Devil Ceo's Sweetheart - 58 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 58

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 58

अब आगे,

 

अब खुशी ने अपनी कार को पार्किंग में लगा कर उस को लॉक कर दिया और फिर अपनी सब से अच्छी दोस्त रूही का हाथ पकड़ कर उस को उस बड़े से हाई फाई मॉल के अंदर ले जाने लगी..!

 

वही रूही ने अपनी अब तक की जिंदगी में पहली बार किसी ऐसे बड़े और हाई फाई मॉल को देखा था और पहली बार ही उस बड़े और हाई फाई मॉल में जा रही थी..!

 

और साथ में कोई अनजान भी उस के चेहरे को देख कर बता सकता था कि उस को पहली बार मॉल देख कर कितनी खुशी हो रही थी और मानो जैसे वो आज एक अलग ही दुनिया में पहुंच गई हो..!

 

फिर रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उस को मॉल के किसी एक्सपेंसिव कपड़े की शॉप में लेकर गई तो वहा पर तो रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने अपनी सब से अच्छी दोस्त रूही के हाथ छोड़ दिया..!

 

और उस एक्सपेंसिव कपड़ो की शॉप में अंदर चली गई मगर रूही वही दरवाजे पर ही खड़ी हो गईं क्योंकि वो कपड़े की शॉप बहुत ही एक्सपेंसिव लग रही थी..!

 

और रूही तो अपने परिवार की फाइनेंशियल कंडीशन को अच्छे से जानती ही थी बस इसलिए अब उस से उस एक्सपेंसिव कपड़े की शॉप के अंदर तक नही जाया जा रहा था और अब वो वही साइड में खड़ी होकर अपनी इकलौती दोस्त खुशी के आने का इंतजार करने लगी..!

 

और उस मॉल की शॉप से गुजर रहे लोगो जिन में से लड़के और आदमियों की नजर सिर्फ और सिर्फ रूही के चेहरे की खूबसूरती को निहार रही थी और कुछ अपनी गंदी नजरो से भी उस को ऊपर से नीचे तक देख रहे थे..!

 

और वही उन के साथ घूम रही लड़किया और औरते रूही के खूबसूरत चेहरे को देख कर उस से जल रही थी और साथ में उस के लो क्लास कपड़ो पर अपने खराब कॉमेंट भी पास कर रही थी..!

 

कुछ देर बाद,

 

अब रूही को अपने ऊपर उन लड़कों और आदमियों की नजर से अनकंफरटेबल फील हो रहा था और साथ में आते जाते लड़कियों और औरतों का उस को देख कर जलना और उस के लो क्लास कपड़ो को देख कर खराब कमेंट्स देना बस अपनी बेज्जती करवाना महसूस हो रहा था..!

 

और इसलिए अब रूही वहा से बाहर की ओर जाने लगी ही थी कि तभी पीछे से किसी ने उस का नाम पुकारा और अपना नाम सुन कर अब रूही ने पीछे मुड़ कर देखा तो वहा उस की इकलौती दोस्त खुशी खड़ी हुई थी..!

 

अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने अपनी सब से अच्छी दोस्त रूही से पूछा, "कहां जा रही हो मैडम और वो भी अपनी इकलौती दोस्त को छोड़ कर और तू इस कपड़ो की शॉप में अंदर क्यू नही आई..?"

 

अपनी इकलौती दोस्त खुशी की बात सुन कर, अब रूही को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर वो कहे तो क्या ही कहे क्योंकि अब वो अपने घर की हालत तो पूरे समाज के सामने बता नही सकती थी ना और रूही का चेहरा ही भले बिना कुछ लगाए ही इतना खूबसूरत जरूर था मगर उस के कपड़े बहुत ही लो क्लास लग रहे थे..!

 

जिस को देख लग रहा था कि उस ने किसी रेड़ी वालो से कपड़े लिए होंगे जो दिखने भले ही ठीक ठाक हो मगर उन कपड़ो की क्वालिटी बिलकुल भी अच्छी नहीं थी और वो भी उस को ये कपड़े भी तभी नसीब होते थे जब उस के सगे पिता अमर घर पर होते थे और उस को घर से बाहर निकलने के इजाजत मिली हो..!

 

रूही को कुछ न बोलता देख कर अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी ने उस का हाथ पकड़ लिया और अब की बार उस को अपने साथ ही उस एक्सपेंसिव कपड़े की शॉप के अंदर ले गई और वहा पर इवनिंग गाउन सेक्शन में जाकर अपने लिए कोई अच्छी सी ड्रेस देखने लगी..!

 

और अब रूही को उस एक्सपेंसिव कपड़े की शॉप में खड़े मेल और फीमेल एम्प्लॉय घूर घूर कर ऊपर से नीचे तक देख रहे थे और रूही को बहुत ही अजीब लग रहा था और साथ में अब वो अपना सिर नीचे कर के खड़ी हुई थी..!

 

वही अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी को कोई एक ड्रेस पसंद आ गई और वो अब अपनी सब से अच्छी दोस्त रूही से कहने लगी, "मै ये ड्रेस चेंज कर के आती हु और तब तक के लिए तू भी अपने लिए कोई ड्रेस पसंद कर ले ठीक है ना..!"

 

अब रूही की इकलौती दोस्त खुशी की पसंद करने वाली बात सुन कर अब रूही कुछ बोल पाती उस से पहले ही उस की इकलौती दोस्त खुशी चेंजिंग रूम में चली गई और रूही उस को जाते हुए देख रही थी..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।