Devil Ceo Ki Mohabbat - 42 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 42

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 42

अब आगे,

 

आराध्या ने अपना हाथ अर्जुन से झटक कर छुड़वा लिया था और गुस्से से अब अर्जुन को देखते हुए उस से कहने लगी, "मै कोई सामान नही हु जो आप ने मुझे देखा और मुझे उठा कर अपने घर में ले आए हो, अरे भई मै भी इंसान हु, मेरी भी कुछ पसंद, ना पसंद, कुछ फीलिंग्स है कि मुझे क्या पसंद है और क्या नही और मुझ पर मेरा पूरा अधिकार है कि मै किस के साथ रहूंगी और किस के साथ नही और मै आप के साथ बिलकुल भी नही रहना चाहती हूं और मुझे अपनी बेस्ट फ्रेंड के पास जाना है..!"

 

अपनी बात कह कर अब आराध्या, अर्जुन को गुस्से से घूर रही थी और वही अर्जुन ने जब सुना कि आराध्या उस के पास नही रहना चाहती हैं तो उस का गुस्सा शांत होने की बजाए और बढ़ गया..!

 

और अब अर्जुन ने अराध्या के पास पहुंच कर उस का हाथ दुबारा से पकड़ लिया और वो भी पहले से ज्यादा कस कर और साथ में उस से कहने लगा, "तुम्हे मेरी प्यार से समझाई हुई बाते समझ में नही आती हैं न तो मै खुद ही तुम्हे अपने कमरे तक छोड़ कर आता हु..!"

 

अपनी बात कह कर अब अर्जुन, अराध्या के हाथ को कस कर पकड़े हुए और लगभग खींचते हुए अपने कमरे की तरफ जाने के लिए सीढ़ियों की तरफ बढ़ने लगा..!

 

वही पर खड़ा हुआ अर्जुन का इकलौता दोस्त समीर को ये सब आराध्या के साथ करता हुआ देख कर अब उस को अपने दोस्त अर्जुन पर बहुत ज्यादा ही गुस्सा आ रहा था और साथ में आराध्या के लिए बहुत दुखी भी था..!

 

वही अर्जुन, अराध्या का हाथ कस कर पकड़े हुए आराध्या को सीढ़ियों से ऊपर जबरदस्ती अपने कमरे की तरफ ले जा रहा था और वही आराध्या, अर्जुन से बार बार अपने हाथ को छोड़ देने के लिए कह रही थी क्योंकि उस को अपने हाथ में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था..!

 

वही दूसरी तरफ, दिल्ली में ही, शेखावत क्लब में,

 

ये क्लब, अर्जुन का ही था और यहां पर करीब 25 वर्षीय एक लड़का अपनी सीट पर बैठे हुए अपने गिलास में बार बार वाइन भर कर पिए जा रहा था जबकि वो पूरी तरह से नशे में चूर हो चुका था और फिर भी रुकने का नाम नही ले रहा था..!

 

वह लड़का ड्रिंक कर ही रहा था कि वहा एक लड़का जो उस से थोड़ा बड़ा होगा पर ज्यादा नही वो उस ड्रिंक करने वाले लड़के के पीछे जाकर खड़ा हो गया और उस लड़के ने बॉडीगार्ड्स टाइप ड्रेस पहनी हुई थी..!

 

और जैसे ही वो बॉडीगार्ड टाइप लड़का उस ड्रिंक कर रहे लड़के को कुछ बोलने को हुआ ही था तभी वो ड्रिंक कर रहा लड़का अपने पीछे मुड़े बगैर ही उस बॉडीगार्ड्स टाइप लड़के से बोलने लगा, "तुम लोग मुझे अकेला क्यू नही छोड़ देते हो और मै अब कोई बच्चा नहीं रह गया हु जो तुम लोग हर समय मेरे ऊपर अपनी नजर गड़ाए रहते हो..!"

 

अब उस ड्रिंक कर रहे लड़के की बात सुन कर, उस के पीछे खड़ा बॉडीगार्ड टाइप लड़का उस से कहने लगा, "सर, आप बार बार क्यू बिना बताए गायब हो जाते है और अगर आप बॉस को या फिर समीर सर को भी बता कर जायेंगे तो फिर हमे कभी भी आप पर अपनी नजर गड़ाने की जरूरत ही नही पड़ेगी ना..!"

 

उस बॉडीगार्ड टाइप लड़के की बात सुन कर, वो ड्रिंक कर रहा लड़का उस से कहने लगा, "अगर "अर्जुन सिंह शेखावत" तुम्हारा बॉस है न तो मै भी उन का छोटा भाई हु तो मै भी तुम्हारे लिए किसी बॉस से कम नही हु फिर क्यू तुम लोग मेरी बातो को सीरियस नही लेते हो, बताओ मुझे..!

 

अपनी बात बोलते बोलते ही वो ड्रिंक कर रहा लड़का बेहोश हो गया और वो जैसे ही गिरने को हुआ तो वहा खड़ा हुआ बॉडीगार्ड टाइप ड्रेस पहने हुए लड़के ने जल्दी से उस को पकड़ लिया और अच्छे से उस की सीट पर दुबारा से बैठा दिया..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।