आकाश को अब अपने वादे के मुताबिक दोनो को सब बताना था अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में। काव्या ने भी जिद्द पकड़ी थी की अगर आकाश उसे नही बताएगा तो वो उससे बात नही करेगी। कल उसने जो फैसला लिया था, उसे पसंद नही आया था।
आकाश अपने ऑफिस का काम खतम करके आया था क्योंकि वो जानता था की उसके दोस्त अब उसकी बातो में नही आने वाले। उसके पास बताने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। आकाश सोच ही रहा था की, तभी उसके कानो में काव्या की आवाज पड़ी। काव्या ने धीरे धीरे बोलना चालू कर दिया था।
"अगर तू वापिस अपने ट्रॉमा मोड में जाने वाला है... तो कुछ मत बताना। में तुझे वापिस वैसे नही देखना चाहती।" काव्या ने कहा।
आकाश ने उसका हाथ पकड़ते हुए उसे कहा, "ऐसा कुछ नही होने वाला। I promise."
उन दोनो के बीच में बोलते हुए रॉनित ने कहा, "जब हम कॉलेज गए थे तब सबसे पहले हमें एक ऐसा सीनियर दिखा था जो पूरी तरह से देवदास मूड में रहता था। क्या उसकी वजह यही थी?"
आकाश ने हंसते हुए कहा, "हा। और मुझे पता है मेरे पास तुम दोनो को न बताने का ऑप्शन ही नहीं है। तो The secret is - umm..."
"Suspense मत बढ़ा।" काव्या ने डाटते हुए कहा।
"डॉक्टर श्रेया ही वो लड़की है।" इतना कहते ही आकाश शांत हो गया। उसके चेहरे पर मानो एकसाथ बहुत सारे भाव नजर आ रहे थे। आंख में नमी, अफसोस और कहीं न कही श्रेया से वापिस मिलने की खुशी भी।
"डॉक्टर जय इस द पर्सन।" दोनो ने साथ में कहा।
"हा.. कभी दोस्त हुआ करते थे हम तीनो। 9th to 12th. सब ठीक था, 12th की एग्जाम के बाद ही हमारा झगड़ा हुआ था। मुझे नहीं पता क्यों हुआ था। बट श्रेया को किसीने कुछ गलत कहा था मेरे बारे में, मेरे इमोशन्स के बारे में। उस दिन हमारी आखरी एग्जाम थी। हम लंच के लिए कही बाहर जाने वाले थे। As.. हम graduation के लिए कही और पढ़ने जाने वाले थे। दूसरी सिटी, दूसरी यूनिवर्सिटी तो फाइनल ही था। उस दिन में और जय कैंटीन में श्रेया का वेट कर रहे थे। She used to be perfectionist. She is best. एग्जाम खतम हो तब तक उसकी राइटिंग चलती थी। पूरा उसे करती थी टाइम का।"
10 साल पहले..
आकाश और जय स्कूल कैंटीन में बैठे हुए थे। आकाश अपने math के सवाल जय को दिखा रहा था और वो इसे बायोलॉजी के। एकदूसरे को समझा रहे थे लेकिन दोनो यह साबित करना चाहते थे की किसका पेपर ज्यादा हार्ड था। तभी थोड़ी दूर से एक लडकी ने आवाज देते हुए कहा, "बस करो दोनों।" वो श्रेया थी। जय के पास खड़े होके उसने आकाश से कहा, "तुम जय को लेके जाओ, मुझे अपनी फ्रेंड के साथ कुछ बात करनी है। आकाश बस उसे देखे जा रहा था। उसे देखके कोई भी बोल सकता था की वो श्रेया को पसंद करता था। श्रेया ने जब उसे ऐसे देखा तो आंखो ही आंखो में मानो उसने आकाश से रिक्वेस्ट करली थी और आकाश ने ना चाहते हुए उसकी बात मान ली। "तुम दोनो टेंशन मत लो, मुझे मेरी फ्रेंड drop कर देगी, बाई।" जल्दी जल्दी में दोनो से बाई बोलके वो चली गई।
जय ने थोड़ा इरिटेट होके आकाश से कहा, "ब्रो, तुम दोनो एक्सेप्ट करलो एकदुसरे को boyfriend girlfriend, क्या है ना.. में बीच में पकना नही चाहता।"
"उसने मना कर दिया तो..?" आकाश के चेहरे पर मायूसी छा गई।
"इशारो इशारों में बाते तो समझ लेते हो एकदूसरे की बाते। अब कोनसा प्रूफ चाहिए तुझे। I think वो तुझे लाइक करती है।"
आकाश में जय की आंखो में देखते हुए कहा, "थोड़ा जल्दी हों जाएगा। बैचलर्स के एक दो साल खतम हो जाने दे। फिर प्रपोज करूंगा।" इतना कहके आकाश मुस्कुरा दिया।
"जैसी तेरी मर्जी। अभी चल ले। लेट हो जाएगा।" जय ने अपनी जगह से खड़े होते हुए कहा।
कैफे
जय और आकाश दोनो कैफे के बाहर खड़े होके श्रेया का वेट कर सकते थे। तभी श्रेया अपनी दोस्त के साथ आई। उसे देखके आकाश उसकी तरफ जाने लगा।
"चल दिया मजनू, लैला की तरफ।" जय ने उसे ताना मारते हुए कहा।
श्रेया बहुत गुस्से में लग रही थी। अपनी दोस्त की साइकिल पे पीछे बैठके वो उनसे मिलने आया थी। श्रेया साइकिल से उतरके, गुस्से में आकाश की तरफ आई और आकाश उसे कुछ कहे उससे पहले श्रेया ने उसे जोर से तमाचा मारा।
अभी अभी जो हुआ था वो देखके जय के चेहरे पे हैरानी साफ दिख रही थी। आसपास ज्यादा लोग नही थे पर जो थे वो उन्हे हिंदेख रहे थे। आकाश श्रेया के ऐसे बर्ताव से खुद हैरान था।
Countinues in the next episode.....