Devil Ceo Ki Mohabbat - 41 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 41

Featured Books
  • ફરે તે ફરફરે - 37

    "ડેડી  તમે મુંબઇમા ચાલવાનુ બિલકુલ બંધ કરી દીધેલુ છે.ઘરથ...

  • પ્રેમ સમાધિ - પ્રકરણ-122

    પ્રેમ સમાધિ પ્રકરણ-122 બધાં જમી પરવાર્યા.... પછી વિજયે કહ્યુ...

  • સિંઘમ અગેન

    સિંઘમ અગેન- રાકેશ ઠક્કર       જો ‘સિંઘમ અગેન’ 2024 ની દિવાળી...

  • સરખામણી

    સરખામણી એટલે તુલના , મુકાબલો..માનવી નો સ્વભાવ જ છે સરખામણી ક...

  • ભાગવત રહસ્ય - 109

    ભાગવત રહસ્ય-૧૦૯   જીવ હાય-હાય કરતો એકલો જ જાય છે. અંતકાળે યમ...

Categories
Share

डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 41

अब आगे,

 

आराध्या रोते हुए, समीर से मदद मांग रही थी और वही समीर को अराध्या का ऐसे रोना अच्छा नही लग रहा था पर उस को समझ भी नही आ रहा था कि आखिर वो, अराध्या की मदद करे तो करे केसे..!

 

वही अर्जुन भी अब अपनी कंपनी जाने के लिए बिलकुल तैयार हो चुका था और अपने कमरे से बाहर निकल कर वहा बनी रैली पर से नीचे हॉल की तरफ देखने लगा तो उस का चेहरा बिल्कुल सक्त हो गया क्योंकि आराध्या, उस के इकलौते दोस्त समीर के पास खड़ी होकर रो रही थी..!

 

और उस के इकलौते दोस्त समीर की नजर सिर्फ और सिर्फ आराध्या पर ही थी जिसे देख कर हमारे अर्जुन का गुस्सा बर्दाश के बाहर हो चुका था क्योंकि उस को बिलकुल भी पसंद नही था कि कोई उस की मनपसंद चीज या लोगो को देखे या उस को छुए...!

 

अब अर्जुन अपने फुल स्टाइल के साथ थ्री पीस फॉर्मल सूट पहने हुए सीढ़ियों से नीचे हॉल की तरफ आ गया और वही जब आराध्या ने अर्जुन को देखा तो अब वो डर कर अर्जुन के इकलौते दोस्त समीर के पीछे छिप गई..!

 

वही जब अर्जुन ने आराध्या को उस के ही इकलौते दोस्त समीर के पीछे छिपते हुए देखा तो अपने गुस्से से आराध्या को देखते हुए कहने लगा, "मैने तुम्हे तैयार होने को कहा था जिस से हम दोनो साथ में ब्रेकफास्ट कर सके और तुम हो कि यहां से भागने की कोशिश कर रही हो जो तुम्हारे लिए तो नामुमकिन है तो मेरी बात मानो और जाकर तैयार हो जाओ..!"

 

वही अर्जुन की बात सुन कर भी आराध्या अभी भी अर्जुन के इकलौते दोस्त समीर के पीछे ही छिपी हुई उस को ही देख रही थी...!

 

वही अर्जुन ने जब देखा कि आराध्या उस की बात नही मान रही है तो अब उस ने अराध्या से इस बार थोड़ी तेज आवाज में कहा, "तुम ने सुना नही क्या जो मैने तुम से अभी अभी कहा है और मैने तुम्हे कल ही बता दिया था कि मुझे अपनी बात को दोहराना बिलकुल भी पसंद नही है इसलिए चुप चाप उस कमरे में वापस जाओ जिस कमरे से तुम भाग कर आई हो और जाकर तैयार हो जाओ क्यूंकि मै आज तुम्हारे साथ ब्रेकफास्ट करना चाहता हूं..!"

 

अर्जुन की पूरी बात सुन कर अब आराध्या थोड़ी हिम्मत कर समीर के पीछे से बाहर आ गई और अब थोड़े से गुस्से के साथ चिल्लाते हुए और अर्जुन को देखने के साथ उस से कहने लगी, "और मैने भी आप को बोल दिया है न कि मुझे आप के साथ नही रहना है और मुझे यहां से बाहर निकल कर अपनी बेस्ट फ्रेंड के पास जाना है और क्यू आप ने मुझे यहां बंद कर के रखा हुआ है आखिर आप मुझ से चाहते क्या है और क्यू मुझे यहां से जाने नही दे रहे है..!"

 

आराध्या का अर्जुन के ऊपर ऐसे चिल्लाने से अर्जुन का गुस्सा बढ़ चुका था क्योंकि आज तक किसी ने भी अर्जुन के ऊपर ऐसे चिल्लाना तो दूर उस को नजर उठा कर भी नही देखा था और वही आज आराध्या, अर्जुन पर ऐसे चिल्ला रही थी..!

 

और यही बात अर्जुन को बिलकुल भी बर्दाश नही हो रही थी और अब अर्जुन, अराध्या के पास पहुंच गया और अपने हाथ से आराध्या के हाथ को कस कर पकड़ लिया और साथ में अब आराध्या से कहने लगा, "तुम्हारी हिम्मत भी केसे हुई मुझ पर ऐसे चिल्लाने की और आज के बाद तुम ने मुझ से ऐसे बात करी ना तो मै तुम्हारा वो हाल करूंगा जो तुम ने कभी सोचा भी नही होगा और मैने तुम से पहले भी कहा है और अब भी कह रहा हु कि तुम अब से मेरे साथ और मेरे ही पास रहोगी चाहे तुम्हारी मर्जी हो या फिर नही मुझे उस से कोई फर्क नही पड़ता है और तुम कितना भी चीखों या चिल्ला लो और चाहे कुछ भी कर लो तुम्हे रहना तो यहीं मेरे विला में मेरे पास ही है और रही बात चाहने की तो तुम मुझे पसंद हो और मैं तुम्हे चाहता हु और इसलिए ही तुम मेरे साथ रहोगी समझी और अगर अब तुम्हे अपने सारे सवालों के जवाब मिल गए हैं तो वापस उसी कमरे में जाओ और जाकर तैयार हो जाओ..!"

 

अर्जुन की पूरी बात सुन कर, अब आराध्या को उस हैरान होकर देख रही थी और कुछ देर तक अर्जुन को हैरानी से देखने के बाद, अराध्या ने अर्जुन के हाथ से अपना हाथ को झटक कर छुड़वा लिया..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।