My Devil Hubby Rebirth Love - 27 in Hindi Love Stories by Naaz Zehra books and stories PDF | My Devil Hubby Rebirth Love - 27

Featured Books
  • सनातन - 3

    ...मैं दिखने में प्रौढ़ और वेशभूषा से पंडित किस्म का आदमी हूँ...

  • My Passionate Hubby - 5

    ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –लेकिन...

  • इंटरनेट वाला लव - 91

    हा हा अब जाओ और थोड़ा अच्छे से वक्त बिता लो क्यू की फिर तो त...

  • अपराध ही अपराध - भाग 6

    अध्याय 6   “ ब्रदर फिर भी 3 लाख रुपए ‘टू मच...

  • आखेट महल - 7

    छ:शंभूसिंह के साथ गौरांबर उस दिन उसके गाँव में क्या आया, उसक...

Categories
Share

My Devil Hubby Rebirth Love - 27




 1घंटे बाद

रुद्र रूही के कमरे में आया रूही जो मोबाइल चला रही थी उसने जैसे ही अपने कमरे में किसी आहट सुनी दरवाजे की तरफ देखा तो रुद्रा खड़ा हुआ था उसका एक हाथ पेंट की जेब में था और दूसरा हाथ से दरवाजे को लॉक कर रहा था

                   


रूही रूद्र को देखकर जल्दी से बैठकर नीचे उतरी और कहा तुम यह क्या कर रहे हो और तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरे कमरे में आने की मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी रुद्रा दरवाजा लॉक करके रुही के पास आया

रूही रूद्र को अपने पास आते देख जल्दी से बैड‌‌ के दूसरी तरफ भागी रुद्र ने रूही को फिर भागते देखा उसने अपनी गर्दन पर हाथ फेरा और रूही को गुस्से में कहा तुम कब तक मुझे भगोगी तुम्हारे समझ में नहीं आता मुझे दूर नहीं जा सकती लेकिन तुम्हें बहुत शौक है

ना भागने का अब भाग कर कहां जाओगे अपनी फैमिली को छोड़कर  रूही तो तुम मेरा पीछा क्यों नहीं छोड़ देते मैं तुम्हारे साथ नहीं रहना  चाहती तो चले क्यों नहीं जाते मुझसे दूर क्यों हर बार तुम मुझे परेशान करने आ जाते हो रुद्र रूही की बात सुनकर गुस्से में रूही की तरफ बड़ा रुही रूद्र को अपने पास आता देख जो भागने की कोशिश कर रही थी

लेकिन रूद्र ने उसका हाथ पकड़ कर कमर से लगा दिया और उसके चेहरे के पास अपना चेहरा लाकर कहा मैं परेशान कर रहा हूं तुम्हें या तुम मुझे परेशान कर रही हो तुम जानते भी हो एक महीने मेरे ऊपर क्या विती है तुम्हें पागलों की तरह हर जगह ढूंढा लेकिन तुम तो यहां अपना नाम पहचान बदल कर रह रही थी और किया कह तूमनें मैं तुम्हें परेशान कर रहा हूं

तुम मुझे परेशान कर रही हो अपने दिल की तरफ इशारा कर कर यहां बहुत तकलीफ होती है जब तुम मुझसे दूर जाती हो जितने दिन तुम मुझसे दूर रही तुम जानती हो मुझ पर क्या  बीती होगी कितनी तकलीफ हो रही थी मुझे तुम्हें बता भी नहीं सकता हर वक्त तुम्हारा ख्याल आता था जब भी तुम्हें अपने दिमाग या दिल से निकलने की कोशिश की तभी तुम मुझे आके परेशान करती थी

और तुम कहती हो मैं तुम्हें परेशान कर रहा हूं तुम मुझे परेशान कर रही हो हां मानता हूं मैंने तुम्हें कभी खुशी नहीं दी लेकिन अब मैं तुम्हें हर वो खुशी देना चाहता हूं जो तुम डिजर्व करती हो तुम्हें हमेशा अपने पास रखना चाहता हूं रूही जो रुद्र की बात सुन रही थी उसने रूद्र को धक्का दिया और कहा नहीं चाहिए मुझे कोई खुशी नहीं रहना

मुझे तुम्हारे साथ मुझे बस अपनी फैमिली के साथ रहना है मैंने नहीं कहा था तुम्हें मेरे बारे में सोचो मुझे बस तुमसे दूर रहना है जैसे ही रूद्र ने रूही की बात सुनी उसने गुस्से में रुही को खींचा जिससे रूही रुद्र के सीने से लग गई रूद्र ने रूही के पीछे से बाल पकड़े और अपने चेहरा  रुही के चेहरे के पास लाकर काह नहीं रह सकती

तुम मुझसे दूर नहीं मैं तुम्हें अब रहने दूंगा चाहे तुम अपनी मर्जी से मेरे पास रहो या जबरदस्ती से लेकिन रहना तुम्हें अब मेरे पास है और अब भागने की तुम सोचना भी मत यहां कहकर रूद्र ने रूही की गर्दन पर काट लिया रुद्र के काटने से रूही कि चिक निकल गई उसने छुटने के लिए कोशिश की लेकिन रूद्र ने अपने दांत रुही के गले पर और गढ़ा दिए जिससे रूही की आंखों में आंसू आ गए रूही प्लीज छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है

रुद्रा ने रूही की बात सुनकर उसने रूही के गले पर अपने होंठ फिराने लगा फिर वहां पर किस करके रूही की तरफ देखा उसने उसकी आंखों में से आंसू पहुंचे और कहां वाइफी अगर तुम नहीं चाहती कि मैं इससे आगे बढ़ो तो तुम मुझसे दूर जाने की सोचना भी  मत यह कहकर जहां काटा था वहां पर हाथ से सहलाने लगा रूही जो रुद्र के ऐसा करने से उसने अपनी आंखें बंद कर ली थी  लेकिन जल्दी होश में आई और रूद्र को धक्का दिया और वॉशरूम में भाग गई

Cantinue