Devil Ceo Ki Mohabbat - 44 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 44

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 44

अब आगे,

अब अर्जुन को समीर की बात समझ में नहीं आती है और अब वो, पीछे मुड़ कर कन्फ्यूज होकर अपने इकलौते दोस्त समीर को देख रहा होता है और साथ में उस से कहता है, 

" तू, कहना क्या चाहता है और मैने आराध्या के साथ क्या गलत करा है जबकि तू अच्छे से जानता है कि मुझे अपनी बातो को दोहराना बिलकुल भी पसंद नही है फिर भी मैने आराध्या को प्यार से बहुत बार समझाया फिर भी वो मेरी बात नही मान रही थी बस इसलिए मुझे उस पर थोड़ा गुस्सा करना पड़ा..!" 

अर्जुन की पूरी बात सुन कर, समीर थोड़े गुस्से से अर्जुन से कहता है, 

" थोड़ा गुस्सा ये क्या होता है अर्जुन और तूने आज जो उस के साथ किया है ना, तुझे क्या लगता है वो तुझे ऐसे अपना लेगी नही बिलकुल भी नही अपनाएगी समझ में आया तुझे और एक बात अच्छे से समझ ले कि तू आराध्या को ऐसे जबरदस्ती अपने पास नहीं रख सकता है और हालत देखी है तूने उस की कितनी डरी और सहमी हुई सी लग रही थी और ऊपर से तुम्हारा व्यवहार सुभान अल्लाह हो रखा है और उस ने ऐसा भी क्या गलत कह दिया जिस की वजह से तुम उस पर इतना गुस्सा कर रहे थे और उस ने सही तो कहा था कि वो कोई चीज नहीं है जो तुम्हे पसंद आ गई है और तू उस को उठा कर अपने घर ले आया है और उस की भी अपनी जिंदगी है अपनी फीलिंग्स है कि वो किस के साथ रहना चाहती हैं और किस को पसंद करती है और किसे नहीं और अगर आराध्या, तुझे पसंद नही करती हैं तो तुझे कोई अधिकार नहीं है कि तू उस को अपने पास जबरदस्ती रख सके और आराध्या को ऐसे अपने पास रख कर तू उस को उस के परिवार वालों और दोस्तो से दूर कर रहा है जो कि गलत है और मेरी मान ले अभी भी समय है उस को यहां से अपनी बेस्ट फ्रेंड के पास जाने दे..!" 

समीर की पूरी बात सुन कर, अब अर्जुन का जो गुस्सा अभी तक शांत नही हुआ था वो अब फिर से भड़क जाता हैं और वो गुस्से से समीर से कहता है, 

" नही बिलकुल भी नही, मै उस को अपने से दूर कही भी नही जाने दूंगा चाहे उस की मर्जी हो या नही और उस को मेरे साथ ही रहना पड़ेगा चाहे कुछ भी हो जाए और मुझे कोई फर्क नही पड़ता है कि वो अपने परिवार वालों से दूर है या अपने बेस्ट फ्रेंड से और मै उस को अपने से कभी भी दूर जाने नही देने वाला हु क्योंकि मैं ये बर्दाश नही कर सकता हु कि आराध्या मुझे छोड़ कर जाए इसलिए वो हमेशा मेरे साथ ही रहेगी चाहे प्यार से या फिर जबरदस्ती से..!"

अर्जुन की पूरी बात सुनने के बाद, समीर ने उस को बिना किसी भाव से अर्जुन को देखा और अपने दोनो हाथों को बांध कर खड़ा हो जाता है और उस को देखते हुए कहने लगता है, 

" और तू, अराध्या को यहां अपने विला पर किस अधिकार से रखेगा और कभी न कभी तो वो यहां से भागने की कोशिश करेगी ही और क्या पता वो कभी यहां इस विला से भागने मे सफल भी हो जाए तो तू केसे रोकेगा उस को यहां से भागने से..!" 

समीर की बात सुन कर, अर्जुन का चेहरा बिल्कुल खतरनाक हो जाता हैं और वो अपनी सुर्ख लाल आंखो से समीर को देखता है और शांत मगर डरा देने वाली आवाज में उस से कहता है, 

" ऐसा कभी भी नही होगा और अगर ऐसा हुआ भी तो मै उस को ऐसा सबक सिखाऊंगा कि वो दुबारा करना तो क्या उस के बारे में सोचने से पहले भी हजार बार सोचेगी..!" 

अपनी बात कहकर अब अर्जुन फिर से आराध्या से मिलने के लिए अपने कमरे की तरफ जाने के लिए सीढ़ियों की तरफ बढ़ जाता है..!

To be Continued......❤️✍️

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