Devil Ceo Ki Mohabbat - 32 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 32

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 32

अब आगे,

 

अपने दोस्त अर्जुन की बात सुन कर, समीर ने थोड़ा परेशान होते हुए उस से कहा, "यार, तू समझ क्यू नही रहा है...!"

 

समीर अपनी बात पूरी कर पता अर्जुन ने उस को रोकते हुए खुद बीच में बोलने लगा, "मुझे तुम्हारी कोई भी बात समझने की जरूरत नही है और तुम मेरी एक बात कान खोल कर सुन लो कि ये मेरा पर्सनल मैटर है और तुम्हे इस मे ना तो कुछ बोलने की इजाजत है और और न ही कुछ करने की और साथ में जितना भी हो सके तुम मेरे इस मैटर और मेरी आराध्या से दूर ही रहोगे...!"

 

अपनी बात कह कर अब अर्जुन, अपने इकलौते दोस्त समीर को घूर रहा था जैसे वो उस को वार्निग दे रहा हो..!

 

और फिर अर्जुन सीढ़ियों से ऊपर अपने कमरे की तरफ जाने लगा और वही अर्जुन का दोस्त समीर और अर्जुन का पर्सनल बॉडीगार्ड तन्मय उस को ऊपर जाते हुए देख रहे थे..!

 

अब अर्जुन के इकलौते दोस्त समीर ने आराध्या की फिकर करते हुए अपने आप में बड़बड़ाते हुए कहा, "पता नही क्या चल रहा है अर्जुन के दिमाग में और अब ये अराध्या के साथ क्या करेगा ये तो कोई भी नही बता सकता है और पता नही आराध्या, इस से कैसे टकरा गई और वो अर्जुन जिस ने किसी भी लड़की को एक नजर भर तक नही देखा वो, आज आराध्या के लिए इतना पागल हो गया है कि उस को किडनैप ही कर के ले आया है...!"

 

अपनी बात कह कर समीर भी अपने कमरे की तरफ बढ़ गया क्योंकि समीर भी अर्जुन के साथ उस के विला में ही रहता था और इस के एक वजह ये भी है कि समीर और अर्जुन का पर्सनल बॉडीगार्ड तन्मय उस के अंडरवर्ल्ड के सारे काम और मीटिंग्स देखते थे..!

 

और दूसरी वजह ये है कि समीर और अर्जुन साथ में ही बिजनेस भी कर रहे थे और इसलिए समीर का अर्जुन के विला में होना बहुत जरूरी भी था..!

 

वही दूसरी तरफ, गर्ल्स हॉस्टल में,

 

अब तक, जानवी उस जगह से वापस अपने हॉस्टल में आ गई थी और जैसे ही वो अपने हॉस्टल के गेट से अंदर घुसी तो उस को वहा हॉस्टल की वॉर्डन खड़ी हुई मिल गई है जिन्हे देख जानवी ने हफते हुए उन से पूछने लगी, "मैम, क्या आराध्या वापस आ चुकी है...?"

 

जानवी की बात सुन कर, पहले तो वो वार्डन कुछ देर याद करने की कोशिश करी और फिर जब उन्हें कुछ याद नहीं आया तो वो अपनी डेस्क पर पहुंच गई और वहा रखी रजिस्टर में आराध्या की आने की एंट्री देखने लगी..!

 

और जब उन्हें आराध्या के आने की कोई भी एंट्री नही मिली तो अब उन्होंने जानवी से कहा, "आराध्या के जाने की एंटी तो मैंने खुद की थी पर आने की नही करी थी क्योंकि उस समय मुझे किसी का कॉल आ गया था पर इस रजिस्टर के मुताबिक इस मे आराध्या के जाने की एंट्री तो है मगर आने की नही है जिस का मतलब ये है कि अभी आराध्या हॉस्टल में नही आई है...!"

 

जब जानवी ने वार्डन की बात सुनी तो उस को उन की बातो पर विश्वास नहीं हुआ अब इसलिए वो अब खुद वार्डन के हाथ से रजिस्टर ले लिया और फिर उस मे आराध्या के आने की एंट्री देखने लगी और सच में अब उस को आराध्या के आने की एंट्री नही मिली..!

 

जिस कारण अब जानवी अब आराध्या के लिए और भी ज्यादा घबराने लगी और अब आराध्या के जाने की एंट्री देखने लगी जिस से उस को पता चला कि..!

 

आराध्या की जाने की एंट्री चार घंटे पहले की थी जबकि जानवी को अच्छे से पता है कि आराध्या जिस बुक स्टोर पर जाती हैं  उस को वहा से आने जाने में बस दो घंटे ही लगते है...!

 

और जबकि आराध्या को गए हुए 4 घंटे हो चुके हैं फिर जब वहा खड़ी वार्डन ने जानवी के चेहरे का रंग उड़ा हुआ देखा तो वो, जानवी से पूछने लगी, "क्या हुआ जानवी, कोई बात है तो मुझे बता सकती हो...?"

 

उस वार्डन की बात सुन कर, जानवी ने अपना सिर ना मे हिला दिया और वहा से न चाहते हुए भी अपने कमरे की तरफ बढ़ गई..!

 

जानवी अपने कमरे की तरफ जा तो रही थी पर आराध्या के लिए परेशान होते हुए अपने ही मन में कहने लगी, "आराध्या को गए हुए पूरे चार घंटे हो चुके हैं और उस का फोन मुझे उस बुक स्टोर जाने वाले रास्ते पर पड़ा हुआ मिला तो आराध्या ऐसे खुद से कहा जा सकती हैं जबकि आराध्या अपने फोन के बिना एक मिनट भी नही रह पाती है तो वो खुद से तो अपना फोन ऐसे कही गिराएगी नही तो शायद उस का फोन उस के बैग से गिर गया हो और भगवान करे मेरी अरु जहा कही पर भी हो बस सही सलामत होनी चाहिए और उस के साथ कुछ भी गलत न हुआ हो...!"

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।