Dhokha ya Ishq - 1 in Hindi Moral Stories by aruhi books and stories PDF | धोखा या इश्क - 1

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धोखा या इश्क - 1

एक लड़का ,,,,एक लड़की का गला दबाते हुए,,,,उसे दीवार से लगा देता है,,,,,और गुस्से से उसे घूरते हुए ,,,,,स्नेहा तुमने सही नहीं किया ,,,,,,जब तुम्हें मुझसे प्यार था ही नहीं,,,,तो मुझसे शादी क्यों की ,,,,,यह सब नाटक क्यों,,,,,,यह कहते हुए ,,,,उसे लड़के की आंखों में नफरत साफ देखी जा सकती थी,,, 
और वही वह लड़की अपनी आंखों में बगैर किसी इमोशन के  ,,,अपने पति रियांश को देखे जा रही थी,,,,,लेकिन वह एक लफ्ज़ भी रियांश को कुछ नहीं कहती,,, 
और वही रेयांश एक झटके में स्नेहा को खुद से दूर झटक-उसे जमीन पर गिरा देता है,,,,और फिर गुस्से से उसे घूरते हुए,,,,,तुम्हारी औकात सिर्फ जमीन पर है ,,,,तुम्हें  घटिया लड़की हो ,,,,

तुमने शादी सिर्फ मुझसे इसलिए की ,,,,,ताकि तुम्हें ,पैसे मिल सके,,,,सच कहा है,,,लड़कियां होती ही धोखे बाज है,,,,,,पैसे के लिए मुझ पर,,,,,,यह कहते हुए ,,,,,वह गुस्से से अलमारी के पास जा,,,,,,उसमें से नोटों की गड़ी निकाल ,,,,,स्नेह के ऊपर फेंकते हुए,,,,

अरे एक बार कह कर तो देखो,,,,,इसे दूगना पैसा ,,,,मैं तुम्हारे मुंह पर दे मार सकता,,,,,,,लेकिन मुझे धोखा देने का सोचा क्यों ,,,,,,कौन है वह राहुल ,,,,,,तुम्हारा पहला प्यार ,,,,,जिसके लिए ,,,,,तुमने मुझसे शादी की,,,,,,,ताकि तुम मुझे इस्तेमाल कर,,,,,,अपने बॉयफ्रेंड को अमीर कर सकूं,, 

और फिर रेयाश नीचे झुक,,,स्नेहा को दोबारा गुस्से से उठाते हुए,,,,,तुम जैसी लड़कियां होती है ऐसी ,,,,कुछ पैसों के लिए खुद का इमान,,,और खुद को भी बेच सकती हैं ,,,,,उसका इतना ही कहना था ,,,,,कि स्नेहा की आंखों में,,,,,,इकट्ठे हुए आंसू,,,,,उसके गालों से होते हुए जमीन पर जा गिरते हैं ,,,,

जिसे देख रेयांश गुस्से से स्नेहा को घूरते हुए,,,,अब यह मगरमच्छ के आंसू,,,,मेरे सामने बहाना बंद करो ,,,,,क्योंकि इसका असर मुझ पर नहीं होने वाला ,,,,और ,,,राहुल को ही ,,,,अपने ये घड़ियाल आंसू दिखाना ,,,,मुझे नहीं

यह कहते हुए वह,,,,आब भी स्नेहा को घूर रहा था ,,,,,कि तभी स्नेहा गुस्से से,,,,,रेयांश को खुद से दूर करते हुए,,,,हां सही कहा ,,,,,मैं तुमसे प्यार नहीं करती थी,,,,,,तुम प्यार के लायक ही नहीं हो,,,,सुना तुमने,,,,

मुझे तुमसे कभी मोहब्बत नहीं थी,,,,,मैं सिर्फ और सिर्फ नाटक की थी ,,,,,ताकि तुम्हारे पैसों पर राज कर सकूं ,,,,,और सही कहा,,,,राहुल मेरा बॉयफ्रेंड है उससे मैं बहुत प्यार करती हूं ,,,इतना कि मैं उसके लिए जान तक दे सकती हूं ,,,,,सुना तुमने ,,,,,या कहते हुए स्नेहा जल्दी से अपने आंसुओं को साफ कर ,,,मुस्कुरा उड़ती है,,, 

और हां सोचना मत रेयांश की यह मेरे आंसू ,,,,,  तुम्हारे लिए ,,,,,कभी नहीं,,,,और हां मिस्टर रेयांश अपने हद में रहो ,,,,,क्योंकि तुम्हारी कोई औकात नहीं ,,,,कि तुम मुझे मेरी औकात दिखा सको,,,,,,सुना तुमने,,,,,नहीं था मोहब्बत इसीलिए तो छोड़ रही हूं ,,,,,,मैं तुम्हें भेज रही हूं डाइवोर्स पेपर ,,,,,कर देना उस पर साइन ,,,,,यह कह,,,,वह मुस्कुराते हुए,,,,स्नेहा वहां से चली जाती है,, 

और वही रेयांश स्नेहा को अपने घर से जाता देख ,,,,उसकी आंखों में गुस्सा साफ नजर आ रहा था,,,,,जिससे वह उसी तरह ,,,स्नेहा को देखते हुए ,,,,तुम तुम्हें कभी माफ नहीं करूंगा ,,,,,,यह धोखा तुम्हें जरूर महंगा पड़ेगा,,,,,,तुमने मुझे धोखा दिया,,,,,मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं ,,,,,तुम्हें बर्बाद करके रख दूंगा,,,,,

किसके लिए मुझे धोखा दिया,,,उस राहुल के लिए,,,,देखो अब मैं तुम्हारे,,,और उस राहुल के साथ,,,क्या करता हूं,,, 

यहां कहे वहां किसी को फोन करता है ,,,,और ऐसे ही 3 दिन बीत जाता है,,,,,इस वक्त रेयांश अपने घर में बैठा था,,,,,कि तभी स्नेहा उसके घर में आती है,,,,

और फिर गुस्से से रियांश को देखते हुए,,,तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई राहुल के साथ ऐसा करने की ,,,,,तूम्हे  जलन हो रही थी,,,,,,तुम मुझसे बदला लेते हैं,,,,

राहुल को बीच में क्यों लाये रेयांश,,,,,उसे छोड़ दो ,,,और उसे जेल से निकालो,,रेयांश ,,,,,उस पर तुमने झूठा इल्जाम लगाकर ,,,सही नहीं किया ,,,,,तुम्हें मुझसे प्रॉब्लम है ना ,,,,मुझसे बदला लो,,,,,मुझे कहो,,,,लेकिन उसे मत कहो 
,,,,
और वही रेयांश तो बस स्नेहा को देखी जा रहा था,,,,,आज स्नेहा बहुत अलग लग रही थी ,,,,,,एकदम कमजोर सी,,,,उसकी आंखें भी डार्क सर्कल ,,,,,और उसके चेहरा भी पिला नजर आ रहा था ,,,,,,लेकिन स्नेहा की बातें सुन,,,,,वह अपने इन सभी सोच ,,,,,और अपनी नजरों को स्नेह से हटा ,,,,,गुस्से से घूरते हुए ,,,,,

,क्या हुआ तकलीफ हो रही है,,,,,खुद के प्यार को तकलीफ में देखकर,,,,,तो सोचो मुझे कितनी तकलीफ हुई होगी,,,,,तुम्हारे उस धोखे से,,,,,,,नहीं छोडूंगा ,,,,,,,अब तुम्हारी बारी है बर्बाद होने की ,,,,,,फैशन इंडस्ट्री चलाती हो ना,,,,,,देखो उस कैसे में आसमान से,,,,जमीन पर लाता हूं,,,,, 
यह कह रियांश जोर-जोर से हंसने लगता है,,,,,,और वही स्नेहा रेयांश को घूरते हुए ,,,,,रियांश बस तुम्हें जो करना है मेरे साथ करो ,,,,,लेकिन राहुल को छोड़ दो,,,,,वरना तुम्हें ही बाद में ,,,,तकलीफ होगी ,,,,,यह कहे स्नेहा ,,,,वहां से चली जाती है