Bandhan ( A dignity ) - 4 in Hindi Love Stories by Shalini Chaudhary books and stories PDF | बंधन (एक मर्यादा) - 4

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बंधन (एक मर्यादा) - 4

जय श्री कृष्णा 🙏


ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने,

प्रणतः क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः।



हे फैमिली कैसे है सब ? आशा है की आप सब ठीक होंगे और आपका परिवार भी खुश और स्वस्थ होगा। आप सब से रिक्वेस्ट है की कहानी को ज्यादा से ज्यादा प्यार दे, लाइक कर और ढेर सारा कॉमेंट करे🤗 लव यू ऑल ❤️


अब बिना देर के चलते है कहानी के ओर..... 

दिल्ली ( गुड़गांव ) 

Bhargav's corporate

करण, राजवीर को ऐसे खोया हुआ देखता है तो उसके चेहरे के सामने हाथ हिलाते हुए बोलता है।

करण ( राजवीर के सामने हाथ हिलाते हुए ) " ओ भाई कहां खो गया ?" 

अज्ञेय ( हस्ते हुए ) " भाभी के यादों में खो गया क्या ? लेकिन कितना भी खो ले वो मिलेंगी शादी के बाद ही।" 

अज्ञेय के बात पर करण भी हंस पड़ता है।

राजवीर ( खोए हुए ) " नही बंधन के याद में खोया हूं।" 

राजवीर के बात पर करण और अज्ञेय दोनो हैरान रह जाते है, क्योंकि आज से पहले राजवीर के मूंह से किसी और लड़की का नाम नहीं सुना था।

करण ( सीरियस हो कर ) " राज ! कौन है ये बंधन ?"

राज ( लंबी सांस लेते हुए ) " मेरी बहन।"

राज के जवाब पर करण की सांस में सांस आती है, वो परेशान हो गया था, क्योंकि राज के साथ उसकी बहन रिलेशन में थी।

अज्ञेय ( राज से ) " पर तेरी तो कोई बहन नही है !"

राज ( अज्ञेय से ) " छोटी बुआ की बेटी है, कभी यहां नही आई है इसलिए तुम लोग नही जानते हो ! मेरी बस फोन से ही बात होती है।"

अज्ञेय ( फाइल का पेज पलटते हुए ) " कोई परेशानी है क्या उसे ? जो तू इतना परेशान है।"

करण भी बड़े गौर से राज को देख रह था।

राज ( दोनो को देखते हुए ) " नही एक्चुअली मेरी ओर उसकी किसी बात पर लड़ाई हो गई थी, तो मैने उसे बोल दिया था की मेरा और उसका रिश्ता खत्म ! लेकिन एक वीक पहले ही मुझे पता चला की वो सही थी, अब उससे बात कैसे करूं ? ये परेशानी है।" 

अज्ञेय ( राज से ) " हां तो बुआ की बेटी है ना, तो छोड़ ना।"  

राज ( अज्ञेय से ) " उससे अगर एक दिन बात न करूं तो मेरे लिए जीना मुश्किल हो जाता है ! और मै तो कई महीनो से उससे बात नही कर रहा। और हां है तो बुआ की ही बेटी वो भी ऐसी जिससे फेस टू फेस मिले कई साल हो गए लेकिन फिर भी वो लड़की इतनी प्यारी है की क्या बताऊं ?" 

करण ( हस्ते हुए ) " बहन होती ही प्यारी है ! और तू इतना मत सोच सीधा फोन कर ले।" 

करण के कहने पर राज अपना फोन निकाल कर बंधन को कॉल करता है पहली रिंग पूरी होने पर कॉल डिस्कनेक्ट हो जाता है, ऐसे ही वो कई बार कॉल करता है लेकिन कॉल रिसीव नहीं होता है।

अज्ञेय ( अपना फोन देते हुए ) " इस नंबर से कॉल कर उठा लेगी।" 

राजवीर अज्ञेय का फोन ले कर कॉल करता है, लेकिन इस बार भी कॉल डिस्कनेक्ट हो जाता है, राजवीर उदास हो जाता है।

करण ( पानी देते हुए ) " पहले पानी पी ! और थोड़ी देर रुक कर कॉल कर फिर उठा लेगी अनोन नंबर देख कर।" 

राजवीर पानी पी लेता है लेकिन उससे रुका नही जा रहा था, बड़ी मुश्किल से पांच मिनट ही बीते होंगे की राज जल्दी से फोन उठा कर फिर से बंधन के नंबर पर कॉल करता है। दो से तीन रिंग में ही कॉल रिसीव हो जाती है। अज्ञेय, राज से कॉल स्पीकर पर करने के लिए कहता है, राज कॉल स्पीकर पर करता है। तो फोन के दूसरे तरफ से बड़ी प्यारी सी आवाज आती है।

बंधन ( फोन पर ) " हैलो, हैलो कौन है ?" 

राज ( कांपते आवाज में ) " बच्चा।" 

बंधन ( एक्साइटिंग टोन में ) " भाई ...... शश्श्..... "

राज ( परेशानी से ) " क्या हुआ ?" 

बंधन ( डांटते हुए ) " जो हुआ आपके वजह से हुआ, आप की आवाज सुन कर मै इतनी खुश हो गई और इतना जोड़ से बोली की आस पास के सारे लोग अब मुझे घूर घूर कर देख रहे है जैसे मै कोई एलियन हूं।" 

राज ( परेशान होते हुए ) " बच्चा तू घर से बाहर है, अकेले। केशव कहां है ?" 

बंधन ( शांत कराते हुए ) " भाई.. भाई पहले आप रिलैक्स हो जाओ मै न क्लास खतम करके घर जा रही हूं, और केशव स्कूल गया हुआ है। और वैसे भी आपकी बहन कोई हुस्न परी नही है जो सारा जमाना मुझे ही किडनैप करने के लिए बैठा है।" 

सब शांति से बंधन की बात सुन रहे थे, सबके चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई थी।

राज ( हस्ते हुए ) " वैसे भी जो तुझे किडनैप करेगा वो वापस वही छोड़ जायेगा जहां से ले गया होगा।" 

बंधन ( जोड़ देते हुए ) " करे..क्ट ! " 

राज कुछ बोलने को होता है की तभी बंधन की आवाज आती है, जो उधर बात कर रही होती है।

बंधन ( गोलगप्पे वाले से ) " भैया जरा एक प्लेट फुचका दीजिए, और हां बिल्कुल वैसी ही तीखी बनाना जैसी आपकी एक्स थी।" 

गोलगप्पे वाले की आवाज आती है जो कह रहा होता है "पर मेरी तो कोई एक्स ही नही है।" गोलगप्पे वाले की बात कर बंधन आंखे रोल करते हुए !

बंधन ( क्यूट सी आवाज में ) " अरे एक्स नही है तो वाई के जैसी बना दो।" 

गोलगप्पा वाला ( बंधन से ) " अरे बिटिया लो तुम खाओ और मुझे परेशान मत करो।" 

बंधन ( गोलगप्पे वाले से शरारती अंदाज में ) " अरे ठीक है आज आपको परेशान नहीं करूंगी क्योंकि आज मै अपने भाई को परेशान करूंगी।" 

गोलगप्पे वाला ( लंबी सांस लेते हुए ) " चलो आज तो जान बची मेरी।" 

बंधन ( फोन पर राज की नकल करते हुए  ) " वैसे भाई आपको पता है कोई था जिसने मुझे कहा था की। मै तुझसे सारे रिश्ते खत्म करता हूं, आज के बाद कभी फोन नही करूंगा, ब्ला ब्ला ब्ला !" 

राज ( करण और अज्ञेय का मूंह देखते हुए ) " सॉरी।" 

बंधन ( मूंह बनाते हुए ) " वैसे आपने कॉल किया मतलब मै चैलेंज जीत गई।" 

राज कुछ बोलता उससे पहले ही फिर से बंधन की आवाज आती है।

बंधन ( गुस्से से ) " अरे भैया तब से बोल तो रही हूं की पांच दे दो। ( थोड़ी देर रुक कर ) मै ही खाऊंगी पांचों, पांच आइसक्रीम खाना कोई बड़ी बात है क्या ?" 

राज ( गुस्से से ) " दांत में कीड़े लग जायेंगे इतना मीठा खायेगी तो।" 

तो आगे क्या होगा इस कहानी में ? क्या बंधन की चुलबुलाहट कर पाएगी राज के मूड को हल्का ? जानने के लिए बने रहे बंधन ( इक मर्यादा )।

मेरे मन की बात

हां तो फैमिली कैसा लगा आज का पार्ट ? कॉमेंट में बताइए और अगर पसंद आया तो लाइक करें ❤️ कॉमेंट करे और शेयर करे अपने जैसे नॉवेल लवर्स के साथ और अपनी फैमिली को बड़ा करे ये आपकी भी जिम्मेदारी है 🙂 और अगर हो कोई सजेशन कहानी से रिलेटेड तो कॉमेंट में बताइए आपके सजेशन का तहे दिल से स्वागत है 🙏 लव यू फैमिली ❣️❣️❣️

✍️ शालिनी चौधरी