Devil se Mohhabat - 11 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | Devil se Mohhabat - 11

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Devil se Mohhabat - 11

जिसे सुन विधि जबरदस्ती अपने होठों पर मुस्कुराहट लाए,,,सॉरी सर ,,,और फिर क्लास ओवर होने का वेट करने लगती है ,, 

और जैसे क्लास ओवर होती है,,,,,,विधि प्रोफेसर से पहले ही,,,,,दौड़ते हुए क्लास से बाहर निकल जाती है,,,, 

और वही प्रोफेसर अंजलि को भागता देख,,,,,पक्का इस लड़की ने कोई शरारत की होगी ,,,,,कभी नहीं सुधरेगी,,,,,,यह कहे वह भी क्लास से बाहर निकल जाते हैं,,,, 

 और वही क्लास में सभी बच्चे  ,,,,विधि को भगता देख,,,,इससे क्या हुआ,,,,हमें कुछ बताया भी नहीं ,,,भाग गई

और वही विधि अपने घर पहुंचती है,,,,और दौड़ते हुए मेंशन के अंदर जाती है,,,,,और चारो तरफ देखने लगती है,,,,,तो उसे वहां कोई नहीं दिखता है,,,,जिससे विधि चिखाते हुए दाई मां 

जिससे दाई मां ,,,,जो अंजलि के रूम में बैठी थी,,,,विधि की आवाज सुन ,,,आ गयी शैतान,,,, 

की तब तक विधि दौड़ते हुए ,,,,विराज के कमरे में ही आ जाती है,,  और  बगैर कुछ कहे,,,,,,सिद्धा कमरे में आ अंजलि को देखते हैं,,  तो उसे देखते रह जाती है ,,,,और एकाएक उसके मुंह से निकलता है ,,,,अरे तुम तो वही बटरफ्लाई वाली हो  ,,,ना

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अब आगे,, ____________________

जिसे सुन दाई मां,,,,विधि की तरफ देखते हुए ,,,,क्या विधि तुम अंजलि को जानती हो,, 

जिसे सुन,,,,,हा दाई मा यह वही बटरफ्लाई वाली है,,,,जिसने मुझे बटरफ्लाई दिया था ,,,,यह कहकर कि मैं बटरफ्लाई की जैसे दिखती हूं ,,, ,यह कहते हुए विधि ,,,,के ऑटो पर अब भी मुस्कुराहट थी ,,,,,क्योंकि विधी थी ऐसी,,,सबकी लाडली

और फिर बेड पर जल्दी से कुद,,, बैठ जाती है,,,और विधि अंजलि को देखते हुए ,,,,,,अपनी उंगली अंजलि के गालों पर रख देती है ,,,,और फिर मुस्कुराते हुए,,,,मुझे यकीन नहीं हो रहा,,,,कि तुम मेरी भाभी बन गई,,, 

और वही अंजलि जिसकी आंखों में आंसू थे ,,,,,,,,विधि को देख उसके भी होठों पर मुस्कुराहट आ जाती है,,,,,क्योंकि उसे विधि अब भी ,,,,,याद था,,   की कैसे वह बच्चों की तरह बच्चों के साथ खेल रही थी,,,,,,और यही चीज तो,,,,,उसे बहुत पसंद आई थी विधि की ,,,,,क्योंकि वहां पर कई बच्चे थे ,,,,जो उदास थे,,,,,,लेकिन विधि विधि की एक स्माइल ,,,,सब बच्चों को मुस्कुराना सिखा दिया था,,, 

और ऐसे ही विधि सारा दिन ,,,अंजलि के साथ बैठी रहती है,,,,,दाई मा ने उसे ,,,,कितनी बार ,,,विधि जाकर अपना  कॉलेज का काम कंप्लीट करो,,,,,लेकिन विधि तस से मस  नहीं हुई,,,,,और ऐसे ही रात में हो जाती है,,, 

और विधि अब भी अंजलि को छोड़ नहीं रही थी,,,,,अब तो विराज भी घर आ गया था ,,,,,और विराज घर आते ही ,,,,सबसे पहले ,,,,विधि के बारे में पूछता है,,,,,जिससे दाय मा ,,,,,वह तो तुम्हारी कमरे में है ,,,,,तुम्हारी बीवी के साथ,,,,छोड़ ही नहीं रही,,,, 

मुझे तो ऐसा लग रहा है,,,,कि तुम्हारी शादी अंजलि से नहीं ,,,,,विधी की शादी अंजलि से हुई है,,,,यह कहे वह हंसने लगती है,,, 

और वही विराज दाई मां की बात सुन ,,,,,गुस्से से अपने कदम ,,,,अपने कमरे की तरफ बढ़ा देता है ,,, 

तो देखता है,,,,कि विधि आब भी,,,,हंस-हंसकर अंजलि से बातें किया कर रही थी ,,,,,और अंजलि भी,,,,,जिसे देख विराज गुस्से से ,,,,,अपने कमरे में ,,,,,,विधि क्या तुमने,,,,,,अपने कॉलेज का काम कंप्लीट किया,,,,,जिसे सुन विधि अपना सर झुका लेती है ,, 

जिस विधि को दोबारा विराज की गुस्से भरी आवाज सुनाई देती है,,,,,तो जाओ,,,और अभी इसी वक्त ,,,,,सबसे पहले अपने कॉलेज का काम कंप्लीट करो ,,,,,और हां तब ही तुम कमरे से बाहर निकलना,,,,जब तक तुम्हारा कॉलेज का काम कंप्लीट नहीं हो जाता,,, 

जिसे सुन विधी अपना सर उठा विराज की तरफ देखते पर भाई,,,,मुझे भाभी

विधी अभी,,,,विराज फिर से गुस्से में,,,,सुना नहीं तुमने ,,,, मैंने कहा अभी इसी वक्त ,,,,अपने कमरे में जाओ,,, 

जिसे सुन विधि गुस्से से एक नजर विराट को घुर ,,,,,दौड़ते हुए अपने कमरे में चली जाती है,,,,,और अपने भाई को सुनाते हुए ,,,,,डेविल कहीं के अभी तक नहीं सुधरे,,,,शादी हो गई फिर भी ,,,,,कितनी प्यारी बीवी मिली है,,,,तब भी गुस्सा अरे ,,,,,अब तो बदल जाए,,, 

देखना भगवान करें जैसे इन्होने मुझे कमरे से धक्के मार के  निकाला है,,,,,,,, एक दिन भाभी भाई को,,,कमरे से धक्के मार के निकाले,,,तब पता चलेगा ,,,,कि कितना दुखता है,,,,,जब कोई ऐसा करता है,,, 

और वही अंजलि विराट की आवाज सुन ,,,,,अपनी आंखें बंद कर ली थी,,,,,,,क्योंकि उसे डर लग रहा था ,,,,

कि,उनकी शादी हुई है ,,,,,तो,,,,,और बहुत कुछ होगा,,,,,,जिसे सोच कर ही,,,,,अंजलि का धड़कन बढ़ गई थी ,,,,,और उसे हल्का-हल्का पसीना आने लगा था ,,,,,कि तभी उसे अपने कानों में दरवाजा बंद होने की आवाज आती है,,,,,जिसे सुन प्रिया ,,,,,अपना सर उठा सामने देखती है तो,,,,,विराज उसी की तरफ आ रहा था,,,, 

जिसे देख अंजलि की तो जैसे सांस ही रुक गई हो ,,,,,,और उसकी धड़कन बढ़ चुकी थी ,,,,,,जिसे अंजलि पीछे की तरफ खींचते हुए ,,,,,,देखो तो तुमने शादी जबरदस्ती की थी,,,,,लेकिन फर्स्ट नाइट जबरदस्ती नहीं मना सकते ,,,,,,,अंजलि का इतना  कहना था कि ,,,,,विराट के कदम वहीं रुक जाते हैं,,, 

और वह अंजलि के ऊपर से नीचे घूमने लगता है,,,,,,क्योंकि उसके दिमाग में ऐसा कुछ चल ही नहीं रहा था ,,,,,,उसने तो सोचा भी नहीं था,,,,,कि वह अंजलि के साथ फर्स्ट नाइट बनाएगा,,,, ,,, विराज चाहे अंजलि से अट्रैक्टिव हो जाए ,,,,,लेकिन उसके दिमाग में ऐसा कुछ नहीं चलता,,,,,उसे तो बस,,,,अब गुस्सा आ रहा था,,,,,,कि कहीं उसने गलती तो नहीं करदि,,,,अपने खानदान की तबाही करने वाले की ,,,,बेटी से शादी करके,,,, 

जिससे विराज अंजलि पर गुस्से से भडकते हुए,,,,,,अपने दिमाग की     ,,,यह घोड़े चलाना बंद करो,,,,,,मुझे तुम्हें कोई इंटरेस्ट नहीं है ।,,,,

 तुम्हारे दिमाग में इतना चीप और घटिया बात,,,,आया कहां से ,,,कि मैं तुम्हारे साथ फर्स्ट नाइट बनाऊंगा ,,,,,तुम्हें लगता है,,,,,कि मै तुम जैसी  घटिया लड़की के साथ,,,,,,

जिसका खून इतना गंदा हो ,,,,उसे में छोडूंगा ,,,,

 तुम्हारे साथ फर्स्ट नाइट मान ,,,,,तुम्हें छूने की तो बात छोड़ो ,,,,तुम्हें देखना भी ना चाहूं मैं ,,,,

क्योंकि तुम्हारे रगों में गंदा खून जो बहता है ,,,,,ऐसे इंसान की बेटी हो,,,,,,,जिसे मैं अपने आसपास भी ना भटकने दूं ,,,,और तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हें छोडूंगा ,,,,या कहते हुए विराज अब भीभी, ,,पने कदम अंजलि की तरफ बढ़ा रहा था ,,,,

और वही अंजलि विराज की बात सुन ,,,अपना सर उठा,,,,विराज को देख रही थी ,,, 

 कि तभी विराट अंजलि का हाथ पकड़,,,,उसे अपने करीब खींच लेता है ,,,,,और फिर उसके गालों को दबा,,,,,,अपने फेस के बिल्कुल नजदीक ला,,,,,गुस्से से,,अंजलि के आंखों में घूरते हुए,,,,,,, कहीं तुम कुछ ज्यादा तो नहीं उड़ने लगी इस शादी से तो भूल जाए शादी को सिर्फ यह एक नाम की शादी है मेरा तुम्हारा कोई वास्ता नहीं तुम सिर्फ और सिर्फ मेरा एक रास्ता हो जिस पर चलकर मुझे तेरे बाप तक पहुंचना है और उसे मौत के घाट उतारना है और उसके बाद धीरे-धीरे  खानदान को मैं मिट्टी में मिला दूंगा 

विराज का इतना ही कहना था , कि,, कि अंजलि विराज को देखते हुए ,,,,नो  विराज ,,,तुम ऐसा क्यों करोगे,,,,इन सब में मेरे घर वालों का क्या कसूर है,,,,तुम क्यों हमारे पीछे पड़े हो,,,,,हम तो तुम्हें,,,,

उसने इतना ही कहा होगा कि विराज ,,,,अपना हाथ आगे बढ़ा अंजलि के जबड़े को पकड़ ,,,,दबाते हुए ,,,,खबरदर अगर मेरे सामने,,,,अपनी यह जुबान खोली तो ,,,,,आज तो छोड़ रहा हूं ,,,,  बाय गॉड अगली बार मैं तुझे छोड़ूंगा नहीं ,,,,,ऐसी हालत करुंगा,,,,,कि जिंदगी में किसी के सामने बोलने से पहले,,,,सौ बार सोचोगे

और फिर अंजलि के जबड़े पर पकड़ टाइट करते हुए ,,,,और हां,,,मैं यहां तेरी शक्ल नहीं देखने आया हूं ,,, 

,,, तू बस मेरी बहन से दूर रहोगी ,,,,सुना तुमने ,,,,,अगर दोबारा मैंने विधि के साथ ,,, तुझे हंसता हुआ देखा,,,,,तो तुम्हारी फर्स्ट नाइट का पता नहीं ,,,,,लेकिन तुम्हारी लास्ट नाइट जरूर मना दूंगा,,,,,, जिसे तुम सह नहीं पाओगी ,,,,यह कह विराज अंजलि को पीछे की तरफ धक्का दे देता है ,,,,,जिससे अजली सीधा बेड पर ,,,जा गिरती है

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,,,और वहीं दूसरी तरफ विधि ,,,,घड़ी देखते हुए,,,,,क्या रात हो गई ,,,,,और मैं अभी तक अपना काम शुरू भी नहीं किया,,,,अब क्या करूं ,,,,,विवेक को ढुडना होगा,,,,,उसके साथ,, वन नाइट स्टार जो करना है ,,,,यह कह विधि अपने कमरे से निकल जाती है,,,,और विवेक के कमरे में जा देखती है,,,,,तो विवेक कमरे में नहीं था ,   जिसे देख अब यह कहां है ,,,,, 

की तबी उसे दाई मां की आवाज आती है ,,,,,,विधि बेटा नीचे आ,, जाओ,,, ,डिनर कर लो,,,,,जिसे सुन विधि दौड़ते हुए ,,,,

नीचे जा डिनर करने लगती है ,,,,,की तभी उसकी नजर विवेक पर जाती है ,,,,,,जो डाइनिंग टेबल पर बैठा,,,,आराम से डिनर कर रहा था,,,,,,उसे डिनर करता देख,,,,,,,, खाओ खाओ ,,,,आज पूरी रात ,,,,मेहनत जो करनी है,,,,,थक जाओगे ना ,,,,,,और फिर विधि अपने खाने की तरफ देखते हुए ,,,,,और विधि तू भी खाले,,,,मेरे मे तो ,,,,इतनी जान भी नहीं है ,,,,,,कैसे पूरी रात ,,,,,यह कहते हुए विधि खाना खाने लगती है,,, 

आज के लिए बस इतना ,,,,तो देखते हैं,,, कि विधि के दिमाग में ,,,,,ऐसा क्या चल रहा था,,,,, विराज और अंजलि  का रिश्ता कैसा होगा,,,जाने के लिए पढ़ते रहें