Devil Ceo Ki Mohabbat - 31 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 31

Featured Books
Categories
Share

डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 31

अब आगे,

 

अपने दोस्त समीर की बात सुन कर अब अर्जुन अपने दोस्त समीर से कहने लगा, "तुम ने आराध्या को मेरे साथ इसलिए भी नही देखा था क्योंकि मैं खुद उस से कल ही मिला हु..!"

 

अपने दोस्त अर्जुन की बात सुन कर समीर के होश ही उड़ गए और वो कुछ सोचते हुए, अपने दोस्त अर्जुन से पूछने लगा, "एक मिनट तू, आराध्या को किडनैप कर के लाया है, तुझे पता भी है तूने क्या किया है...!"

 

अपने दोस्त समीर की बात सुन कर भी, अर्जुन अपनी किंग साइज कुर्सी से उठ खड़ा हो गया और एक नजर अपने दोस्त समीर को देखा पर फिर भी वो, समीर की बातो का कोई जवाब नही दे रहा था..!

 

जब समीर देखा कि उस का दौर अर्जुन उस की बात का कोई जवाब नही दे रहा तो वो समझ गया कि उस का दोस्त अर्जुन, आराध्या को किडनैप करके ही लाया है..!

 

अब समीर ने अपने दोस्त अर्जुन के लिए थोड़ा परेशान होते हुए उस से कहने लगा, "तुझे पता भी है तूने क्या किया है और तूने आज तक कोई भी इलीगल काम खुद से नही किया है क्योंकि दुनिया के सामने "डेविल" कौन है ये किसी को भी पता नही लगना चाहिए और आज तुम ने खुद से एक लड़की का किडनैप कर लिया है जबकि तुम ने बहुत से इलीगल काम किए हैं मगर कभी लड़कियों का किडनैप नही किया तो फिर आज आराध्या को किडनैप करने के लिए खुद जाने की क्या जरूरत पड़ गई थी अगर किसी ने तुझे देख लिया होता तो तेरी रेपुटेशन का क्या होता और उस लड़की की क्या गलती है जो तुम उस को यहां लेकर आए हो बताओगे तुम मुझे..? "

 

अपने दोस्त समीर की बात सुन कर, अर्जुन उस की तरफ देखने लगा और उस से कहने लगा, "आराध्या की कोई भी गलती नही है और मै, उस को यहां कोई सजा देने के लिए नही लाया हु बल्कि आराध्या मुझे पसंद आ गई है बस इसलिए ही मैं उस को यहां लेकर आया हु और अब आराध्या मेरे साथ यही रहेगी वो भी हमेशा के लिए, मै उस को अपने से कभी दूर जाने नही दूंगा..!"

 

अपने दोस्त अर्जुन की बात सुन कर, समीर ने उस पर थोड़ा गुस्सा करते हुए कहने लगा, "अच्छा और जब उस को होश आएगा, तो तब क्या कहेगा उस से...!"

 

अपने दोस्त समीर की बात सुन कर, अर्जुन ने उस की ओर देखा और उस से अपनी कड़क आवाज में उस से कहा, "आराध्या के होश आने पर मुझे उस से क्या कहना है और क्या नही, ये मेरी परेशानी है इस मे तूझे परेशान होने की कोई जरूरत नही है क्युकी "अर्जुन सिंह शेखावत" अपने परेशानी खुद संभालना जानता है...!"

 

अपने दोस्त अर्जुन की बात सुन कर, समीर उस को हैरान होकर देखने लगा और वही कुछ देर सोचने के बाद, समीर ने अपने दोस्त अर्जुन से कहा, "और जब आराध्या के परिवार को पता चलेगा कि उन की बेटी गायब है या उस का किडनैप हो गया है तो क्या वो लोग तेरे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे...?"

 

अपने दोस्त समीर की बात सुन कर, अर्जुन उस को अपनी डेविल स्माइल देते हुए कहने लगा, "जब उस के परिवार को कुछ पता चलेगा तभी तो वो लोग कोई एक्शन लेंगे न...!"

 

अपने दोस्त अर्जुन को देख कर और उस की बात सुनने के बाद, समीर कन्फ्यूज्ड होकर अपने दोस्त अर्जुन से पूछने लगा, "मतलब, तू कहना क्या चाहता है...?"

 

अपने दोस्त समीर का सवाल सुन कर, अर्जुन ने अपने दोस्त समीर से कहा, "यही कि आराध्या का परिवार दिल्ली में न रहकर बरेली में रहता है और वो अपने परिवार से दूर रह कर यहां अकेले पढ़ने के लिए आई हुई है तो फिर आराध्या के परिवार वालों को केसे पता लगेगा कि उन की बेटी किडनैप हो गई है...!"

 

अपने दोस्त अर्जुन की बात सुन कर, समीर थोड़े गुस्से से अपने दोस्त अर्जुन से कहने लगा, "इस का मतलब तू पहले ही आराध्या के बारे में सब कुछ पता कर चुका है...!"

 

अपने दोस्त समीर की बात सुन कर, अब अर्जुन अपनी किंग साइज कुर्सी पर दुबारा बैठते हुए अपने दोस्त समीर से कहने लगा, "तो तुझे क्या लगा था कि मै, बिना किसी प्लान के ये सब करूंगा..!"

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।