dimagi shhmta avm vaccine in Hindi Science by Chandra Prakash Patsariya books and stories PDF | दिमागी क्षमता एवं बैक्सीन

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दिमागी क्षमता एवं बैक्सीन

 दिमागी क्षमता बढ़ाने के उपाय क्या है


वैज्ञानिकों ने दिमाग पर शोध करके यह निष्कर्ष दिया है, कि जब आप सही निर्णय लेने में असमर्थ हो जायें, आपकी याददास्त कम हो जाये तो समझिये आपका मस्तिष्क काम नहीं कर रहा है, यानी कि मानसिक दक्षता में कमी आ चुकी है। ऐसे में अपनी क्षमता बढ़ाने के लिये आपको संतुलित आहार लेना, मनपसंद गीत संगीत सुनना, नये रुचिकर विषय में पढना चाहिये। इससे डोपामाइन कैमीकल निकलता है जो दिमाग को स्वस्थ बनाता है व्यायाम और योग भी आपकी दिंमागी क्षमता बढ़ाता है किन्तु छः घंटे से कम या आठ घंटे से अधिक समय की निद्रा आपकी क्षमता में कमी लाती है सोने से पहले चिन्ताग्रस्त न हों, डरावनी, तनाव भरी घटनाओं प्रसंगों से बचें, गाढ़ी निद्रा लें।दिमाग की क्षमता बढ़ाने के लिये आप नई तकनीकें क्विज, प्रतियोगिता, सामाजिक समस्याओं, चुनौतियों को समझकर उनका हल निकालें। गणितीय पहेलियों का अभ्यास करें।वैज्ञानिक शोध में यह निष्कर्ष मिला है कि नियमित मंत्र जाप या मेडीटेशन भी दिमाग को स्वास्थ्य प्रदान कर मानसिक दक्षता में वृद्धि करता है।[24/08, 9:20 am] Raj Narayn Ji Bohre: 2बीमारियों की उत्त्पत्ति का कारण क्या है?जब हमारा शरीर काम करना बंद कर देता है हमारी भूख प्यास भोजन पाचन आदि क्रियायें मंद पड़ जाती हैं अंगों में शिथिलता बुखार, दर्द, कमजोरी और निष्क्रियता आ जाती है। तब हम बीमार कहलाते हैं। यह स्थिति अचानक नहीं होती इसके कारण इस प्रकार हो सकते हैंपहला कारण है हमारे भोजन में पौष्टिक तत्त्व जैसे विटामिन 'ए' की कमी से दृष्टि मंदता रोग उत्पन्न हो जाता है प्रोटीन कैल्सियम आदि की पौष्टिक तत्त्वों की कमी से उत्पन्न विविध रोग 'अभाव रोग' कहलाते हैं।दूसरा कारण जीव संक्रमण है जिसमें जीवाणु बैक्टीरिया के द्वारा होने वाले क्षय, हैजा, कोढ़, काली खाँसी, निमोनिया, टाइफाइड आदि 'जीवाणु रोग' है।जीवाणु की तरह ही सूक्ष्म जीव वाइरस (विषाणु) हैं जो खसरा, चेचक, फ्लू, हर्पीज, पोलियो आदि रोगों का कारण बनते हैं।सूक्ष्म परजीवी अमीवा के कारण भी मलेरिया, पायरिया, आंत रोग उत्पन्न होते हैं।तीसरा कारण 'असंक्रामक रोग', मस्तिष्क आघात, कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग, थायराइड रोग है।चौथा कारण कुछ आकस्मिक रोग जैसे चोट लगना, दुघर्टनावश हाथ पैर हड्डी टूट जाना, अंग नष्ट होना आदि आकस्मिक रोग हैं।कुछ रोग 'फूडपाइजनिंग', और मिलावटी अपमिश्रित खाद्य पदार्थ के सेवन से या प्रदूषित पर्यावरण के कारण पनपते हैं। अतिभोजन, अल्पभोजन, चिन्ता, निद्रा की कमी भी रोग उत्पति का कारण है।[24/08, 9:20 am] Raj Narayn Ji Bohre: 3गंभीर रोगों से वैक्सीन कैसे बचाती हैं?वैक्सीन ऐसी सुरक्षात्मक औषधियाँ हैं जो विशिष्ट प्रकार के रोगकारक से हमारी रक्षा करती हैं।वैज्ञानिकों की गहन खोज से हमने जाना है कि गम्भीर प्राणलेवा बीमारियाँ, सूक्ष्म जीवों जैसे जीवाणु, विषाणु, अमीबा, आदि से उत्पन्न होती है। इन बीमारियों, खसरा, मीसल्स, पोलियो, टिटनेस, आदि के कारण असंख्य बाल शिशु, प्रौढ़ पुरुष मृत्यु के शिकार बन जाते हैं। इनसे बचने के लिये औषधि रुप में जो पदार्थ लेते हैं वे पदार्थ रोगवाहक विषाणु या जीवाणु से ही लिये जाकर वैक्सीन तैयार की जाती है वैक्सीन में परिरक्षी रसायन होते है जिसके कारण प्रतिरक्षी तंत्र तेजी से काम करता है। -वैक्सीन शरीर पर रोगवाहक के आक्रमण होते ही शरीर के प्रतिरक्षी तंत्र को एन्टीबॉडी के निर्माण हेतु प्रेरित करता है। और तब रोगी मनुष्य के शरीर में रोगाणु और एन्टीबाडीज का संघर्ष होता है और रोगाणुओं का बिनाश हो जाता है।बच्चों को दी जाने वाली डी.पी.टी. वैक्सीन एक समय में डिप्थीरिया, काली खाँसी और टिटनेस जैसी बीमारियों से रक्षा करती है।[24/08, 9:20 am] Raj Narayn Ji Bohre: शरीर में विटामिन्स की पूर्ति कैसे होती है?हम जानते हैं कि विटामिन्स विविध प्रकार के कार्बनिक यौगिक हैं। ये भोजन के सार तत्व कहलाते हैं, इनका निर्माण शरीर में नहीं हो पाता, इसलिये भोजन के रुप में ऊपर से लेना पड़ते हैं। ये संतुलित आहार के मुख्य अवयव हैं।यद्यपि शरीर को इनकी अल्पमात्रा की ही जरुरत होती हैं यह मात्रा न मिलने पर विविध प्रकार की गंभीर बीमारियाँ पनपने लगती हैं। विटामिन्स कई प्रकार के होते हैं। इनकी लगभग 20 किस्मे हैं शरीर में अलग-अलग विटामिन्स की कमी से विविध बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती हैं।मनुष्य को पौधों तरकारियों और जीवों से विविध प्रकार के विटामिन प्राप्त होते रहते हैं। जैसे - सलाद में नीबू, टमाटर खाने से विटामिन-सी प्राप्त होता है। घी तथा वसा तेलों से विटामिन ए मिलता है। इसी प्रकार दलिया से विटामिन-ई तथा फलों से विटामिन बी प्राप्त हो जाता है।विटामिन का आविष्कार 1911 में फंक ने किया था भोजन पकाने की दोषपूर्ण विधि से कुछ विटामिन नष्ट हो जाते हैं, कुछ जल में घुल जाते है कुछ नही।