Devil Ceo Ki Mohabbat - 48 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 48

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 48

अब आगे,

 

आराध्या के ऐसे बाथरूम की तरफ भाग जाने से अर्जुन के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और अब अर्जुन ने अपने कोट की जेब से अपना फोन निकल लिया और फिर अपने कमरे मे मौजूद किंग साइज सोफे पर जाकर बैठ गया और अपने फोन मे कुछ इंपोर्टेंट ईमेल्स देखने लगा..!

 

वही आराध्या ने बाथरूम मे जाकर बाथरूम का दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया और जमीन पर बैठ कर रोने लगी और साथ में रोते हुए ही अपने आप से कहने लगी, "क्यू महादेव क्यू आखिर मै ही क्यू पहले ही मेरी जिंदगी में मुसीबतें कम थी जो आप ने एक और मुसीबत को भेज दिया और इस इंसान (अर्जुन) से मिलने से पहले मेरी जिंदगी चाहे जैसी भी थी पर ठीक ही थी लेकिन मै खुश थी पर इस इंसान (अर्जुन) ने मुझे मेरी बेस्ट फ्रेंड जानवी और तो और मेरी फैमिली से भी दूर कर दिया है और मुझे जबरदस्ती अपने साथ रखने के लिए मजबूर कर रहा है..!"

 

अपनी बात कह कर अब आराध्या अपना सिर अपने घुटनों के बीच में रख कर रोने लगी जिस से उस के रोने की आवाज बाहर बैठे अर्जुन को सुनाई न दे सके..!

 

वही अर्जुन अपने कमरे के किंग साइज सोफे पर बैठ कर अपने फोन मे कुछ इंपोर्टेंट ईमेल्स देखते हुए आराध्या के बाथरूम से आने का इंतजार कर रहा था..!

 

अर्जुन, अराध्या का इंतजार ही रहा था कि उस को उस के बाथरूम का दरवाजा खुलने के आवाज आई तो अब अर्जुन ने उस तरफ देख रहा था तो आराध्या अपना सिर नीचे की तरफ करते हुए बाथरूम से बाहर आ रही थी..!

 

आराध्या जब बाथरूम से बाहर निकल आईं तो अब अर्जुन ने उस को देखते हुए उस से पूछा, "क्या हुआ, तुम बाहर क्यू आ गई हो, क्या तुम्हे कोई परेशानी है तो मुझ से कहो..!"

 

अर्जुन की बात सुन कर अब आराध्या अपनी गर्दन को नीचे झुका कर ही धीरे से उस से कहा, "वो..वो मेरे पास कपड़े नही है तो मुझे समझ में नही आ रहा है कि मै नहा कर क्या पहनूगी..!"

 

आराध्या की बात सुन कर, अब अर्जुन के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और अब उस ने अपना फोन टेबल पर रख दिया और आराध्या की तरफ बढ़ गया और आराध्या के पास पहुंच कर उस से कहने लगा, "बस इतनी सी बात के लिए मेरी जान तुम परेशान हो रही थी 1 मिनट रुको मै अभी आता हूं..!"

 

अर्जुन के मुंह से अपने लिए जान शब्द सुन कर आराध्या, अर्जुन को हैरानी से देखने लगी..!

 

अपनी बात कह कर अब अर्जुन अपनी अलमीरा की तरफ बढ़ गया और अपनी अलमीरा को खोल कर उस मे से अपनी एक व्हाइट कलर की शर्ट निकाल ली और अब आराध्या के पास जाकर उस को देते हुए उस से कहने लगा, "ये लो मेरी जान, अभी के लिए तुम मेरी ये शर्ट पहन लो, और बाद में हम दोनो तुम्हारे लिए शॉपिंग करने चलेंगे और वहा से तुम अपनी पसंद से कपड़े ले लेना तो अभी के लिए तो तुम इस से ही काम चला लो..!"

 

अर्जुन की पूरी बात सुन कर, अराध्या उस को हैरानी से देखने लगी और फिर उस को देखते हुए अपनी हैरान नजरो से उस को धीरे से कहा, "मगर, ये तो आप के कपड़े है ना तो ये मै केसे पहन सकती हु..!"

 

आराध्या की बात सुन कर, अब अर्जुन के चेहरे पर एक तिरशी मुस्कान आ गई और अब उस ने अब बिना समय गंवाए अपना एक हाथ बढ़ा कर अराध्या की कमर में डाल कर उस को अपने करीब कर लिया और उस से कहने लगा, "हां, आज से मेरी हर एक चीज तुम्हारी होती हैं तो तुम मेरी किसी भी चीज को यूज कर सकती हो..!"

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।