफिस में जाने को कह रहे हैं। अब आकाश अपनी बैग लेके अपनी नजरे नीचे रखते हुए क्लास से बाहर निकला और प्रिंसीपल ऑफिस की ओर जाने लगा, उसके मन मे कई सवाल हो रहे थे अब कोनसा मेटर बाहर आ गया ऐसे सोचते हुऐ ऑफिस पहुंचा क्योंकि आकाश पूरे स्कूल में सब टीचर के नजरो मैं था इसके आवार नवार जगड़े हो जाते थे कभी कभी टीचर के सामने बोल जाता था तो उसे प्रिंसिपल ऑफिस बुलाया जाता था। आकाश प्रिंसीपल पहुंच के ऑफिस का दरवाजा खोल के मे आई कम इन सर बोला तभी प्रिंसीपल सर उसका ही इंतजार कर रहे थे ओर उन्होंने बोला आओ अंदर आओ। इतना सुनके आकाश अपनी बढ़ी हुई दिल की तेज धडकनों के साथ ऑफिस के अंदर गया, अंदर जाते ही थोड़ी देर के लिए सन्नाटा छाया रहा ओर फिर उसने धीरे से पूछा सर आपने बुलाया था..
प्रिंसीपल सर ने उसे देखते हुऐ बोला कि तुमको अब जरूरत नही है पढ़ने की, तुमने बहुत कर लिया अब तुम स्कूल मे रहने लायक नही हो , तुम्हारे पापा को फोन किया है कब तक आएंगे। यह सुनकर आकाश के चहेरे का रंग उड़ चुका था उसकी दिल कि धड़कने अब उसे महेसुस होने लगी थी ओर वह एक गहरी सोच में चला गया। इतने मे प्रिंसीपल सर ने बोला कि अब तुम होस्टल में जाके तुम्हारे पापा आने तक इंतजार करो, जब तुम्हारे पापा आए तब आना।
इतना सुनके आकाश चुप चाप अपनी नजर जुकाके ऑफिस से बाहर निकल गया अब वो बहुत ही डर चुका था कि मुझे प्रिंसीपल सर ने ऐसा क्यों कहा ओर मेरे पापा को क्यों बुलाया है । अब वह सब कांड याद करते करते होस्टल की तरफ जा रहा था कि कोनसा कारण होगा तब उसे याद आता है कि कई वह लड़की कि वजह से तो नहि.. अबतो ओर भी उसको डर लगने लगा क्योंकि इसके पापा भी तो आने वाले थे। अब होस्टल में पहुंच के अपनी रूम मे जाके सोचने लगा और थोडी देर में उनकी आंख लग गई।
थोड़ी देर बाद उसको इसके होस्टल वाले लडको की आवाज सुनाई दी आकाश ने उठके देखा तो अवकाश (रिशेश, नाश्ता या फ्रेश होने का समय) समय था। अब आकाश रूम से बाहर निकलकर स्कूल के मैदान मे गया, तब इसको पता चला उसके फ्रेंड विपुल जो होस्टल में साथ रहता है ओर एक ही क्लास मे है उसका जगड़ा हो गया है, आकाश बिना देरी किए वहा गया तब वहा बहोत ज्यादा भीड़ थी सब लड़के इक्कठा थे उसमे अंदर गुस्सा और विपुल के साइड मे जाके खड़ा हो गया और थोड़ी ही देर मे मार पीट चालू हो गई और फिर वहा की सिक्योरिटी गार्ड और पीटी टीचर दौड़ के आए इतने मे वह सब लड़के चिल्लाते हुए भाग गए।
आकाश और विपुल वहा से पीटी टीचर की नजर से बचते हुए निकलने ही वाले थे की पीटी टीचर और पास लड़की के पापा जो स्कूल मे संस्कृत के टीचर थे वह आकाश पे नजर अड़ाए खड़े थे आकाश को जब पता चला कि वह उसे देख रहे है तब इसको लगा की एब तो बचना ही मुश्किल है। प्रिंसिपल सिर ने पापा को तो बुलाया ही है पर अब पीटी टीचर ये बात भी कह देगा की जगडे मे मेभी सामिल था। ओर एब आकाश फिर से होस्टल में जाके अपनी रूम में सो गया हालाकि इस बार नींद नहीं आ रही थी लेकिन फिर भी आंख बंद करके सोता रहा।
अब अचानक से रूम का दरवाजा खुला और आकाश अचानक से दरवाजा खुलने की आवाज से उठ गया,और देखा कि इसके पापा आए है ओर वह गुस्से मे थे आकाश ने उनके हाथों मे एक कागज देखा जो एल.सी. थी। आकाश की धड़कने तेज हो गई इतने मे उसको अचानक से थप्पड़ पड़ा जो इसके पापा ने उसे मारा था। ओर बोले जल्दी से बैग पैक करो, अब आकाश की कुछ बोलने की हिम्मत नहि हो रही थी ।उसने बैग पैक करना चालू किया और इतने मे इसके फ्रैंड आए स्कूल से और आकाश को पूछने लगे कि क्या हुआ तब आकाश के पापा बाहर उसका इंतजार कर रहे थे गाड़ी के पास । आकाश ने बोला स्कूल से निकाल दिया है मुझे। तब उसके फ्रेंड्स ने पूछा तुझे क्यू निकाला आकाश ने जवाब दिया मुझे नई पता। तब आकाश के फ्रैंड विपुल ने बोला की उस आरती(यह वही लड़की थी जो आकाश सोच रहा था उसका नाम आरती है)के पापा ने प्रिंसीपल सर को कहा है कि तुम उसे परेशान करते हो ओर आरती को भी उनके डर से कुछ और ही बुलवाया होगा।
तब आकाश को थोडा थोडा समझ आने लगा की क्या हुआ है , ओर उसने अपने पापा से बात करने की कोशिश की की उसकी गलती नहि है पर इसके पापा ने उसकी एक न सुनी। अब आकाश बहुत ही रो रहा था की इसके साथ बहुत ही गलत हो रहा है पर परिस्थिति ही ऐसी थी कि सब कोई उसे गलत समझ रहा था, वह रो रहा था और उसे सब समझ में भी आ गया था की उसे क्यू और कैसे उसकी गलती के बिना निकाला जा रहा है लेकिन वह वो भी सोच रहा था की आरती का क्या हुआ होगा उसके मन में कई सवाल पैदा हो रहे थे की क्या आरती ने जूठ बोला होगा अपने पापा के डर से, क्या अब में वापस यहां आ पाऊंगा या फिर नहि।
इतने में आकाश ने अपने पापा से बार बार कह रहा था की मुजे इसी स्कूल में रहना हे आपने एक सी क्यों ली है मेरी उतने में इसके पापा ने गुस्से में कहा एल सी ली नहि तुम्हें स्कूल से निकाला गया है ये बात तुम्हें क्यों समझ में नहि आ रही। एब आकाश को उसके पापा गाड़ी में बिठा के वहा से निकल चुके थे और आकाश को कुछ समझ नई आ रहा था की एब क्या करू, कैसे वापिस जाऊ, क्योंकि आकाश को इस स्कूल में ही रहना था।
आखिर क्यों आकाश को स्कूल से निकाला गया।
आकाश ओर आरती क्या एक दूसरे को जानते थे ओर जानते थे तो फॉर क्यों आकाश को निकाला जा रहा है।
ओर आकाश को आखिर क्यों इसी स्कूल में रहना हे । जानिए अगली स्टोरी में।।
क्रमशः