Devil Ceo Ki Mohabbat - 37 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 37

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 37

अब आगे,

 

गर्ल्स हॉस्टल में, अराध्या और जानवी का कमरा,

 

जानवी अपने कमरे में बैठ कर आराध्या के बारे में सोच रही थी और इस समय जानवी के चेहरे पर परेशानी के भाव थे क्योंकि उस की आराध्या अब तक हॉस्टल वापस नही आई थी..!

 

जबकि शाम भी खतम होने चली थी और अब तो रात होने वाली है और न ही उस की कोई खबर मिल रही थी कि अचानक वो कहां चली गई है..!

 

जानवी को कुछ समझ में नही आ रहा था कि आखिर वो क्या करे और उस की अरु कहा है और किस हाल में है अब उस को कोई उम्मीद भी नजर नही आ रही थी..!

 

और अब जानवी की आखरी उम्मीद बस राहुल है और जानवी बहुत अच्छे से जानती है कि राहुल कभी भी आराध्या के लिए उस की मदद नही करेगा..!

 

और जानवी इस समय कुछ भी नही कर सकती थी शिवाए अपनी अरु के आने के इंतजार के अलावा..!

 

और तो और जानवी इस समय पुलिस स्टेशन भी नही जा सकती थी क्योंकि पुलिस भी 24 घंटे होने से पहले ना तो कोई रिपोर्ट दर्ज करेगी और न ही आराध्या को ढूंढने में उस की कोई मदद कर पाएगी..!

 

इसलिए जानवी अपने बेड पर बैठ कर अब आराध्या की फिकर करते हुए सुबह होने का इंतजार करने लगी..!

 

वही दूसरी तरफ, अर्जुन का विला, अर्जुन के कमरे में,

 

आराध्या रोते रोते ही बेड के पास ही सो चुकी थी, आराध्या बेड पर अपना सिर रख कर सो रही थी कि तभी अर्जुन के कमरे का दरवाजा खुल गया और खुद अर्जुन ही अपने कमरे में अंदर आने लगा..!

 

जब अर्जुन अपने कमरे में अंदर आया तो उस की नजर उस के किंग साइज बेड के पास बैठ कर सो रही आराध्या पर गई और आराध्या को ऐसे सोता हुआ देख अर्जुन उस की तरफ बढ़ गया..!

 

अर्जुन, आराध्या के पास पहुंच कर नीचे बैठ गया और आराध्या के चेहरे को देखने लगा और अर्जुन, आराध्या को बहुत ही गौर से देख रहा था..!

 

अब अर्जुन की नजर आराध्या के गालों पर गई जहा अब तक लाल निशान पड़ चुके थे और आराध्या के गालों पर निशानों को देख कर अर्जुन को याद आ गया कि आराध्या को ये निशान उस के गुस्से की वजह से ही मिले है..!

 

अर्जुन कुछ देख तक आराध्या के गालों को देखता रहा और फिर अपने हाथ से आराध्या के गालों को सहलाने लगा और साथ में सोई हुई आराध्या से कहने लगा, "आराध्या, मै तुम्हारे साथ ऐसा व्यवहार नही करना चाहता था मगर जब तुम ने कहा कि तुम मुझे छोड़ कर चली जाओगी और तुम्हे मेरे साथ नही रहना है तो ये बात सुन कर मैं अपने गुस्से को काबू नही कर पाया और एक बात अच्छे से याद रखना आराध्या कि तुम कभी भी मुझे गुस्सा मत दिलाना जब तक तुम मेरी बाते मानोगी मै तुम्हारे साथ कभी भी ऐसा व्यवहार दुबारा नहीं करूंगा, मगर तुम ने मुझ से दुबारा ये कहा कि तुम तुम्हे मेरे साथ नही रहना है तो मै अपने आप को रोक नही पाऊंगा, साथ में तुम कभी भी मेरे सहने की लिमिट क्रॉस करनी की कोशिश मत करना नही तो तुम्हे मेरा वो रूप देखने को मिलेगा जो आज तक जिस किसी ने भी देखा वो सिर्फ और सिर्फ डरा ही है..!"

 

अपनी बात कह कर अर्जुन ने अब आराध्या के माथे को चूम लिया और उस को अपनी बाहों में उठा लिया और फिर अपने किंग साइज बेड पर आराम से लिटा भी दिया और साथ में उस को ब्लैंकेट भी उड़ा दिया और फिर अपनी टावल लेकर बाथरूम में फ्रेश होने के लिए चला गया..!

 

और कुछ देर बाद,

 

एक लोवर और टी शर्ट पहन कर बाथरूम से बाहर आ गया और अब अपने किंग साइज बेड पर आराध्या के पास जाकर लेट गया और आराध्या को अपने करीब कर लिया और साथ में उस को अपनी बाहों में भर कर सो गया..!

 

To be Continued.....

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।