Saat fere Hum tere - Secound - 9 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग -९

Featured Books
  • सनातन - 3

    ...मैं दिखने में प्रौढ़ और वेशभूषा से पंडित किस्म का आदमी हूँ...

  • My Passionate Hubby - 5

    ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –लेकिन...

  • इंटरनेट वाला लव - 91

    हा हा अब जाओ और थोड़ा अच्छे से वक्त बिता लो क्यू की फिर तो त...

  • अपराध ही अपराध - भाग 6

    अध्याय 6   “ ब्रदर फिर भी 3 लाख रुपए ‘टू मच...

  • आखेट महल - 7

    छ:शंभूसिंह के साथ गौरांबर उस दिन उसके गाँव में क्या आया, उसक...

Categories
Share

सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग -९

फिर दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर विक्की जोगिंग चला गया।

बिमल और अतुल उठ कर इधर उधर देखने लगें।

चाची चाचू ,जतिन माया, सपना अमन, जतिन के मम्मी पापा और दादी मां और फिर बुई और रेखा सब मिलकर अंताक्षरी का प्लान बना रहे थे।

नाश्ता करने के बाद सब एक जगह पर बैठ गए।

कुछ देर बाद विक्रम भी आ गया और फिर बोला अरे भाई यह क्या हो रहा है।

बुई ने कहा हां यही पर अंताक्षरी का प्रोग्राम होगा।

विक्की ने कहा वाह क्या बात है जल्द से मेरा गिटार ले आओ।

सपना गिटार लेकर आ गई।

विक्की ने गिटार बजा कर गाना शुरू किया। चहेरा है या चांद खिला है, जुल्फ घनेरी शाम है क्या।।।।।

य से गाना है।।टिक टिक वन टिक टिक टू।।

दादी मां ने कहा ये लाल रंग कब मुझे छोड़ेगा।ग से गाना है।।।।।।

माया ने कहा मैं गाती हुं।गाता रहे मेरा दिल तुही मेरी मंजिल।।

ल से कौन गाएगा। अतुल ने कहा लल्ला लल्ला लोरी दुध की कटोरी।।

सब हंसने लगे।

विक्की ने अब कौन।र से गाओ।

सपना ने कहा मैं गाती हुं।रेशम सी है ये हवाएं सनम,आओ जरा पास आएं सनम ।।

विक्की ने कहा वाह जागें जागे अरमान है जागे 

खुशबू हवाओ में कैसे भरे

कालिया है शर्मंती है क्या करे क्या पता

है ये क्या शर्म है या साजा

क्यूं है बेटाबिया, इंतजार एक जरा

इक पल की भी दूर तो अब है सीताम

जाएंगे जाने अरमान जाने है, जाने

जाएंगे है , जागे हम चुप रहना


चाहा था रे न खातिर

फिर भी जो कहना था कह न

खातिर भी दो, कह भी दो तुम्हारे है हम, है तुम्हारी कसम जाएंगे, जाएंगे अरमान है, जाएंगे जाएंगे हम,।


सब ताली बजाने लगे।

चाची ने कहा चलो अब सब खाना खाने चले।

फिर सब बैठ कर खाना खाने लगे और फिर सब बातें करने लगे।

अमन ने कहा कि हालिऊड मुवी देखने चले।

विक्की ने कहा हां हम सब चलेंगे। चाची ने कहा हम नहीं जाएंगे।

अतुल बिमल, माया जतिन, सपना अमन, विक्की ने कहा।।

फिर सब थोड़ी देर के लिए आराम करने लगे और फिर शाम होते ही सब तैयार हो कर नीचे पहुंच गए।।

अमन ने धीरे से सपना के कान में कहा पर सपना को गुस्सा आया और वो उसको मारने लगी।।

माया ने कहा अरे बाबा ये क्या हो रहा है लड़ाई किस बात की?

विक्की ने कहा अरे दीदी आप समझा करिए ये तो लव बर्ड्स है ना तो इनको प्राइवेसी नहीं मिल रही है।

अमन ने हंसते हुए कहा हां और क्या कोई समझ नहीं रहा है।

विक्की ने कहा हां ठीक है तुम लोग लव स्टोरी देख लेना हम फाइटिंग देख लेंगे।

जतिन ने कहा ओके।।

फिर सब मल्टी पेलक्स में पहुंच गए। अमन ने जल्दी से टिकट बुक किया और फिर दोनों ।।


जल्दी से चलें गए।

विक्की ने कहा अब चलो।

फिर सब मिलकर मुवी इन्जाय किया और फिर घर वापस आ गए।

सपना और अमन में लड़ाई होने लगी विक्की ने कहा अरे बाबा अब क्या हुआ इश्क विश्क नहीं हुआ क्या?

अमन ने कहा अरे मैं बताता हूं आपको।

फिर सब सोने चले गए।

माया को विक्की के दादाजी ने बुलाया और कहा कि मैं बहुत चिंता में हुं सोच रहा हूं कि विक्की की शादी करवा कर मैं चैन से मर पाऊं।

माया ने कहा मैं समझ सकती हुं दादाजी नैना ने ऐसा क्यों किया?

दादाजी ने कहा नैना की कोई गलती नहीं है मुझे उससे कोई शिकवा शिकायत नहीं है। दादी मां की वजह से वो चली गई और फिर दादी मां को जब अपनी गलती का एहसास हुआ तो वो चली गई। और अंतिम इच्छा बताई।पर हम नैना को कहा ढुंढे।

अब एक रास्ता है विक्की के बचपन की सहेली संजना को बुलाओ।

ये तुम कर सकती हो।

माया ने कहा हां संजना भाई की पसंद थी।

दादाजी ने कहा दोस्ती में प्यार हो जाता है पर संजना ने विक्की को कहा था पर विक्की ने नहीं किया था तो वो भी रूठ कर चली गई।

अब तुम लोग उसे वापस ला सकते हो। विक्की को अपने दोस्त की जरूरत है और हां विक्की बहुत आत्म सम्मान वाला है उसे कभी पता नहीं चलना चाहिए कि तुम लोग ने ये किया है।

माया ने कहा अच्छा संजना कब गई थी?

दादी दादाजी ने कहा वो जब कालेज में थे आज से तीस साल पहले।।

माया ने पूछा क्या नम्बर है? दादाजी ने कहा हां विक्की की लाल डायरी में होगा।

माया ने कहा हां ठीक है मैं पुरी कोशिश करती हुं कि किसी तरह से वो डायरी हाथ लग जाएं और उसके बचपन का दोस्त ही उसका प्यार हो क्या पता?

दादाजी ने कहा मुझे भरोसा है तुम पर।

माया ने कहा हां ठीक है मैं भी अपनी जान लगा दुंगी क्या संजना की तस्वीर है?

दादाजी ने कहा हां विक्की की वहीं लाल डायरी में होगा।

और हां कल विक्की फार्म हाउस जा रहा है हर साल की तरह इस साल भी जाएगा और शायद तुम सब को ले जाएं पर तुम मत जाना बेटा।

माया ने कहा हां आप बिल्कुल चिंता मत करिए मैं सब देख लुंगी। और फिर बोली अच्छा संजना के परिवार में कोई।

दादाजी ने कहा नहीं वो अनाथ थी।

फिर माया ने कहा हां ठीक है मैं चलती हूं।

फिर माया ने मन ही मन थान लिया कि अब तक विक्की ने सब कुछ किया अब मेरी बारी है।।


फिर बाहर सब बात कर रहे थे और विक्की सबको अपना फार्म हाउस दिखा रहा था वो भी प्रोजेक्ट्स पर।।

सबने कहा अरे वाह क्या बात है चलो चलते हैं।

विक्की ने कहा हां कल चलते हैं सब।।

माया ने कहा हां सब जाओ पर मैं नहीं जा रही हुं मैं दादाजी के साथ रहुंगी।

जतिन ने कहा अरे क्या बात है मेरी जान।

माया ने इशारे किया तो जतिन चुप हो गया।

चाची ने कहा हां ठीक है हम सब जाएंगे।बुई ने कहा हां मैं भी जाऊंगी।

विक्की ने कहा हां सब पैकिंग शुरू कर दिया जाएं।

तीन चार दिन के लिए बस।।

अमन ने कहा हां मैं भी सपना को बोलता हूं। सपना ने कहा मेरा सब पैकिंग हो गया है।

सब हंसने लगे और फिर माया ने कहा जतिन तुम मम्मी पापा को लेकर जाओ।।


दादी मां ने कहा मैं भी नहीं जा रही हुं।

माया ने कहा हां ठीक है मैं भी नहीं जा रही हुं।।।


फिर सब पैकिंग करने में लग जाते हैं और फिर माया जतिन को ले जाकर सारी बात बता देती है।।

दूसरे दिन सुबह सब जल्दी नाश्ता करने के बाद निकल गए फार्म हाउस।।

अब माया धीरे से विक्की के रूम में जाकर अलमारी खोली और फिर खोजने लगी।


बहुत देर तक खोजने के बाद एक लाल डायरी दिखा तो माया ने वो डायरी निकल लिया और फिर वहां पर बैठ कर पन्ने पलटते हुए देखा संजना के बारे में बहुत कुछ लिखा हुआ था और फिर उसे उसका नम्बर मिला।।

माया ने जल्दी से अपने मोबाइल पर संजना का नम्बर ले लिया और फिर डायरी को वापस वहां रख कर विक्की के रूम से सीधे अपने कमरे में जाकर बैठ गई और फिर नम्बर मिलकर देखा तो रिंग गया पर कोई उठाया नहीं।

फिर एक बार मिलाया और फिर वहां से आवाज आई हेलो।

माया ने कहा हां संजना?

वहां पर से आवाज आई हां बोल रही हूं आप कौन?

माया ने हिम्मत दिखाई और फिर बोली कि तुम मुझे नहीं पहचानती पर मैं तुम्हें पहचान गई।

संजना हंसने लगी और फिर बोली अरे आप कौन?

माया ने कहा मैं माया हुं विक्रम सिंह शेखावत की दीदी।

संजना ने कहा कौन विक्रम सिंह?

माया ने अब कहा अरे विक्की तुम्हारे बचपन का साथी।।

संजना ने कहा विक्की ओह।

संजना ने कहा पर आपको मेरा नम्बर।।

माया ने कहा प्लीज़ फोन मत काटो।

संजना ने कहा आप को क्या चाहिए मुझसे?

माया ने कहा देखो संजना विक्की को एक सच्चे दोस्त की जरूरत है तुम उसके बचपन की दोस्त हो और फिर तुम जितना उसे जानती हो समझती हो उतना कोई भी नहीं।

संजना ने कहा मुझे नहीं लगता मैं कुछ कर सकती हूं।

माया ने कहा अरे ऐसा मत कहो मैं चाहती हूं कि तुम एक बार यहां आओ। अमेरिका में।

संजना ने कहा आप कितना जानती है मेरे और विक्कू के बारे में।

माया ने कहा मुझे इतना पता है कि एक सच्चा दोस्त वहीं होता है जो मुसीबत के समय उसका साथ दे।

संजना ने कहा हां ठीक है आप क्या चाहती है।

माया ने कहा बस इतना ही कि विक्की को बचा लो।

एक दोस्त ही सब कुछ ठीक कर सकता है।

संजना ने कहा पर हुआ क्या है?

माया ने कहा देखो मैं फोन पर नहीं बता सकती पर जितना जल्दी हो सके आ जाओ।

संजना ने कहा मैं दो दिन बाद आ सकती हुं।

माया ने कहा सच मैं विश्वास कर सकती हूं।

और फिर तुम कहां हो?

संजना ने कहा शिकागो में हुं।

माया ने कहा ओके मैं सब कर लूंगी।

संजना ने कहा ठीक है मैं एयर टिकट बना लेती हुं।

माया ने कहा हां ठीक है चलो।

माया ने जतिन को फोन करके पूछा कि पहुंच गए।

जतिन ने कहा हां यार तुम को मिस कर रहे हैं सब।।

माया ने सब कुछ जाकर दादा जी को बताया और कहा कि संजना आ रही है।

माया ने कहा दादाजी मैं भी देखती हूं। विक्की गुस्सा करता है या नाटक करता है।

दादाजी ने कहा हां ठीक है मैं बहुत खुश हुं।

माया ने पैर छुए और फिर बोली कि

आप लोग के लिए जो जरूरी।


अब क्या माया ला पाएगी विक्की का खोया हुआ प्यार।।

जानने के लिए अगला अध्याय जरूर पढ़ें।

क्रमशः