अब आगे,
आराध्या के जमीन पर गिर जाने के बाद,
अब अर्जुन ने अपने गुस्से से अपने दात पीसते हुए उस से कहा, "मेरी एक बात अपने दिमाग में गांठ बांध लो कि अब तुम यहां से कही नही जाने वाली हो और तुम्हे हमेशा हमेशा के लिए अब मेरे साथ और मेरे पास ही रहना पड़ेगा और जितना जल्दी तुम इस बात को समझ लोगी उतना ही तुम्हारे लिए अच्छा होगा, समझ में आया तुम्हे..!"
अर्जुन की पूरी बात सुन कर अब आराध्या ने उस से कुछ नही कहा बल्कि और जोर जोर से रोने लगी..!
अर्जुन ने जब देखा कि आराध्या ने उस की बात सुन कर भी कुछ नही कहा था तो अब उस ने अराध्या के हाथ को पकड़ कर उस को अच्छे से खड़ा करा और अपनी कड़क आवाज में उस से कहने लगा, "क्या तुम्हे सुनाई नही दिया कि मैने अभी तुम से कुछ कहा है क्या तुम्हे समझ में आ गया या फिर मैं, तुम्हे किसी और तरीके से समझाऊं..!"
अर्जुन की पूरी बात सुन कर आराध्या इतना तो समझ ही गई थी कि अब अगर उस ने अर्जुन की बात का जवाब नही दिया तो वो, उस के साथ कुछ भी कर सकता हैं..!
बस इसलिए ही आराध्या ने अपनी आंखे बंद कर के डरते डरते ही सही मगर अपनी गर्दन को दो से तीन बार हिला दी..!
आराध्या के ऐसे अपनी गर्दन को हिलाने से अब अर्जुन ने उस को उस के हाथ से पकड़ उस को अपने करीब कर लिया और उस से कहने लगा, "मुझे तुम्हारे मुंह से शब्द सुनने है, समझ में आया..!"
अर्जुन की बात सुन कर, अब आराध्या ने अपनी आंखो को खोल कर, अर्जुन को देखा और फिर अपनी कांप कांपाती आवाज में अर्जुन से कहा, "ह.. हां, मुझे समझ में आ गया है..!"
आराध्या की बात सुन कर अब अर्जुन का गुस्सा थोड़ा शांत हो गया और अब अर्जुन ने अराध्या के हाथ को छोड़ दिया और उस से कहा, "हां अब ठीक है और हां एक बात और याद रखना मुझे मेरी बात को सुन कर भी अनसुना करने वाले लोग बिलकुल भी पसंद नही है तो तुम अब से मेरी कोई भी बात सुन कर अनसुना नही करोगी और तुम्हारी आंखों से ये अंशु क्यू निकल रहे हैं और किस ने इजाजत दी तुम को रोने की और अभी के अभी रोना बंद करो तुम...!"
अर्जुन की पूरी बात सुनते ही अब आराध्या अपना रोना बंद कर दिया मगर अब ऐसे अचानक उस के रोना बंद करने से उस की हिचकीया शुरू हो गई और अब आराध्या, अर्जुन के इतने करीब खड़े होकर अपना सिर नीचे कर के हिचकीया ले रही थी..!
वही अब अर्जुन को जब आराध्या की हिचकियों की आवाज सुनाई पड़ी तो अब अर्जुन ने अपने एक हाथ से आराध्या के चेहरे को ऊपर कर के अपनी तरफ कर लिया..!
और अपने दूसरे हाथ के अंगूठे से अराध्या की आंखो से निकल रहे आशुओ को पोश लिया और उस से बहुत प्यार से कहा, "अब जाओ और जल्दी जाकर फ्रेश हो जाओ और उस के बाद हम दोनो साथ में मिल कर नाश्ता करेगे क्योंकि तुम ने कल रात से कुछ भी नही खाया है तो तुम्हे भूख भी लग रही होगी ना..!"
अर्जुन की पूरी बात सुन कर अब आराध्या ने जल्दी से अपनी गर्दन को हां मे हिला दिया और फिर बाथरूम की तरफ भाग गई..!
To be Continued......
हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल “मातृभारती" पर।