Devil Ceo's Sweetheart - 56 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 56

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 56

अब आगे,

 

अब तक राजवीर की आंखे अपने गुस्से की वजह से लाल हो चुकी थी और जिसे देख कर राजवीर के विला में मौजूद सभी लोग यानी उस के नोकर, बॉडीगार्ड्स और ड्राइवर सब की हालत खराब हो रही थी..!

 

और साथ में वहा राजवीर के विला में खड़े सभी लोगो को रूही के सगे पिता अमर पर बहुत तरस आ रहा था क्योंकि आज तक कोई भी राजवीर के गुस्से से बच नहीं पाया था..!

 

वही रूही के सगे पिता अमर ये सोच रहे थे कि किसी अनजान नंबर से मैसेज किस का आया होगा क्यूंकि अभी तो बस उस के दोस्त सुखविंदर सिंह का ही मैसेज आया था तो फिर ये अनजान नंबर किस का हो सकता है..!

 

अब राजवीर ने अपने गुस्से में रूही के सगे पिता अमर के सामने अपनी गन को लोड कर दिया और रूही के सगे पिता अमर पर अपनी गन को प्वाइंट कर उस गन का ट्रिगर दबाने ही वाला था..!

 

कि राजवीर के पी ए दीप ने हिम्मत कर उस को रोकने की कोशिश करते हुए राजवीर से कहा, "रुकिए बॉस, इस आदमी (रूही के सगे पिता अमर) को अननोन नंबर से मैसेज जरूर से आया है मगर वो मैसेज इन की सगी बेटी रूही ने ही भेजा है..!"

 

राजवीर के पी ए दीप ने अपने बात एक सांस मे ही बोल दी थी और साथ में उस को आज अपनी बात बोल कर बहुत खुशी हो रही थी कि अगर वो आज नही बोला होता तो आज रूही के सगे पिता अमर का आखरी दिन होता और राजवीर के पी ए दीप को इस बात की खुशी थी कि उस की वजह से किसी आदमी (रूही के सगे पिता अमर) की जान बच गई..!

 

अपने पी ए दीप की बात सुन कर, राजवीर ने अब अपनी गन नीचे करने की बजाए अब वही गन अपने पी ए दीप पर प्वाइंट कर दी और अपने गुस्से में अपने पी ए दीप से कहा, "तुम ने मुझ से झूट क्यू बोला कि इस आदमी (रूही के सगे पिता अमर) को किसी अनजान नंबर से मैसेज आया है तो फिर वो मैसेज इस की सगी बेटी रूही का केसे हो सकता है..?"

 

अपने बॉस राजवीर के गुस्से को देख कर ही राजवीर के पी ए दीप की हालत खराब हो रही थी और ऊपर से राजवीर ने अब अपनी गन भी अपने पी ए दीप के ऊपर ही प्वाइंट कर दी थी जिस से राजवीर के पी ए दीप के मुंह से एक शब्द भी नही निकल रहा था..!

 

जब राजवीर के पी ए दीप ने राजवीर की बात सुन कर भी कोई जवाब नही दिया तो राजवीर ने अपने गुस्से से चिल्लाते हुए अपने पी ए दीप से कहा, "लगता है तुम्हारे दिन भर गए हैं तभी तुम मेरी बात का कोई जवाब नही दे रहे हो..!"

 

राजवीर की तेज तर्रार आवाज सुन कर अब उस के पी ए दीप ने अपने मन में कहा, "जल्दी कुछ बोल नहीं तो आज ये डेविल (राजवीर) तेरी जान लेकर ही रहेगा..!"

 

अपनी बात अपने मन में ही बोल कर अब राजवीर के पी ए दीप ने राजवीर से कहा, "वो..वो...!"

 

राजवीर का पी ए दीप आगे बोलता उस से पहले ही राजवीर ने अपने गुस्से मे अब अपने पी ए दीप से कहा, "आगे बोलेगा या मैं तुझे डायरेक्ट ऊपर ही पहुंचा दू..!"

 

राजवीर की बात सुन कर ही राजवीर के पी ए दीप ने अपना स्लाइवा गटक लिया और अब हिम्मत कर के अपने बॉस राजवीर से कहा, "अनजान नंबर से ही मैसेज आया है मगर उस मे लिखा हुआ है कि पापा, मै रूही बोल रही हूं और ये नंबर मेरी इकलौती दोस्त खुशी का है और मै अपना फोन घर पर ही भूल गई हु इसलिए अपनी इकलौती दोस्त खुशी के नंबर से आप को मैसेज कर रही हु और जिस से आप आज अभी कुछ देर पहले ही मिले थे और मैने आप को ये बताने के लिए मैसेज किया है कि मै अपनी इकलौती दोस्त खुशी के साथ उस के एक दोस्त की बर्थडे पार्टी अटेंड करने के लिए उस के घर पर जा रही हु तो मै शाम तक घर आ जाऊंगी और वो भी मेरी इकलौती दोस्त खुशी ही मुझे घर छोड़ कर चली जायेगी तो आप परेशान मत होना और मां (सौतेली मां कुसुम) को घर पर बता देना..!"

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।