अब आगे,
अपनी बात कह कर रूही के सगे पिता अमर बहुत खुश हो गए कि अब तो उन की जान को भी खतरा नही होगा और न ही उन के दोस्त सुखविंदर को..!
और हां, वो बात अलग थी कि उन्होंने अपनी खुशी अपने चेहरे पर जाहिर नही होने दी थी...!
मगर लगता है हमारे राजवीर ने तो किसी के चेहरे तक को पढ़ने में पीएचडी कर रखी थी, वो तो तभी समझ गया था कि कुछ तो गड़बड़ जरूर से है नही तो ये रूही के सगे पिता अमर जो इतनी देर से राजवीर के विला को देखने के चक्कर मे राजवीर को ही अनदेखा कर रहे थे..!
और फिर वो भी अपने ही फोन मे एक मैसेज पढ़ कर एक दम से उस के पास माफी मांगने केसे पहुंच गए और अब इसलिए राजवीर ने रूही के सगे पिता अमर से कहा, "अच्छा, ऐसी बात है क्या..!"
अपने बॉस (राजवीर) की बात सुन कर, अब रूही के सगे पिता अमर ने झट से अपना सिर हां मे हिला दिया, जिसे देख कर राजवीर के चेहरे पर एक तिरछी मुस्कान आ गई..!
और राजवीर की मुस्कान को देख कर राजवीर के पी ए दीप और पर्सनल बॉडीगार्ड देव ने अपने स्लाइवा गटक लिया..!
क्योंकि इस का मतलब था कि राजवीर अच्छे से समझ चुका है कि रूही के सगे पिता अमर उस से झूठ बोल रहे थे और रूही के सगे पिता अमर के साथ अब कुछ भी हो सकता था..!
या फिर ये कहो कि राजवीर कुछ भी कर सकता था, क्योंकि राजवीर को झूठ सुनने और बोलने वालो से सक्त नफरत है..!
और अब राजवीर ने रूही के सगे पिता अमर की तरफ इशारा करते हुए अपने पी ए दीप से कहा, "जरा इस आदमी का फोन चेक तो करो, मै भी तो देखूं इन की सगी बेटी रूही ने अपने सगे पिता को क्या मैसेज किया है..!"
राजवीर की बात सुन कर ही रूही के सगे पिता अमर के तो होश ही उड़ चुके थे और साथ में उन के शरीर में डर की एक लहर ही दौड़ गई..!
वही राजवीर की बात सुन कर, अब उस का पी ए दीप ने रूही के सगे पिता अमर के पास पहुंच गए और उन से उन का फोन मांगने लगे पर रूही के सगे पिता अमर मे इतनी हिम्मत नही हो रही थी कि..!
वो अपना फोन भी निकल सके क्योंकि अगर राजवीर के पी ए दीप ने उन का फोन देख लिया तो आज राजवीर, उन को अपने विला से जिंदा वापस नही जाने देगा..!
वही राजवीर का पी ए दीप अब रूही के सगे पिता अमर से उन का फोन मांग रहा था पर रूही के सगे पिता अमर पीछे हट रहे थे जिसे देख कर अब राजवीर ने अब अपने पर्सनल बॉडीगार्ड देव को तो एक नजर देखा..!
तो अब राजवीर के पर्सनल बॉडीगार्ड देव ने अब रूही के सगे पिता अमर को पीछे से पकड़ लिया और राजवीर के पी ए दीप ने रूही के सगे पिता अमर की पैंट की जेब से उन का फोन निकल लिया..!
जिसे देख कर अब रूही के पिता अमर का चेहरा बिल्कुल रोने जैसा हो चुका था वो, बार बार राजवीर के पी ए दीप से अपना फोन लेने की कोशिश कर रहे थे तो राजवीर का पर्सनल बॉडीगार्ड देव ने उन पर अपनी गन को प्वाइंट कर दिया..!
जिसे देख कर रूही के सगे पिता अमर वही स्टेच्यू बन कर खड़े हो गए और अब उन के चेहरे पर डर साफ साफ दिखाई दे रहा था और साथ में अब रूही के सगे पिता अमर को देख कर उन के दोस्त सुखविंदर सिंह का भी बुरा हाल हो रहा था..!
और अब वो अपने मन में अपने वाहेगुरु (भगवान) जी से प्रार्थना करते हुए कहने लगे, "ये मेरे वाहेगुरु (भगवान) मेरी और मेरे वीरे (रूही के सगे पिता अमर) की जान बचवा दो, मै आप का बहुत बहुत आभारी रहूंगा..!"
वही जब रूही के सगे पिता अमर का फोन राजवीर के पी ए दीप ने देखा तो अब मेसेजर मे जाकर सबसे पहले जो भी मैसेज आया हुआ था उस को देखने के लिए ओपन कर लिया..!
और उस को पढ़ने के बाद अब उस ने, राजवीर को ही देख रहा था और जब राजवीर देखा कि उस का पी ए दीप उस की तरफ ही देख रहा है तो अब राजवीर ने अपने पी ए दीप से पूछा, "देख लिया पहला मैसेज किस का आया है और क्या लिख कर भेजा है इस आदमी को इस की सगी बेटी रूही ने..?"
अब राजवीर ने अपने पर्सनल बॉडीगार्ड देव को देख कर उस से कहा, "अगर पहला मैसेज इस आदमी की सगी बेटी रूही का नही हुआ ना तो अपनी गन की 6 की 6 गोली इस के भेजे मे उतार देना और जिस ने भी इस आदमी को मैसेज भेजा हो उस को जमीन में जिंदा ही दफन कर देना..!"
To be Continued......
हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।